Incremental Capital Output Ratio - ICOR
jp Singh
2025-06-04 21:25:17
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Incremental Capital Output Ratio - ICOR
Incremental Capital Output Ratio - ICOR
वृद्धिमान पूँजी निर्गत अनुपात (Incremental Capital Output Ratio - ICOR)
वृद्धिमान पूँजी निर्गत अनुपात (Incremental Capital Output Ratio - ICOR) एक आर्थिक संकेतक है जो यह दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था या किसी विशिष्ट क्षेत्र में एक अतिरिक्त इकाई उत्पादन (आउटपुट) प्राप्त करने के लिए कितनी पूँजी निवेश की आवश्यकता होती है। यह निवेश की दक्षता को मापता है।
ICOR की गणना:
$$ICOR = \frac{\Delta K}{\Delta Y}$$ जहाँ:
ΔK: पूँजी निवेश में वृद्धि (Incremental Capital Investment)।
ΔY: उत्पादन या आय में वृद्धि (Incremental Output)।
उदाहरण: यदि किसी SHG को 10,000 रुपये का अतिरिक्त निवेश करने पर उसकी आय में 2,000 रुपये की वृद्धि होती है, तो:$$ICOR = \frac{10,000}{2,000} = 5$$ इसका अर्थ है कि 1 रुपये की आय वृद्धि के लिए 5 रुपये का निवेश आवश्यक है। कम ICOR बेहतर निवेश दक्षता को दर्शाता है।
ICOR की विशेषताएँ:
निवेश दक्षता: कम ICOR का मतलब है कि कम पूँजी निवेश से अधिक उत्पादन प्राप्त हो रहा है, जो उच्च दक्षता दर्शाता है।
आर्थिक विकास: ICOR का उपयोग आर्थिक विकास की योजना बनाने में किया जाता है, जैसे कि कितना निवेश GDP वृद्धि के लिए आवश्यक है।
क्षेत्र-विशिष्ट: ICOR विभिन्न क्षेत्रों (जैसे कृषि, उद्योग, सूक्ष्म वित्त) में भिन्न हो सकता है।
प्रभावित करने वाले कारक: प्रौद्योगिकी, श्रम उत्पादकता, और बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता ICOR को प्रभावित करते हैं।
भारत में ICOR (2025 तक):
भारत में ICOR आमतौर पर 4 से 5 के बीच रहा है (आर्थिक सर्वेक्षण और योजना आयोग के आंकड़े), जिसका अर्थ है कि 4-5 रुपये के निवेश से 1 रुपये की GDP वृद्धि होती है।
सूक्ष्म वित्त/SHG में ICOR: सूक्ष्म साख और SHG के लिए ICOR अपेक्षाकृत कम हो सकता है, क्योंकि छोटे निवेश (जैसे सूक्ष्म साख) से त्वरित आय वृद्धि (जैसे हस्तशिल्प बिक्री) प्राप्त होती है।
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jp Singh
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