Hallmarking mandatory for gold jewellery
jp Singh
2025-06-03 16:29:59
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स्वर्ण आभूषण के लिए हॉलमार्क अनिवार्य/Hallmarking mandatory for gold jewellery
स्वर्ण आभूषण के लिए हॉलमार्क अनिवार्य/Hallmarking mandatory for gold jewellery
भारत में स्वर्ण आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा अनिवार्य किया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को सोने की शुद्धता और गुणवत्ता की गारंटी मिले। यह उपाय उपभोक्ता संरक्षण और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, जो आपके पिछले प्रश्नों जैसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, भारतीय मानक ब्यूरो, और इकोमार्क से सीधे जुड़ा है। नीचे इस विषय का विस्तृत विवरण दिया गया है
स्वर्ण आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग: अवलोकन
हॉलमार्किंग क्या है?: हॉलमार्किंग एक प्रमाणन प्रक्रिया है जिसमें सोने और चाँदी के आभूषणों की शुद्धता को BIS द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर प्रमाणित किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ता को शुद्ध और मानक गुणवत्ता का सोना मिले।
प्रतीक: हॉलमार्क में निम्नलिखित चिह्न शामिल होते हैं: BIS लोगो: BIS की प्रामाणिकता का प्रतीक। शुद्धता का ग्रेड: जैसे 22K (916), 18K (750), या 14K (585)। हॉलमार्किंग केंद्र का कोड: केंद्र की पहचान। वर्ष का कोड: हॉलमार्किंग का वर्ष (जैसे 2025 के लिए 'T')। ज्वैलर का लोगो: निर्माता/विक्रेता की पहचान। HUID: 6 अंकों का यूनिक हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) कोड, जो प्रत्येक आभूषण के लिए विशिष्ट होता है। अनिवार्यता की समयरेखा: प्रारंभ (2000): BIS ने स्वैच्छिक आधार पर सोने की हॉलमार्किंग शुरू की।
प्रथम चरण (जून 2021): 15 जून, 2021 से 256 जिलों में स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य की गई। यह उन जिलों तक सीमित थी जहाँ BIS द्वारा मान्यता प्राप्त हॉलमार्किंग केंद्र उपलब्ध थे। दूसरा चरण (अप्रैल 2023): अनिवार्यता को 343 जिलों तक विस्तारित किया गया, जिसमें अतिरिक्त 87 जिले शामिल किए गए। वर्तमान स्थिति (2025): 2024 तक, भारत के सभी 343 जिलों में स्वर्ण हॉलमार्किंग अनिवार्य है, और इसे पूरे देश में लागू करने की दिशा में काम चल रहा है। 1 जुलाई, 2021 से HUID को अनिवार्य किया गया, जिससे प्रत्येक हॉलमार्क्ड आभूषण की ट्रेसबिलिटी सुनिश्चित होती है। चाँदी की हॉलमार्किंग: 2023 से चाँदी के आभूषणों के लिए भी हॉलमार्किंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है, लेकिन यह अभी स्वैच्छिक है।
अनिवार्यता के नियम
कवरेज: सभी स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियाँ (14K, 18K, और 22K) जो बिक्री के लिए हैं, हॉलमार्किंग के दायरे में आते हैं। अपवाद: 2 ग्राम से कम वजन के आभूषण। निर्यात के लिए आभूषण। व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयात किए गए आभूषण। विशेष प्रकार के आभूषण, जैसे कुंदन और पोल्की (परंपरागत डिज़ाइन के कारण)। ज्वैलर की जिम्मेदारी: प्रत्येक ज्वैलर को BIS के साथ पंजीकरण करना अनिवार्य है। गैर-पंजीकृत ज्वैलर हॉलमार्क्ड आभूषण नहीं बेच सकते। उपभोक्ता शिकायत: नकली हॉलमार्क या अमानक आभूषण बेचने की शिकायत BIS केयर ऐप या उपभोक्ता मंचों पर दर्ज की जा सकती है।
हाल के अपडेट (2024-2025)
