Estimation of black money in the country
jp Singh
2025-06-03 17:29:34
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देश में काला धन का अनुमान/Estimation of black money in the country
देश में काला धन का अनुमान/Estimation of black money in the country
देश में काला धन का अनुमान एक जटिल और विवादास्पद विषय है, क्योंकि काला धन (Black Money) ऐसी आय या संपत्ति है, जो कर प्राधिकरणों से छिपाई जाती है और इसे सटीक रूप से मापना मुश्किल है। काला धन अवैध गतिविधियों (जैसे तस्करी, भ्रष्टाचार) या वैध लेकिन अघोषित आय (जैसे नकद लेनदेन) से उत्पन्न होता है। भारत में काले धन का अनुमान विभिन्न अध्ययनों, सरकारी रिपोर्ट्स, और थिंक टैंक्स द्वारा अलग-अलग तरीकों से लगाया गया है, लेकिन कोई एकसमान या विश्वसनीय आँकड़ा उपलब्ध नहीं है। मैं आपके पिछले प्रश्नों (VAT, GST, गिनी गुणांक, बीमारू राज्य, सब्सिडी, EEZ, और नॉर्थ ईस्ट विजन) के संदर्भ में जानकारी को संक्षेप में और प्रासंगिक रूप से प्रस्तुत करता हूँ।
काला धन क्या है?
काला धन वह धन है, जिस पर आयकर या अन्य कर नहीं चुकाए जाते और जो सरकार या कर प्राधिकरणों से छिपाया जाता है। स्रोत: अवैध गतिविधियाँ (जैसे तस्करी, रिश्वत) और वैध लेकिन अघोषित आय (जैसे नकद लेनदेन, रियल एस्टेट में अंडर-रिपोर्टिंग)। प्रमुख क्षेत्र: रियल एस्टेट, खनन, फार्मास्यूटिकल्स, पान मसाला, तंबाकू उद्योग, बुलियन और कमोडिटी मार्केट, फिल्म उद्योग, और शैक्षिक संस्थान। भारत में काले धन का अनुमान: काले धन का अनुमान लगाना मुश्किल है, क्योंकि कोई मानक मापदंड या एकसमान विधि नहीं है। विभिन्न अध्ययनों और रिपोर्ट्स के आधार पर निम्नलिखित अनुमान उपलब्ध हैं
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट (2011-2014): नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP): 2009-2010 में काला धन GDP का 72% अनुमानित, यानी लगभग ₹46.4 लाख करोड़ (GDP ₹64.5 लाख करोड़)। नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER): 1980-2010 के बीच विदेशों में काला धन $384 बिलियन से $490 बिलियन (लगभग ₹27 लाख करोड़ से ₹35 लाख करोड़)। यह GDP का 2.8% था। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट (NIFM): 1990-2008 के बीच काला धन ₹9,41,837 करोड़ ($217 बिलियन), यानी GDP का 10%। निष्कर्ष: ये तीनों संस्थानों ने अलग-अलग अनुमान दिए, और 90-97% काला धन भारत के भीतर ही होने का अनुमान है।
अन्य अनुमान: अरुण कुमार (JNU के पूर्व प्रोफेसर): 2019 में अनुमान लगाया कि काला धन GDP का 62% है, यानी ₹93 लाख करोड़ (GDP ₹150 लाख करोड़ पर आधारित)। 2025 के लिए, इसे ₹144 लाख करोड़ तक अनुमानित किया गया। वित्त मंत्रालय की व्हाइट पेपर (2012): स्विस बैंकों में भारतीयों के पास केवल $2.1 बिलियन (लगभग ₹92.95 अरब) होने का अनुमान। यह कुल वैश्विक स्विस बैंक जमा का 0.13% था।
CBI निदेशक (2012): विदेशी टैक्स हेवन्स में $500 बिलियन (लगभग ₹35 लाख करोड़) का अनुमान, लेकिन यह सुप्रीम कोर्ट में एक बयान पर आधारित था और बाद में इसे अनुमानित माना गया। विश्व बैंक और अन्य अध्ययन: 2009-2011 में काला धन GDP का 7% से 120% तक अनुमानित, यानी ₹4.5 लाख करोड़ से ₹92.08 लाख करोड़। X पोस्ट: कुछ अनुमानों में काला धन ₹30 लाख करोड़ (2017) से लेकर $4 ट्रिलियन (2025) तक बताया गया, लेकिन ये दावे विवादित और असत्यापित हैं।
