What is e-commerce
jp Singh
2025-06-03 13:33:56
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ई-कॉमर्स क्या है?/ e-commerce
ई-कॉमर्स क्या है?/ e-commerce
परिभाषा: ई-कॉमर्स में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (वेबसाइट्स, ऐप्स) के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद-बिक्री शामिल है। इसमें B2C (Business-to-Consumer), B2B (Business-to-Business), C2C (Consumer-to-Consumer), और G2C (Government-to-Consumer) जैसे मॉडल शामिल हैं।
प्रकार
B2C: अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ता खरीदारी। B2B: व्यवसायों के बीच थोक व्यापार, जैसे IndiaMART। C2C: ओएलएक्स, क्विकर जैसे मंचों पर व्यक्तिगत खरीद-बिक्री। मोबाइल कॉमर्स (M-Commerce): स्मार्टफोन ऐप्स के माध्यम से खरीदारी, जैसे UPI-आधारित भुगतान।
भारत में ई-कॉमर्स की स्थिति (2025 तक)
भारत का ई-कॉमर्स बाजार दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले बाजारों में से एक है, जो डिजिटल इंडिया और बढ़ते इंटरनेट उपयोग से प्रेरित है।
प्रमुख बिंदु
बाजार का आकार: 2024 में भारत का ई-कॉमर्स बाजार $150 बिलियन से अधिक का था और 2030 तक इसके $300 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है (IBEF डेटा)।
उपयोगकर्ता आधार: 2025 तक, भारत में 900 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 50% से अधिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं (TRAI और उद्योग अनुमान)।
प्रमुख खिलाड़ी: अमेज़न इंडिया, फ्लिपकार्ट, मीशो, जियोमार्ट, और क्षेत्रीय स्टार्टअप जैसे नायका, बिगबास्केट। लोकप्रिय श्रेणियाँ: फैशन (30%), इलेक्ट्रॉनिक्स (25%), किराना (20%), और सौंदर्य उत्पाद।
भारत में ई-कॉमर्स के प्रमुख चालक
डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस
UPI: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस ने डिजिटल भुगतान को आसान बनाया। 2024 में UPI लेनदेन 131 बिलियन से अधिक थे (NPCI डेटा)। भारत नेट: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में ई-कॉमर्स की पहुँच बढ़ाई। आधार और डिजिलॉकर: ऑनलाइन KYC और दस्तावेज़ सत्यापन ने उपभोक्ता विश्वास बढ़ाया।
स्मार्टफोन और इंटरनेट
5G नेटवर्क और सस्ते स्मार्टफोन्स ने मोबाइल कॉमर्स को बढ़ावा दिया। ग्रामीण भारत में 350 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता (2024, TRAI)।
लॉजिस्टिक्स और तकनीक
डेल्हीवरी, एकart जैसे लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं ने डिलीवरी नेटवर्क को मजबूत किया। AI और डेटा एनालिटिक्स ने उपभोक्ता अनुभव को निजीकृत किया।
नीतिगत समर्थन
छोटे व्यवसायों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने की पहल।
ई-कॉमर्स और अर्थव्यवस्था
रोजगार सृजन: ई-कॉमर्स ने लॉजिस्टिक्स, डिजिटल मार्केटिंग, और ग्राहक सेवा में लाखों नौकरियाँ सृजित कीं। 2025 तक, ई-कॉमर्स से 20 मिलियन प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार (IBEF)। MSME को बढ़ावा: मीशो, ONDC जैसे मंचों ने छोटे व्यवसायों को ऑनलाइन बाजार तक पहुँच दी। आर्थिक वृद्धि: ई-कॉमर्स ने भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को $1 ट्रिलियन (2030 तक) की ओर अग्रसर किया।
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jp Singh
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