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Bureau of Indian Standards
jp Singh 2025-06-03 16:24:42
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भरतीय मानक ब्यूरो/Bureau of Indian Standards

भरतीय मानक ब्यूरो/Bureau of Indian Standards
भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards - BIS) भारत का राष्ट्रीय मानक संगठन है, जो उत्पादों, सेवाओं और प्रक्रियाओं के लिए गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता मानकों को स्थापित करने और प्रमाणन प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। यह उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत कार्य करता है। BIS की स्थापना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 के तहत की गई थी, जिसे बाद में भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 द्वारा संशोधित किया गया। यह 1987 से पहले भारतीय मानक संस्थान (ISI) के रूप में जाना जाता था।
BIS के प्रमुख उद्देश्य
उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना। उपभोक्ता हितों की रक्षा करना और भ्रामक प्रथाओं को रोकना। उद्योगों में मानकीकरण और प्रमाणन को बढ़ावा देना। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना। पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को प्रोत्साहन देना। BIS की मुख्य गतिविधियाँ: मानक निर्माण: BIS ने 20,000 से अधिक मानक (IS) तैयार किए हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य, वस्त्र, निर्माण, ऑटोमोबाइल आदि को कवर करते हैं। ये मानक स्वैच्छिक और अनिवार्य दोनों हो सकते हैं। उदाहरण: IS 10500 (पेयजल के लिए) और IS 456 (कंक्रीट निर्माण के लिए)।
प्रमाणन योजनाएँ
ISI मार्क: उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा का प्रतीक। उदाहरण: बिजली के उपकरण, सीमेंट, बोतलबंद पानी। हॉलमार्किंग: सोने और चाँदी के आभूषणों की शुद्धता के लिए। 2021 से, सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य है (6 डिजिट का HUID कोड)। इको मार्क: पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के लिए, जो हरित लेखांकन के सिद्धांतों से मेल खाता है। प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन: जैसे ISO 9001 (गुणवत्ता प्रबंधन), ISO 14001 (पर्यावरण प्रबंधन)। प्रयोगशाला सेवाएँ: BIS की 8 केंद्रीय और 22 क्षेत्रीय प्रयोगशालाएँ हैं, जो उत्पादों की जाँच करती हैं। 1,000 से अधिक तृतीय-पक्ष प्रयोगशालाओं को मान्यता दी गई है।
उपभोक्ता संरक्षण
उपभोक्ता शिकायतों के लिए BIS केयर ऐप और पोर्टल (2020 में लॉन्च)। नकली/अमानक उत्पादों के खिलाफ कार्रवाई, जैसे ISI मार्क का दुरुपयोग। अंतरराष्ट्रीय सहयोग: BIS अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) और अंतरराष्ट्रीय विद्युत-तकनीकी आयोग (IEC) का सदस्य है। विदेशी निर्माताओं के लिए FMCS (Foreign Manufacturer Certification Scheme)। हाल के अपडेट (2024-2025): हॉलमार्किंग विस्तार: 2024 तक, 343 जिलों में सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य, और चाँदी की हॉलमार्किंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। 4.5 लाख आभूषण हॉलमार्क किए गए।
अनिवार्य मानक: 2024 में, 50,000 इलेक्ट्रॉनिक्स और IT उत्पादों के लिए नए मानक लागू किए गए, जैसे स्मार्ट मीटर और USB-C चार्जर। BIS केयर ऐप: 2023 तक, 12,000 शिकायतें दर्ज, जिनमें से 80% का समाधान हुआ। नकली उत्पादों पर कार्रवाई: 2023-24 में, नकली ISI मार्क के लिए 1,200 से अधिक छापेमारी, और 50 करोड़ रुपये की जब्ती। पर्यावरणीय पहल: इको मार्क के तहत 200 से अधिक उत्पाद प्रमाणित, जैसे बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग।
आपके पिछले प्रश्नों से संबंध
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019: BIS उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के साथ मिलकर काम करता है, क्योंकि यह उपभोक्ताओं को अमानक और असुरक्षित उत्पादों से बचाता है। उदाहरण: यदि कोई कंपनी नकली ISI मार्क का उपयोग करती है, तो उपभोक्ता BIS केयर ऐप या उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कर सकता है। CCPA भ्रामक दावों पर कार्रवाई कर सकता है। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS): BIS TPDS में खाद्य पदार्थों (जैसे पैकेज्ड अनाज, चीनी) की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है। उदाहरण: बोतलबंद पानी के लिए IS 14543 और खाद्य तेल के लिए IS 4276। राशन की दुकानों पर बेचे जाने वाले उत्पादों को BIS प्रमाणन की आवश्यकता हो सकती है।
सत्यम कम्प्यूटर्स और हवाला काण्ड
सत्यम और हवाला घोटाले वित्तीय हेराफेरी से संबंधित थे, जबकि BIS गुणवत्ता मानकों पर केंद्रित है। हालांकि, BIS की पारदर्शिता और जवाबदेही प्रणाली ऐसी धोखाधड़ी को रोकने में अप्रत्यक्ष रूप से मदद करती है, जैसे नकली ISI मार्क का दुरुपयोग। हरित लेखांकन: BIS का इको मार्क और पर्यावरण प्रबंधन मानक (ISO 14001) हरित लेखांकन के सिद्धांतों से मेल खाते हैं, क्योंकि ये पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने और सतत उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। उदाहरण: बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का प्रमाणन पर्यावरणीय लागतों को मापने में मदद करता है।
राष्ट्रीय हरित न्यायधिकरण (NGT)
BIS और NGT दोनों पर्यावरण संरक्षण से जुड़े हैं। NGT पर्यावरणीय उल्लंघनों (जैसे प्रदूषणकारी उत्पाद) पर कार्रवाई करता है, जबकि BIS पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को इको मार्क के माध्यम से प्रमाणित करता है। उदाहरण: यदि कोई कंपनी पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाले उत्पाद बेचती है, तो NGT कार्रवाई कर सकता है, और BIS मानकों को लागू कर सकता है। चुनौतियाँ: नकली उत्पाद: ISI मार्क और हॉलमार्क के दुरुपयोग की समस्या, विशेष रूप से छोटे बाजारों में। जागरूकता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को BIS मार्क की पहचान करने की जानकारी कम है। प्रवर्तन: अनिवार्य मानकों का पालन सुनिश्चित करने में सीमित संसाधन। वैश्विक प्रतिस्पर्धा: भारतीय मानकों को वैश्विक मानकों (जैसे ISO, IEC) के साथ पूर्ण रूप से संरेखित करने की आवश्यकता।
सुधार के सुझाव
डिजिटल ट्रैकिंग: हॉलमार्किंग और ISI मार्क के लिए QR कोड आधारित सत्यापन। जागरूकता अभियान: BIS केयर ऐप और सोशल मीडिया के माध्यम से उपभोक्ता शिक्षा। क्षमता निर्माण: और अधिक प्रयोगशालाएँ और प्रशिक्षित कर्मचारी। पर्यावरणीय जोर: इको मार्क को अनिवार्य श्रेणियों में विस्तार करना।
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