विशिष्ट दावे: 2018 में कुछ रिपोर्ट्स ने स्विस और अन्य विदेशी बैंकों में ₹300 लाख करोड़ ($4 ट्रिलियन) का अनुमान लगाया, लेकिन स्विस बैंकों और स्विट्जरलैंड सरकार ने इसे गलत बताया। नोटबंदी (2016): सरकार ने दावा किया कि नोटबंदी से ₹30 लाख करोड़ (GDP का 15%) नकद काला धन समाप्त हुआ, लेकिन कई विशेषज्ञों ने इसे गलत बताया, क्योंकि 86% मुद्रा सफेद धन के रूप में RBI को वापस आई।
पिछले प्रश्नों से संबंध
VAT और GST: VAT और GST ने कर चोरी को कम करने में मदद की। GST की पारदर्शी प्रणाली और डिजिटल ट्रैकिंग ने काले धन के नकद लेनदेन को कम किया, विशेष रूप से रियल एस्टेट और व्यापार में। GST से प्राप्त राजस्व ने सब्सिडी और कल्याण योजनाओं को वित्तपोषित किया, जो काले धन के प्रभाव को अप्रत्यक्ष रूप से कम करता है।
गिनी गुणांक
काला धन आय असमानता (गिनी गुणांक) को बढ़ाता है, क्योंकि यह धन कुछ लोगों (जैसे बड़े व्यवसायी, राजनेता) के पास केंद्रित होता है। सब्सिडी और GST से प्राप्त राजस्व ने गरीब वर्गों को लाभ पहुँचाकर असमानता को कम करने में मदद की। बीमारू राज्य: बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश में काला धन मुख्य रूप से रियल एस्टेट और छोटे नकद-आधारित व्यवसायों में देखा जाता है।
GST और डिजिटल भुगतान ने इन राज्यों में कर चोरी को कम किया, जिससे राजस्व बढ़ा और सब्सिडी योजनाएँ लागू हुईं।
EEZ (अनन्य आर्थिक क्षेत्र)
EEZ से प्राप्त संसाधन (जैसे मछली, तेल) पर GST लागू होने से राजस्व बढ़ा, जो काले धन को कम करने में अप्रत्यक्ष रूप से मदद करता है।
अवैध मछली पकड़ने और तस्करी जैसे कार्य EEZ में काले धन का स्रोत हो सकते हैं, जिसके लिए निगरानी बढ़ाई गई है। नॉर्थ ईस्ट विजन 2020: पूर्वोत्तर राज्यों में काला धन छोटे व्यवसायों और अवैध व्यापार (जैसे सीमा पार तस्करी) में देखा जाता है। GST और डिजिटल भुगतान ने इन राज्यों में पारदर्शिता बढ़ाई, और NEIDS जैसी योजनाओं ने औपचारिक अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित किया।
काले धन के स्रोत और प्रभाव
स्रोत: कर चोरी (65%) और गैर-कर भ्रष्टाचार (20%)। रियल एस्टेट में अंडर-रिपोर्टिंग, नकद लेनदेन, और शेल कंपनियों के माध्यम से
सरकारी प्रयास
नोटबंदी (2016): काले धन को कम करने का दावा, लेकिन केवल 1% काला धन नकद में होने के कारण प्रभाव सीमित रहा। ब्लैक मनी एक्ट (2015): विदेशी खातों में अघोषित आय पर कर और जुर्माना। ₹4,164 करोड़ के अघोषित विदेशी संपत्ति पर ₹2,476 करोड़ का कर और जुर्माना वसूला गया। GST (2017): डिजिटल ट्रैकिंग और इनपुट टैक्स क्रेडिट ने नकद लेनदेन को कम किया।
अन्य कदम
अन्य कदम: विशेष जांच दल (SIT) का गठन (2014)। पनामा और पैराडाइज पेपर्स में ₹20,353 करोड़ की अघोषित आय का पता चला, और ₹153.88 करोड़ का कर वसूला गया। गोल्ड एमनेस्टी स्कीम और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन।
Conclusion
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