Invisible Items
jp Singh
2025-06-03 13:38:25
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अदृश्य मदों की परिभाषा/Invisible Items
अदृश्य मदों की परिभाषा/Invisible Items
अदृश्य मदे (Invisible Items): भुगतान संतुलन के चालू खाते में शामिल वे लेनदेन जो भौतिक वस्तुओं (Visible Trade) से संबंधित नहीं हैं। ये अमूर्त सेवाएँ, वित्तीय हस्तांतरण, या आय से संबंधित होते हैं। उदाहरण: सेवाएँ: पर्यटन, परिवहन (शिपिंग, विमानन), बीमा, और सॉफ्टवेयर सेवाएँ। आय: विदेशों में निवेश से प्राप्त लाभ, ब्याज, या लाभांश। हस्तांतरण: प्रवासियों द्वारा भेजा गया धन (रेमिटेंस), विदेशी सहायता, या उपहार।
भारत में अदृश्य मदों की भूमिका
भारत का भुगतान संतुलन (BoP) चालू खाता और पूँजीगत खाता में विभाजित है। अदृश्य मदें चालू खाते का एक प्रमुख हिस्सा हैं और भारत जैसे विकासशील देशों में व्यापार घाटे को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
प्रमुख अदृश्य मदें
सॉफ्टवेयर और IT सेवाएँ: भारत विश्व में IT और सॉफ्टवेयर निर्यात का केंद्र है। 2024 में भारत का IT सेवा निर्यात $150 बिलियन से अधिक था (NASSCOM डेटा)। रेमिटेंस: प्रवासी भारतीयों (NRI) द्वारा भेजा गया धन। 2023 में भारत को $125 बिलियन रेमिटेंस प्राप्त हुआ, जो विश्व में सबसे अधिक है (विश्व बैंक डेटा)। पर्यटन: विदेशी पर्यटकों से आय, जैसे ताजमहल या केरल के बैकवाटर पर्यटन। 2024 में पर्यटन से $30 बिलियन की आय (IBEF अनुमान)। परिवहन और बीमा: शिपिंग और विमानन सेवाएँ, जो वैश्विक व्यापार से जुड़ी हैं।
आर्थिक प्रभाव
चालू खाता घाटा (CAD): भारत का व्यापार घाटा (वस्तु निर्यात < आयात) बड़ा है, लेकिन अदृश्य मदों (विशेष रूप से रेमिटेंस और IT निर्यात) ने CAD को नियंत्रित रखा। 2024 में CAD GDP का 1.2% था (RBI डेटा)। विदेशी मुद्रा भंडार: अदृश्य आय ने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाकर $700 बिलियन (2025 तक) किया। ग्रामीण अर्थव्यवस्था: रेमिटेंस ने ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता खर्च को बढ़ाया, जिससे स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिला।
भारत में अदृश्य मदों का योगदान
IT और BPO निर्यात: 2024 में $150 बिलियन, जो भारत के कुल निर्यात का ~40% है। रेमिटेंस: $125 बिलियन (2023), जो ग्रामीण और शहरी खपत को बढ़ाता है। पर्यटन: कोविड-19 के बाद 2024 में पुनरुद्धार, $30 बिलियन आय। CAD को संतुलित करना: अदृश्य आय ने 2023-24 में व्यापार घाटे ($250 बिलियन) को कम किया।
चुनौतियाँ
साइबर सुरक्षा: डिजिटल भुगतानों और सेवा निर्यात में डेटा उल्लंघन का खतरा। नियामक बाधाएँ: रेमिटेंस और सेवा निर्यात पर कर और FEMA नियमों का अनुपालन। वैश्विक प्रतिस्पर्धा: अन्य देश (जैसे, फिलीपींस) BPO और IT निर्यात में प्रतिस्पर्धी। कौशल विकास: डिजिटल सेवाओं के लिए उच्च-कुशल कार्यबल की आवश्यकता।
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jp Singh
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