What is e-choupal
jp Singh
2025-06-03 13:36:18
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ई-चौपाल क्या है/e-choupal
ई-चौपाल क्या है/e-choupal
परिभाषा: ई-चौपाल एक वेब-आधारित मंच है जो ग्रामीण किसानों को वास्तविक समय में बाजार की जानकारी, कृषि तकनीकों, और आपूर्ति श्रृंखला तक पहुँच प्रदान करता है। यह पारंपरिक
उद्देश्य: किसानों का सशक्तिकरण: किसानों को बाजार मूल्य, मौसम, और वैज्ञानिक खेती की जानकारी देकर उनकी निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाना। बिचौलियों को हटाना: मंडियों में बिचौलियों की भूमिका को कम करके किसानों को बेहतर कीमतें दिलाना। आपूर्ति श्रृंखला दक्षता: ITC के लिए खरीद लागत को कम करना और गुणवत्ता सुनिश्चित करना।
संरचना
संचालक: प्रत्येक ई-चौपाल एक प्रशिक्षित किसान (संचालक) द्वारा संचालित होता है, जिसके घर में इंटरनेट से जुड़ा कंप्यूटर स्थापित होता है। VSAT कनेक्शन: खराब कनेक्टिविटी को दूर करने के लिए VSAT और सौर ऊर्जा का उपयोग। चौपाल सागर: ये ITC के खरीद और खुदरा केंद्र हैं, जहाँ किसान अपने उत्पाद बेच सकते हैं और कृषि इनपुट खरीद सकते हैं।
ई-चौपाल का संचालन
प्रक्रिया
किसान अपने उत्पाद का नमूना संचालक को दिखाते हैं, जो ITC की वेबसाइट पर वास्तविक समय में मंडी मूल्यों और ITC की कीमत की तुलना करता है। यदि किसान ITC को बेचने का निर्णय लेता है, तो उसे एक नोट दिया जाता है जिसमें गुणवत्ता, मात्रा, और सशर्त मूल्य की जानकारी होती है। किसान अपने उत्पाद को निकटतम चौपाल सागर ले जाता है, जहाँ इलेक्ट्रॉनिक वजन और भुगतान 2 घंटे के भीतर होता है।
सेवाएँ
जानकारी: मौसम, बाजार मूल्य, और वैज्ञानिक खेती की तकनीकें। कृषि इनपुट: उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक, और अन्य सामग्री। अन्य सेवाएँ: बीमा, स्वास्थ्य सेवाएँ, और मिट्टी परीक्षण।
कवरेज: 2025 तक, 6,100 ई-चौपाल 10 राज्यों (मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु) में 35,000 गाँवों और 4 मिलियन किसानों तक पहुँच चुके हैं।
ई-चौपाल के लाभ
किसानों के लिए
बेहतर कीमतें: बिचौलियों को हटाने से किसानों को मंडी की तुलना में 10-15% अधिक कीमत मिलती है। उत्पादकता में वृद्धि: वैज्ञानिक खेती और गुणवत्तापूर्ण इनपुट से उपज में वृद्धि (उदाहरण: गेहूँ और सोयाबीन की उपज दोगुनी)। पारदर्शिता: वास्तविक समय में मूल्य और गुणवत्ता की जानकारी। सशक्तिकरण: बाजार की माँग के अनुसार फसल उत्पादन की क्षमता।
ITC के लिए
लागत में कमी: बिचौलियों को हटाने से खरीद लागत में कमी। गुणवत्ता नियंत्रण: सीधे किसानों से खरीद के कारण उत्पाद की गुणवत्ता और ट्रेसबिलिटी सुनिश्चित। नया राजस्व: खुदरा और वितरण सेवाओं से आय
अर्थव्यवस्था के लिए
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा, रोजगार सृजन (संचालक, सम्योजक, और तकनीशियन)। डिजिटल समावेशिता और ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास।
Conclusion
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