India's rank in corruption
jp Singh
2025-06-03 17:43:03
searchkre.com@gmail.com /
8392828781
भ्र्ष्टाचार के मामले में भारत का स्थान/India's rank in corruption
भ्र्ष्टाचार के मामले में भारत का स्थान/India's rank in corruption
भ्रष्टाचार के मामले में भारत का स्थान ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा प्रकाशित करप्शन परसेप्शन इंडेक्स (CPI) 2024 के अनुसार निर्धारित किया गया है। यह इंडेक्स 180 देशों को उनके सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कथित स्तर के आधार पर रैंक करता है, जिसमें स्कोर 0 (अत्यधिक भ्रष्ट) से 100 (पूर्णतः स्वच्छ) के बीच होता है।
भारत की स्थिति (2024)
रैंक: भारत 180 देशों में 96वें स्थान पर है। स्कोर: भारत का स्कोर 38 है, जो 2023 में 39 और 2022 में 40 था। यह स्कोर में गिरावट दर्शाता है। पिछले वर्षों की तुलना: 2023: 93वाँ स्थान, स्कोर 39। 2022: 85वाँ स्थान, स्कोर 40। विश्लेषण: भारत का स्कोर और रैंकिंग में मामूली गिरावट आई है, जो सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कथित स्तर में वृद्धि को दर्शाता है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने उल्लेख किया कि भारत में नागरिक स्वतंत्रता पर बढ़ते प्रतिबंध, जैसे टेलीकम्युनिकेशन बिल, भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों को प्रभावित कर रहे हैं।
क्षेत्रीय और वैश्विक संदर्भ
पड़ोसी देश: चीन: 76वाँ स्थान, स्कोर 42। पाकिस्तान: 135वाँ स्थान। श्रीलंका: 121वाँ स्थान। बांग्लादेश: 149वाँ स्थान। शीर्ष देश: डेनमार्क (स्कोर 90, रैंक 1), फिनलैंड (88, रैंक 2), सिंगापुर (84, रैंक 3)। निम्नतम देश: दक्षिण सूडान (8), सोमालिया (9), वेनेजुएला (10)।
वैश्विक औसत: CPI का वैश्विक औसत स्कोर 43 है, और दो-तिहाई देशों का स्कोर 50 से नीचे है, जो भ्रष्टाचार की गंभीर वैश्विक समस्या को दर्शाता है।
काला धन
भ्रष्टाचार और काला धन (GDP का 7-120%, लगभग ₹4.5-144 लाख करोड़) आपस में जुड़े हैं। CPI में भारत की गिरावट काले धन की समस्या को दर्शाती है, विशेष रूप से रियल एस्टेट और नकद-आधारित लेनदेन में। GST और डिजिटल भुगतान ने भ्रष्टाचार और काले धन को कम करने में मदद की। VAT और GST: GST ने पारदर्शी कर प्रणाली लागू करके भ्रष्टाचार को कम करने में योगदान दिया, जो VAT की तुलना में अधिक प्रभावी है। यह CPI स्कोर को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। GST से प्राप्त राजस्व (2023-24 में ₹20.18 लाख करोड़) ने सब्सिडी और कल्याण योजनाओं को वित्तपोषित किया, जो भ्रष्टाचार के प्रभाव को कम करता है।
गिनी गुणांक
भ्रष्टाचार आय असमानता (गिनी गुणांक ~0.35-0.38) को बढ़ाता है, क्योंकि यह धन को कुछ लोगों तक सीमित करता है। सब्सिडी (जैसे PDS, उज्ज्वला) भ्रष्टाचार के प्रभाव को कम करती हैं, लेकिन CPI में गिरावट से पता चलता है कि ये प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। बीमारू राज्य: बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार (जैसे रियल एस्टेट, सरकारी योजनाओं में रिश्वत) CPI स्कोर को प्रभावित करता है। GST और सब्सिडी ने इन राज्यों में राजस्व और कल्याण योजनाओं को बढ़ाया, लेकिन भ्रष्टाचार अभी भी चुनौती है। EEZ (अनन्य आर्थिक क्षेत्र): EEZ में अवैध मछली पकड़ने और तस्करी जैसे भ्रष्टाचार CPI स्कोर को प्रभावित करते हैं। भारतीय तटरक्षक बल की निगरानी इसे कम करने में मदद करती है।
नॉर्थ ईस्ट विजन 2020
पूर्वोत्तर राज्यों में भ्रष्टाचार (जैसे सीमा पार तस्करी) CPI स्कोर को प्रभावित करता है। NEIDS और GST ने पारदर्शिता बढ़ाई, लेकिन क्षेत्रीय चुनौतियाँ (जैसे उग्रवाद, अवैध व्यापार) बनी हुई हैं। रुपये का अवमूल्यन: रुपये का अवमूल्यन (2025 में 1 USD = ₹84-85) भ्रष्टाचार को बढ़ा सकता है, क्योंकि विदेशी टैक्स हेवन्स में काला धन आकर्षक हो जाता है। निर्यात (जैसे EEZ से मछली) को बढ़ावा मिलता है, जो भ्रष्टाचार-मुक्त व्यापार को प्रोत्साहित कर सकता है।
भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति
कारण: कमज़ोर संस्थागत जाँच और संतुलन, नागरिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध। रियल एस्टेट, खनन, और नकद-आधारित लेनदेन में भ्रष्टाचार। सरकारी योजनाओं में रिश्वत और काला धन। प्रभाव: जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए धन का दुरुपयोग। सामाजिक असमानता (गिनी गुणांक) और गरीबी में वृद्धि। सार्वजनिक विश्वास में कमी। सरकारी प्रयास: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम (2013): भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल की स्थापना, लेकिन कार्यान्वयन में कमी। नोटबंदी (2016): काले धन और भ्रष्टाचार को कम करने का प्रयास, लेकिन सीमित सफलता। GST (2017): डिजिटल ट्रैकिंग से भ्रष्टाचार में कमी। डिजिटल इंडिया: पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh
searchkre.com@gmail.com
8392828781