India Bond Activity Fund
jp Singh
2025-06-03 17:14:02
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इंडिया बॉन्ड एक्टिवटी फण्ड/India Bond Activity Fund
इंडिया बॉन्ड एक्टिवटी फण्ड/India Bond Activity Fund
"इंडिया बॉन्ड एक्टिविटी फंड" के बारे में आपका प्रश्न संभवतः भारत में उपलब्ध बॉन्ड फंड्स या डेट म्यूचुअल फंड्स से संबंधित है, जो बॉन्ड मार्केट में निवेश करते हैं। हालाँकि, आपके द्वारा उल्लिखित "इंडिया बॉन्ड एक्टिविटी फंड" कोई विशिष्ट फंड नहीं लगता है, बल्कि यह बॉन्ड फंड्स की सामान्य श्रेणी या किसी विशेष फंड को संदर्भित कर सकता है। मैं आपको भारत में बॉन्ड फंड्स और उनकी गतिविधियों के बारे में सामान्य जानकारी प्रदान करता हूँ, साथ ही कुछ प्रासंगिक उदाहरणों के साथ। यदि आप किसी विशिष्ट फंड या योजना के बारे में पूछ रहे हैं, तो कृपया अधिक विवरण दें।
इंडिया बॉन्ड फंड्स: एक अवलोकन
बॉन्ड फंड्स, जिन्हें डेट म्यूचुअल फंड्स के रूप में भी जाना जाता है, ऐसे निवेश साधन हैं जो मुख्य रूप से सरकारी प्रतिभूतियों, कॉरपोरेट बॉन्ड्स, या अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। भारत में, ये फंड्स निवेशकों को नियमित आय और पूंजी संरक्षण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो इक्विटी फंड्स की तुलना में कम जोखिम चाहते हैं।
जीरो कूपन बॉन्ड्स और बॉन्ड फंड्स
आपके पिछले प्रश्न में जीरो कूपन बॉन्ड्स का ज़िक्र था। कुछ बॉन्ड फंड्स जीरो कूपन बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं, जो डिस्काउंट पर खरीदे जाते हैं और परिपक्वता पर अंकित मूल्य पर भुनाए जाते हैं। ये फंड्स लंबी अवधि के निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं, जो ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।
भारत में प्रमुख बॉन्ड फंड्स की श्रेणियाँ
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स: ये फंड्स कम से कम 80% पूंजी को उच्च रेटिंग (AAA) वाले कॉरपोरेट बॉन्ड्स में निवेश करते हैं। उदाहरण: HDFC कॉरपोरेट बॉन्ड फंड, ICICI प्रूडेंशियल कॉरपोरेट बॉन्ड फंड। औसत रिटर्न: पिछले 1 वर्ष में लगभग 10.08% प्रति वर्ष (2024-25 के आंकड़ों के आधार पर)। जोखिम: कम क्रेडिट जोखिम, लेकिन ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव से प्रभावित। निवेश अवधि: 2-3 वर्ष या अधिक। डायनामिक बॉन्ड फंड्स: ये फंड्स ब्याज दरों के आधार पर परिपक्वता अवधि को समायोजित करते हैं, जिससे फंड मैनेजर को लचीलापन मिलता है।
औसत रिटर्न: पिछले 1 वर्ष में लगभग 11.34% प्रति वर्ष। जोखिम: फंड मैनेजर की ब्याज दरों की भविष्यवाणी पर निर्भर, इसलिए उच्च जोखिम। उदाहरण: SBI डायनामिक बॉन्ड फंड। गिल्ट फंड्स: सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) में निवेश, जो जोखिम-मुक्त माने जाते हैं। जोखिम: ब्याज दरों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील, लेकिन क्रेडिट जोखिम नहीं। उदाहरण: ICICI प्रूडेंशियल गिल्ट फंड।
इंडियन बॉन्ड फंड्स: कुछ फंड्स, जैसे कि abrdn इंडियन बॉन्ड फंड, भारतीय रुपये में जारी सरकारी या कॉरपोरेट डेट प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं। विशेषताएँ: कम विदेशी मुद्रा अस्थिरता (4% बनाम अन्य उभरते बाजारों में 15%) और पिछले 10 वर्षों में अच्छा प्रदर्शन (एशियाई इक्विटी और अन्य उभरते बाजार बॉन्ड्स से बेहतर)। रनिंग यील्ड: 7.1% प्रति वर्ष (30 जून 2024 तक)। भारत में बॉन्ड मार्केट की गतिव activity: ब्याज दरों का प्रभाव: बॉन्ड फंड्स की कीमत ब्याज दरों के साथ उल्टा संबंध रखती है। जब RBI ब्याज दरें बढ़ाता है, तो बॉन्ड फंड्स का मूल्य कम हो सकता है। वर्तमान में (2025 तक), RBI ने ब्याज दरों को स्थिर रखा है, जिससे बॉन्ड फंड्स में स्थिरता बनी हुई है। कॉरपोरेट बॉन्ड्स की मांग: उच्च रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड्स में निवेश बढ़ रहा है, क्योंकि ये अपेक्षाकृत सुरक्षित और स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं।
प्लेटफॉर्म्स जैसे IndiaBonds: IndiaBonds जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स निवेशकों को बॉन्ड्स (G-Secs, SDLs, PSU बॉन्ड्स) में सीधे निवेश करने की सुविधा देते हैं, जिसमें कोई ब्रोकरेज शुल्क नहीं लगता। इनके बॉन्ड कैलकुलेटर टूल्स निवेशकों को यील्ड और कीमत की गणना करने में मदद करते हैं।
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jp Singh
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