Non-Performing Assets - NPA
jp Singh
2025-06-04 20:23:58
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Non-Performing Assets - NPA
Non-Performing Assets - NPA
गैर निष्पादनीय परिसम्पत्तियाँ(Non-Performing Assets - NPA)
गैर निष्पादनीय परिसम्पत्तियाँ (Non-Performing Assets) वे ऋण या अग्रिम (लोन) हैं जिनका ब्याज या मूलधन (प्रिंसिपल) का भुगतान निश्चित अवधि (आमतौर पर 90 दिन) से अधिक समय तक बकाया रहता है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, NPA वह परिसम्पत्ति है जो बैंक या वित्तीय संस्थान के लिए आय उत्पन्न करना बंद कर देती है।
NPA के प्रकार:
उप-मानक परिसम्पत्तियाँ (Sub-Standard Assets): वे ऋण जो 12 महीने से कम समय के लिए NPA रहते हैं। संदिग्ध परिसम्पत्तियाँ (Doubtful Assets): वे ऋण जो 12 महीने से अधिक समय तक NPA रहते हैं। हानिप्रद परिसम्पत्तियाँ (Loss Assets): वे ऋण जिनकी वसूली की संभावना लगभग न के बराबर होती है।
NPA को कम करने के उपाय:
प्रशिक्षण और जागरूकता: SHG सदस्यों को व्यवसाय प्रबंधन, डिजिटल भुगतान, और मार्केटिंग (जैसे ब्लूटूथ-सक्षम डिवाइस और ऑनलाइन शॉपिंग) के लिए प्रशिक्षण देना।
सामूहिक जिम्मेदारी: SHG मॉडल में सामूहिक जिम्मेदारी को और मजबूत करना।
ऑनलाइन शॉपिंग का उपयोग: Amazon Saheli, Flipkart Samrath, और Meesho जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बिक्री बढ़ाकर आय सुनिश्चित करना।
डिजिटल भुगतान: ब्लूटूथ-सक्षम mPOS और UPI का उपयोग करके त्वरित और सुरक्षित भुगतान सुनिश्चित करना।
निगरानी और समर्थन: MFIs और बैंकों द्वारा नियमित निगरानी और ऋण पुनर्गठन (रेस्ट्रक्चरिंग) की सुविधा।
भारत में NPA का प्रभाव (सूक्ष्म साख के संदर्भ में):
सूक्ष्म वित्त संस्थानों पर प्रभाव: उच्च NPA स्तर MFIs की वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है, जिससे वे नए ऋण देने में संकोच करते हैं। SHG पर प्रभाव: NPA के कारण SHG की विश्वसनीयता और भविष्य में ऋण प्राप्त करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। महिला सशक्तिकरण: NPA की स्थिति SHG सदस्यों की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बाधित कर सकती है। उदाहरण: 2020-21 में कोविड-19 महामारी के दौरान, कई SHG और MFI ऋणों में NPA बढ़ गया था, क्योंकि व्यवसाय और आय प्रभावित हुए थे।
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jp Singh
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