What is GST
jp Singh
2025-06-03 17:24:57
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वस्तु एवं सेवा कर/gst
वस्तु एवं सेवा कर/gst
वस्तु एवं सेवा कर (GST) भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया एक व्यापक, अप्रत्यक्ष कर है, जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। यह एक एकीकृत कर प्रणाली है, जिसने कई पुराने अप्रत्यक्ष करों जैसे मूल्य वर्धित कर (VAT), सेवा कर, उत्पाद शुल्क (Excise Duty), और अन्य स्थानीय करों को प्रतिस्थापित कर दिया। GST का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी, और एकसमान बनाना है, जिससे
GST की प्रमुख विशेषताएँ
एकीकृत कर प्रणाली: GST ने केंद्र और राज्य स्तर के कई करों को एक कर में समाहित कर दिया। यह आपूर्ति श्रृंखला (उत्पादन से लेकर बिक्री तक) में हर स्तर पर लागू होता है। प्रकार: CGST (Central GST): केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है। SGST (State GST): राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है (अंतर-राज्य आपूर्ति के लिए)। IGST (Integrated GST): अंतर-राज्य आपूर्ति पर लागू, केंद्र और राज्य के बीच साझा। UTGST (Union Territory GST): केंद्र शासित प्रदेशों में लागू।
कर दरें
GST में विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के लिए 0%, 5%, 12%, 18%, और 28% की दरें निर्धारित हैं। विशेष वस्तुओं (जैसे सोना) पर 3% और कुछ लक्जरी वस्तुओं पर अतिरिक्त उपकर (Cess) लागू हो सकता है। इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC): व्यवसायी इनपुट (कच्चे माल या सेवाओं) पर भुगतान किए गए GST को आउटपुट (बिक्री) पर लगने वाले GST से समायोजित कर सकते हैं, जिससे कर की दोहरी गणना (cascading effect) समाप्त होती है।
प्रशासन
GST को GST परिषद (GST Council) द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल हैं। GST नेटवर्क (GSTN) डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से रजिस्ट्रेशन, रिटर्न फाइलिंग, और भुगतान को संभालता है।
GST के लाभ
एकरूपता: पूरे देश में एकसमान कर दरें, जिससे अंतर-राज्य व्यापार आसान हुआ।
पारदर्शिता: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, रिटर्न, और भुगतान प्रणाली से कर चोरी में कमी।
कर बोझ में कमी: इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण व्यवसायों पर कर का बोझ कम हुआ।
आर्थिक विकास: व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा, विशेष रूप से MSME और निर्यातकों के लिए।
उपभोक्ता लाभ: आवश्यक वस्तुओं (जैसे अनाज, दूध) पर कम या शून्य कर दरें।
VAT से तुलना
VAT से तुलना: GST ने VAT को प्रतिस्थापित किया, जिससे कर प्रणाली अधिक एकीकृत और कुशल हुई। VAT की तुलना में GST में अंतर-राज्य व्यापार पर IGST के कारण राज्यों के बीच राजस्व साझा करना आसान हुआ। बीमारू राज्यों में प्रभाव: बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश में GST ने राजस्व संग्रह को बढ़ाया, जिसे सामाजिक कल्याण (जैसे सब्सिडी) और बुनियादी ढांचे के लिए उपयोग किया गया। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश ने GST से प्राप्त राजस्व का उपयोग ग्रामीण विद्युतीकरण और PM आवास योजना में किया। सब्सिडी: GST से प्राप्त राजस्व का उपयोग खाद्य, उर्वरक, और LPG जैसी सब्सिडी योजनाओं को वित्तपोषित करने में होता है, जो गिनी गुणांक (आय असमानता) को कम करने में मदद करता है। EEZ: अनन्य आर्थिक क्षेत्र से प्राप्त संसाधन (जैसे मछली, तेल) पर GST लागू होता है, जिससे तटीय राज्यों (और अप्रत्यक्ष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों) को राजस्व मिलता है।
नॉर्थ ईस्ट विजन 2020: पूर्वोत्तर राज्यों में GST ने व्यापार को आसान बनाया, विशेष रूप से अंतर-राज्य माल परिवहन में। नॉर्थ ईस्ट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम (NEIDS) के तहत GST रिफंड और अन्य प्रोत्साहन प्रदान किए जाते हैं, जो क्षेत्र के MSME को बढ़ावा देते हैं।
गिनी गुणांक: GST से प्राप्त राजस्व को सामाजिक कल्याण योजनाओं में निवेश करके आय असमानता को कम करने में मदद मिलती है। हालांकि, उच्च GST दरें (जैसे 28% लक्जरी वस्तुओं पर) कुछ हद तक असमानता को प्रभावित कर सकती हैं।
भारत में GST का प्रभाव: आर्थिक प्रभाव: 2023-24 में GST संग्रह ₹20.18 लाख करोड़ से अधिक रहा, जो अर्थव्यवस्था के लिए स्थिर राजस्व स्रोत है। बीमारू और पूर्वोत्तर राज्यों में: इन राज्यों में GST ने राजस्व बढ़ाया, जिससे बुनियादी ढांचा और सामाजिक योजनाओं में निवेश बढ़ा। उदाहरण के लिए, बिहार में GST से प्राप्त राजस्व ने ग्रामीण विकास को गति दी। उपभोक्ता और व्यवसाय: आवश्यक वस्तुओं पर कम दरें (0-5%) और इनपुट टैक्स क्रेडिट ने व्यवसायों और उपभोक्ताओं को लाभ पहुँचाया।
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