Magnetic Ink Character Recognition Code
jp Singh
2025-06-03 10:39:53
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MICR कोड क्या है/Magnetic Ink Character Recognition Code
MICR कोड क्या है/Magnetic Ink Character Recognition Code
अद्वितीय कोड है, जिसे रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) प्रत्येक बैंक शाखा को आवंटित करता है। यह कोड चेक क्लियरिंग प्रक्रिया और इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ECS) में भाग लेने वाली बैंक शाखाओं की पहचान के लिए उपयोग किया जाता है। MICR कोड विशेष चुम्बकीय स्याही (Magnetic Ink) में चेक के निचले हिस्से पर छपा होता है, जिसे मशीन द्वारा पढ़ा जाता है।
MICR कोड का फुल फॉर्म: Magnetic Ink Character Recognition Code
MICR कोड की संरचना
MICR कोड 9 अंकों का होता है और इसे तीन हिस्सों में बांटा गया है
पहले 3 अंक: शहर का पिन कोड (उदाहरण: दिल्ली के लिए 110)।
अगले 3 अंक: बैंक कोड (उदाहरण: SBI के लिए 002)।
अंतिम 3 अंक: बैंक की शाखा कोड (उदाहरण: विशिष्ट शाखा के लिए 123)।
उदाहरण: MICR कोड 110002123
110: दिल्ली शहर का पिन कोड।
002: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का कोड।
123: विशिष्ट शाखा का कोड।
MICR कोड का उपयोग
चेक क्लियरिंग: MICR कोड चेक को स्कैन करने और उसकी प्रामाणिकता को सत्यापित करने में मदद करता है, जिससे चेक क्लियरिंग प्रक्रिया तेज और सुरक्षित होती है।
इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ECS): यह ECS क्रेडिट और डेबिट लेनदेन में बैंक शाखा की पहचान के लिए उपयोग किया जाता है। वित्तीय दस्तावेजों की प्रामाणिकता: MICR कोड का उपयोग चेक, डिमांड ड्राफ्ट, और अन्य बैंक दस्तावेजों की वैधता और विश्वसनीयता को सत्यापित करने के लिए होता है।
ग्लोबल फंड ट्रांसफर: MICR कोड का उपयोग वैश्विक स्तर पर फंड ट्रांसफर के लिए भी किया जा सकता है, खासकर जब स्थानीय शाखा की पहचान आवश्यक हो।
MICR कोड और IFSC कोड में अंतर
विशेषताMICR कोडIFSC कोडफुल फॉर्मMagnetic Ink Character RecognitionIndian Financial System Codeलंबाई9 अंक (संख्यात्मक)11 अक्षर (अल्फान्यूमेरिक)उपयोगचेक क्लियरिंग और ECS के लिएNEFT, RTGS, IMPS जैसे ऑनलाइन ट्रांसफर के लिएसंरचनाशहर, बैंक, शाखा कोडबैंक कोड, शाखा कोडउदाहरण110002123SBIN0001234
मुख्य अंतर: MICR कोड मुख्य रूप से चेक और कागजी दस्तावेजों के लिए उपयोग होता है, जबकि IFSC कोड ऑनलाइन फंड ट्रांसफर (NEFT, RTGS, IMPS) के लिए उपयोग किया जाता है। MICR में पिन कोड शामिल होता है, जबकि IFSC में नहीं।
MICR कोड कैसे पता करें
चेकबुक: MICR कोड चेक के निचले हिस्से पर छपा होता है, आमतौर पर IFSC कोड के साथ। पासबुक: बैंक पासबुक के पहले पेज पर MICR कोड अंकित हो सकता है। बैंक की वेबसाइट: अधिकांश बैंक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर शाखा-विशिष्ट MICR कोड प्रदान करते हैं। ऑनलाइन खोज: निम्नलिखित चरणों का पालन करें
सी सर्च इंजन पर
बैंक शाखा से संपर्क: आप अपनी बैंक शाखा से सीधे संपर्क करके MICR कोड प्राप्त कर सकते हैं।
MICR कोड का महत्व
तेज और सुरक्षित प्रक्रिया: MICR कोड चेक क्लियरिंग को तेज और त्रुटि-मुक्त बनाता है, क्योंकि यह मशीन-पठनीय होता है। शाखा की पहचान: यह विशिष्ट बैंक शाखा की पहचान करता है, जिससे लेनदेन में सटीकता बढ़ती है। धोखाधड़ी की रोकथाम: चुम्बकीय स्याही और विशिष्ट कोड के कारण जालसाजी या गलत चेक का उपयोग मुश्किल होता है।
ECS में उपयोग: यह इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम में शामिल बैंकों की पहचान के लिए आवश्यक है।
भारतीय संदर्भ में MICR कोड
भारत में, MICR कोड का उपयोग 1980 के दशक से शुरू हुआ, जब RBI ने चेक क्लियरिंग प्रक्रिया को स्वचालित करने के लिए इस तकनीक को अपनाया। यह विशेष रूप से उन बैंकों के लिए महत्वपूर्ण है जो इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ECS) में भाग लेते हैं। MICR कोड हर बैंक शाखा के लिए अद्वितीय होता है और RBI द्वारा आवंटित किया जाता है।
उदाहरण:- यदि MICR कोड 400002009 है
400: मुंबई का पिन कोड।
002: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का कोड।
009: मुंबई में SBI की विशिष्ट शाखा का कोड।
यह कोड चेक को स्कैन करने वाली मशीन द्वारा पढ़ा जाता है, जो बैंक शाखा, शहर, और लेनदेन की जानकारी को डीकोड करता है।
ध्यान देने योग्य बातें
MICR कोड चेक के निचले हिस्से पर काले चुम्बकीय स्याही में छपा होता है, जो केवल विशेष मशीनों द्वारा पढ़ा जा सकता है।
यह IFSC कोड से अलग है, क्योंकि IFSC का उपयोग ऑनलाइन लेनदेन (NEFT, RTGS, IMPS) के लिए होता है, जबकि MICR का उपयोग मुख्य रूप से चेक-आधारित लेनदेन के लिए है।
यदि MICR कोड गलत या क्षतिग्रस्त है, तो चेक क्लियरिंग में देरी हो सकती है।
Conclusion
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