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Marginal Standing Facility
jp Singh 2025-06-03 10:16:58
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मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) क्या है/Marginal Standing Facility

मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) क्या है/Marginal Standing Facility
MSF एक ऐसी सुविधा है, जिसके तहत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान RBI से सरकारी प्रतिभूतियों (जैसे ट्रेजरी बिल्स या सरकारी बांड) को गिरवी रखकर अतिरिक्त नकदी उधार ले सकते हैं। यह सुविधा बैंकों को तब उपयोग करने की अनुमति देता है जब उनकी नकदी की कमी रेपो दर के तहत उपलब्ध ऋण से अधिक हो। MSF दर सामान्यतः रेपो दर से अधिक होती है, जिससे यह एक आपातकालीन और महंगा उधार विकल्प बन जाता है।
उदाहरण: यदि रेपो दर 6.5% है, तो MSF दर आमतौर पर 6.75% या 7% हो सकती है। इसका मतलब है कि बैंक MSF के तहत उधार लेने पर रेपो दर से अधिक ब्याज चुकाएंगे।
MSF की विशेषताएं
उच्च ब्याज दर: MSF दर हमेशा रेपो दर से अधिक होती है, आमतौर पर 25-50 आधार अंक (0.25%-0.50%) अधिक। यह सुनिश्चित करता है कि बैंक इस सुविधा का उपयोग केवल आपातकालीन स्थिति में करें।
प्रतिभूतियों पर आधारित: बैंक अपनी निवल मांग और सावधि देयताओं (Net Demand and Time Liabilities - NDTL) के एक निश्चित प्रतिशत तक सरकारी प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर MSF के तहत उधार ले सकते हैं। यह सीमा RBI द्वारा समय-समय पर तय की जाती है।
अल्पकालिक उधार: MSF के तहत ऋण आमतौर पर रातोंरात (Overnight) या बहुत कम अवधि के लिए प्रदान किए जाते हैं।
पॉलिसी कॉरिडोर का हिस्सा: MSF दर, रेपो दर, और रिवर्स रेपो दर मिलकर मौद्रिक नीति का कॉरिडोर बनाते हैं। MSF दर कॉरिडोर की ऊपरी सीमा होती है, जबकि रिवर्स रेपो दर निचली सीमा।
MSF का उद्देश्य
आपातकालीन नकदी प्रदान करना: जब बैंकों को तत्काल नकदी की आवश्यकता होती है (जैसे कि अचानक निकासी या भुगतान दबाव), तो MSF एक सुरक्षा जाल के रूप में काम करता है।
वित्तीय स्थिरता: यह सुविधा वित्तीय प्रणाली में अस्थिरता को रोकने में मदद करती है, खासकर जब बाजार में नकदी की कमी होती है।
मौद्रिक नीति का नियंत्रण: MSF दर के माध्यम से RBI यह सुनिश्चित करता है कि बैंक अनुशासित तरीके से उधार लें और इसका दुरुपयोग न करें।
MSF कैसे काम करता है?
जब किसी बैंक को नकदी की कमी होती है और वह रेपो दर के तहत उपलब्ध ऋण सीमा को पार कर चुका होता है, तो वह MSF का उपयोग कर सकता है।
बैंक अपनी सरकारी प्रतिभूतियों को RBI के पास गिरवी रखता है और MSF दर पर ब्याज के साथ ऋण प्राप्त करता है। यह ऋण आमतौर पर अगले कार्यदिवस तक चुकाना होता है, लेकिन यह अवधि RBI की नीति के आधार पर भिन्न हो सकती है। MSF के तहत उधार लेने की सीमा बैंकों की NDTL के एक निश्चित प्रतिशत (उदाहरण के लिए, 2%) तक सीमित होती है।
MSF का महत्व
आपातकालीन सहायता: MSF बैंकों को नकदी संकट से निपटने में मदद करता है, जिससे वित्तीय प्रणाली की स्थिरता बनी रहती है।
मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: चूंकि MSF दर रेपो दर से अधिक होती है, यह सुनिश्चित करता है कि बैंक इसका उपयोग केवल जरूरी परिस्थितियों में करें, जिससे अर्थव्यवस्था में अत्यधिक नकदी प्रवाह को रोका जा सके।
पॉलिसी कॉरिडोर की ऊपरी सीमा: MSF दर मौद्रिक नीति कॉरिडोर की ऊपरी सीमा के रूप में कार्य करती है, जो ब्याज दरों को नियंत्रित करने में मदद करती है।
बाजार संतुलन: यह सुविधा बैंकों को नकदी प्रबंधन में लचीलापन प्रदान करती है, जिससे बाजार में ब्याज दरों में अचानक उतार-चढ़ाव कम होता है।
भारतीय संदर्भ में MSF
भारत में MSF को 2011 में RBI द्वारा शुरू किया गया था, ताकि बैंकों को आपातकालीन नकदी उपलब्ध कराई जा सके।
MSF दर सामान्यतः रेपो दर से 25-50 आधार अंक अधिक होती है। उदाहरण के लिए, यदि रेपो दर 6.5% है, तो MSF दर 6.75% या 7% हो सकती है।
कोविड-19 महामारी के दौरान (2020-2021), RBI ने बैंकों को अधिक नकदी उपलब्ध कराने के लिए MSF की सीमा को अस्थायी रूप से बढ़ाया था, ताकि अर्थव्यवस्था को सहारा मिल सके।
3 जून 2025 तक, सटीक MSF दर जानने के लिए RBI की नवीनतम मौद्रिक नीति समीक्षा की जांच आवश्यक है।
MSF के प्रभाव
बैंकों पर प्रभाव
MSF बैंकों को आपातकालीन नकदी प्रदान करता है, लेकिन उच्च ब्याज दर के कारण यह महंगा होता है।
बैंक इस सुविधा का उपयोग सीमित रूप से करते हैं, क्योंकि यह उनकी लागत बढ़ाता है।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव
यदि बैंक बार-बार MSF का उपयोग करते हैं, तो उनकी उधार देने की लागत बढ़ सकती है, जिससे होम लोन, कार लोन आदि की ब्याज दरें बढ़ सकती हैं।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
MSF वित्तीय प्रणाली में स्थिरता लाता है, लेकिन इसका बार-बार उपयोग अर्थव्यवस्था में नकदी की कमी या उच्च ब्याज दरों का संकेत दे सकता है।
मुद्रास्फीति पर प्रभाव
MSF का उपयोग सीमित होने के कारण इसका मुद्रास्फीति पर प्रत्यक्ष प्रभाव कम होता है, लेकिन यह नकदी प्रबंधन में मदद करता है।
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