नकद कटौती
jp Singh
2025-06-04 21:52:36
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नकद कटौती
नकद कटौती
नकद कटौती
नकद कटौती एक ऐसी छूट है जो विक्रेता द्वारा खरीदार को तब दी जाती है, जब खरीदार चालान की राशि को निश्चित समय-सीमा के भीतर भुगतान करता है। यह छूट आमतौर पर चालान पर एक शर्त के रूप में उल्लिखित होती है, जैसे "2/10, नेट 30," जिसका अर्थ है कि यदि खरीदार 10 दिनों के भीतर भुगतान करता है, तो उसे 2% की छूट मिलेगी, अन्यथा पूरी राशि 30 दिनों में चुकानी होगी। नकद कटौती का मुख्य उद्देश्य नकदी प्रवाह को बढ़ाना और भुगतान में देरी को कम करना है।
नकद कटौती के उदाहरण
चालान पर छूट: यदि चालान की राशि ₹10,000 है और शर्त "3/15, नेट 30" है, तो खरीदार को 15 दिनों के भीतर भुगतान करने पर ₹300 (3%) की छूट मिलेगी, और उसे केवल ₹9,700 चुकाने होंगे।
थोक व्यापार: थोक विक्रेता अक्सर खुदरा विक्रेताओं को नकद कटौती प्रदान करते हैं ताकि जल्दी भुगतान सुनिश्चित हो।
सेवा क्षेत्र: परामर्शदाता या सेवा प्रदाता समय पर भुगतान के लिए ग्राहकों को नकद कटौती दे सकते हैं।
नकद कटौती का महत्व
नकदी प्रवाह में सुधार: नकद कटौती विक्रेता को जल्दी भुगतान प्राप्त करने में मदद करती है, जिससे कार्यशील पूंजी (Working Capital) की उपलब्धता बढ़ती है।
ग्राहक प्रोत्साहन: यह खरीदारों को समय पर भुगतान करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे डूबत ऋण (Bad Debt) का जोखिम कम होता है।
प्रतिस्पर्धात्मक लाभ: नकद कटौती प्रदान करने से विक्रेता ग्राहकों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध बना सकता है।
लेखांकन दक्षता: यह भुगतान चक्र को छोटा करता है, जिससे लेखांकन प्रक्रिया सरल होती है।
नकद कटौती का लेखांकन विक्रेता और खरीदार दोनों के लिए अलग-अलग होता है:
विक्रेता के लिए: नकद कटौती को बिक्री छूट (Sales Discount) के रूप में दर्ज किया जाता है।नकद/बैंक खाता (Cash/Bank A/c) Dr. ₹9,700 बिक्री छूट खाता (Sales Discount A/c) Dr. ₹300 प्राप्य खाता (Accounts Receivable A/c) Cr. ₹10,000
खरीदार के लिए: नकद कटौती को खरीद छूट (Purchase Discount) के रूप में दर्ज किया जाता है।देय खाता (Accounts Payable A/c) Dr. ₹10,000 नकद/बैंक खाता (Cash/Bank A/c) Cr. ₹9,700 खरीद छूट खाता (Purchase Discount A/c) Cr. ₹300
भारत में कराधान
भारत में, वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तहत, नकद कटौती को चालान के बाद की छूट माना जाता है। यदि नकद कटौती दी जाती है, तो विक्रेता क्रेडिट नोट जारी करता है, और GST को समायोजित किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि ₹10,000 के चालान पर 18% GST (₹1,800) लागू है और 2% नकद कटौती दी जाती है, तो शुद्ध राशि ₹9,800 होगी, और GST को समायोजित किया जाएगा।
चुनौतियाँ
लाभ मार्जिन पर प्रभाव: अधिक नकद कटौती देने से विक्रेता का लाभ मार्जिन कम हो सकता है। अनौपचारिक क्षेत्रक में प्रबंधन: अनौपचारिक क्षेत्रक में, जहाँ लेखांकन प्रणाली सीमित होती है, नकद कटौती का रिकॉर्ड रखना और GST समायोजन करना मुश्किल हो सकता है। दुरुपयोग: कुछ खरीदार अनुचित रूप से नकद कटौती की मांग कर सकते हैं।
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jp Singh
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