Foreign Direct Investment - FDI
jp Singh
2025-06-04 21:18:24
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Foreign Direct Investment - FDI
Foreign Direct Investment - FDI
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश(Foreign Direct Investment - FDI)
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) तब होता है जब कोई विदेशी कंपनी, व्यक्ति, या संस्था किसी अन्य देश (जैसे भारत) में व्यवसाय में निवेश करती है, आमतौर पर दीर्घकालिक हिस्सेदारी या नियंत्रण के लिए। यह निवेश नए व्यवसाय शुरू करने, मौजूदा व्यवसायों में हिस्सेदारी खरीदने, या बुनियादी ढांचे के विकास के लिए हो सकता है। भारत में FDI को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विनियमित किया जाता है।
FDI के प्रकार:
ग्रीनफील्ड निवेश: विदेशी कंपनी भारत में नया व्यवसाय शुरू करती है (जैसे, नई फैक्ट्री या कार्यालय)।
ब्राउनफील्ड निवेश: विदेशी कंपनी किसी मौजूदा भारतीय कंपनी में हिस्सेदारी खरीदती है या उसका अधिग्रहण करती है।
संयुक्त उद्यम (Joint Venture): विदेशी और भारतीय कंपनी मिलकर व्यवसाय शुरू करती हैं।
पुनर्निवेश: विदेशी कंपनी अपनी आय को भारत में ही पुनर्निवेश करती है।
भारत में FDI नीति (2025 तक):
स्वचालित मार्ग (Automatic Route): कुछ क्षेत्रों में (जैसे ई-कॉमर्स, विनिर्माण) 100% FDI बिना सरकारी अनुमति के अनुमति है।
सरकारी मार्ग (Government Route): रक्षा, बीमा, और मीडिया जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में FDI के लिए सरकार की मंजूरी आवश्यक है।
प्रमुख क्षेत्र: ई-कॉमर्स (Amazon, Flipkart), विनिर्माण, ऑटोमोबाइल, नवीकरणीय ऊर्जा, और तकनीक में FDI की अनुमति है।
हाल के रुझान: 2023-24 में भारत में FDI प्रवाह लगभग $44.4 बिलियन रहा, जिसमें सिंगापुर, मॉरीशस, और अमेरिका प्रमुख निवेशक हैं (वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े)।
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jp Singh
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