प्रगति: 2024 तक, 4.5 लाख से अधिक आभूषण हॉलमार्क किए गए, और 3,000 से अधिक हॉलमार्किंग केंद्र (Assaying and Hallmarking Centers - AHC) कार्यरत हैं। HUID प्रभाव: HUID ने आभूषणों की ट्रेसबिलिटी बढ़ाई, जिससे नकली हॉलमार्किंग में कमी आई। उपभोक्ता BIS केयर ऐप के माध्यम से HUID को स्कैन कर शुद्धता की जाँच कर सकते हैं। प्रवर्तन: 2023-24 में, BIS ने नकली हॉलमार्किंग के लिए 500 से अधिक छापेमारी की, और 10 करोड़ रुपये की जब्ती हुई। जागरूकता: “जागो उपभोक्ता जागो” और BIS के अभियानों ने हॉलमार्किंग के प्रति जागरूकता बढ़ाई। चाँदी की ओर विस्तार: चाँदी के आभूषणों और बर्तनों के लिए हॉलमार्किंग को 2025 तक अनिवार्य करने की योजना पर विचार चल रहा है।
आपके पिछले प्रश्नों से संबंध
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS): हॉलमार्किंग BIS की प्रमुख पहल है, जो इसकी गुणवत्ता और उपभोक्ता संरक्षण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह ISI मार्क और इकोमार्क के साथ BIS के प्रमाणन ढांचे का हिस्सा है। इकोमार्क: इकोमार्क पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों पर केंद्रित है, जबकि हॉलमार्किंग सोने और चाँदी की शुद्धता पर। हालांकि, दोनों उपभोक्ता विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा देते हैं। यदि भविष्य में पर्यावरण-अनुकूल सोने (जैसे पुनर्चक्रित सोना) को बढ़ावा दिया जाता है, तो इकोमार्क और हॉलमार्किंग का संयोजन संभव हो सकता है। हरित लेखांकन: हॉलमार्किंग हरित लेखांकन से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है, क्योंकि यह सोने के खनन और उत्पादन में पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए मानकीकरण को बढ़ावा देता है। उदाहरण: पुनर्चक्रित सोने को हॉलमार्किंग के तहत प्रमाणित करना पर्यावरणीय लागतों को कम कर सकता है।
राष्ट्रीय हरित न्यायधिकरण (NGT)
यदि सोने के खनन या रिफाइनिंग से पर्यावरणीय नुकसान (जैसे प्रदूषण) होता है, तो NGT कार्रवाई कर सकता है। हॉलमार्किंग मानक रिफाइनिंग प्रक्रियाओं को विनियमित कर पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद करता है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019: हॉलमार्किंग उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के साथ मिलकर काम करता है, क्योंकि यह उपभोक्ताओं को भ्रामक दावों (जैसे नकली सोना) से बचाता है। उदाहरण: यदि कोई ज्वैलर नकली हॉलमार्क का उपयोग करता है, तो उपभोक्ता CCPA या उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कर सकता है, और BIS जुर्माना या लाइसेंस रद्द कर सकता है।
लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS)
TPDS का हॉलमार्किंग से सीधा संबंध नहीं है, लेकिन BIS की गुणवत्ता मानक प्रणाली TPDS में वितरित पैकेज्ड खाद्य पदार्थों (जैसे तेल, अनाज) को प्रमाणित करती है, जो उपभोक्ता संरक्षण के सिद्धांत को हॉलमार्किंग के साथ साझा करती है। सत्यम कम्प्यूटर्स और हवाला काण्ड: सत्यम और हवाला घोटाले वित्तीय हेराफेरी से संबंधित थे, जबकि हॉलमार्किंग गुणवत्ता और पारदर्शिता पर केंद्रित है। हालांकि, BIS की HUID और BIS केयर ऐप जैसी डिजिटल प्रणालियाँ नकली प्रमाणन को रोकने में मदद करती हैं, जो सत्यम और हवाला जैसे घोटालों से सबक लेती हैं।
लाभ
उपभोक्ता विश्वास: उपभोक्ताओं को शुद्ध सोने की गारंटी। पारदर्शिता: HUID के माध्यम से ट्रेसबिलिटी। उद्योग मानकीकरण: ज्वैलरों में गुणवत्ता प्रथाओं को बढ़ावा। नकली उत्पादों पर रोक: नकली सोने और हॉलमार्क के दुरुपयोग में कमी। निर्यात में वृद्धि: हॉलमार्क्ड सोना अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विश्वसनीयता बढ़ाता है।
Conclusion
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