Sepak Takraw / Kick Volleyball
jp Singh
2025-06-02 13:21:48
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सेपक टकरा / किक वॉलीबॉल Sepak Takraw / Kick Volleyball
सेपक टकरा / किक वॉलीबॉल Sepak Takraw / Kick Volleyball
सेपक टकरा / किक वॉलीबॉल Sepak Takraw / Kick Volleyball
सेपक टकरा, जिसे "किक वॉलीबॉल" भी कहा जाता है, दक्षिण-पूर्व एशिया का एक पारंपरिक खेल है, जिसकी उत्पत्ति 15वीं शताब्दी में मलक्का सल्तनत (वर्तमान मलेशिया) में हुई। इसका उल्लेख मलय इतिहास : में मिलता है, जहां इसे "सेपक रागा" के नाम से जाना जाता था। मलय भाषा में "सेपक" का अर्थ "किक" और थाई भाषा में "टकरा" का अर्थ "बुनी हुई गेंद" है। यह खेल मलेशिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया, और फिलीपींस में लोकप्रिय हुआ और 20वीं शताब्दी में नियमबद्ध हुआ। भारत में, सेपक टकरा 1982 के दिल्ली एशियाई खेलों में प्रदर्शन खेल के रूप में शुरू हुआ। भारतीय सेपक टकरा फेडरेशन (ISTAF) ने इसे बढ़ावा दिया, और 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में भारत ने पहला कांस्य पदक जीता। 2025 में बिहार के पटना में पहला सेपक टकरा विश्व कप आयोजित हुआ, जहां भारत ने पुरुष और महिला वर्ग में स्वर्ण जीता।
स्वरूप :
सेपक टकरा एक तेज, गैर-संपर्क खेल है, जो वॉलीबॉल, फुटबॉल, जिम्नास्टिक, और बैडमिंटन का मिश्रण है। यह तीन मुख्य स्वरूपों में खेला जाता है:
रेगु: 3 खिलाड़ी प्रति टीम, सामान्य प्रतिस्पर्धी प्रारूप।
टीम रेगु: 9 खिलाड़ी (3 रेगु), प्रत्येक रेगु 3 मैच खेलता है।
क्वाड्रेंट: 4 खिलाड़ी, अतिरिक्त रणनीति के साथ।
खिलाड़ी मुख्य रूप से पैर, सिर, कंधे, और छाती का उपयोग करते हैं; हाथों का उपयोग निषिद्ध है। भारत में यह हरियाणा, बिहार, और दिल्ली में लोकप्रिय है।
प्रारूप :
रेगु: 3 खिलाड़ी (सर्वर, फीडर, टेक्कर), 2 सेट (15 अंक), टाई पर तीसरा सेट (6 अंक)।
टीम रेगु: 3 रेगु (9 खिलाड़ी), प्रत्येक रेगु 2 सेट खेलता है, कुल स्कोर से विजेता।
क्वाड्रेंट: 4 खिलाड़ी, 2 सेट (21 अंक), अधिक रणनीति।
यूथ: छोटा कोर्ट (10x5 मीटर), कम अंक (12)।
मैच समय: 30-45 मिनट, प्रत्येक सेट 15-20 मिनट।
नियम :
उद्देश्य: गेंद को नेट के ऊपर से विपक्षी कोर्ट में मारना, जिससे वह जमीन को छू जाए या विपक्षी इसे वापस न कर सके।
सर्विस: गेंद को सेंटर लाइन से किक द्वारा शुरू, नेट के ऊपर से।
खेल: प्रत्येक टीम को गेंद को 3 बार तक छूने की अनुमति (पैर, सिर, कंधे, छाती से)।
स्कोरिंग: गेंद विपक्षी कोर्ट में गिरने पर 1 अंक, या विपक्षी के फाउल पर।
फाउल: हाथ का उपयोग, नेट छूना, गलत सर्विस, 3 से अधिक टच।
विजेता: 15 अंक (रेगु) या 21 अंक (क्वाड्रेंट) पहले, 2 अंकों का अंतर।
टाई-ब्रेकर: तीसरा सेट (6 अंक, रेगु; 15 अंक, क्वाड्रेंट)।
ग्राउंड :
कोर्ट: आयताकार, 13.4 मीटर लंबा, 6.1 मीटर चौड़ा (पुरुष/महिला), इनडोर/आउटडोर, लकड़ी/सिंथेटिक सतह।
नेट: 1.55 मीटर ऊंचा (पुरुष), 1.45 मीटर (महिला), केंद्र में।
सर्विस सर्कल: 0.9 मीटर त्रिज्या, कोर्ट के दोनों सिरों पर।
भारत में: दिल्ली का IG स्टेडियम, भिवानी का वैश्य ग्राउंड, जिंहुआ स्पोर्ट्स सेंटर (2023 एशियाई खेल)।
खिलाड़ियों की संख्या :
रेगु: 3 खिलाड़ी (1 सर्वर, 1 फीडर, 1 टेक्कर), 2 सब्स्टीट्यूट।
टीम रेगु: 9 खिलाड़ी (3 रेगु), 3 सब्स्टीट्यूट।
क्वाड्रेंट: 4 खिलाड़ी, 2 सब्स्टीट्यूट।
यूथ: 3-4 खिलाड़ी, छोटा कोर्ट।
रणनीतियां :
आक्रामक:
स्पाइक: हवा में उछलकर गेंद को तेज किक (टेक्कर), 60-80 किमी/घंटा।
सर्विस: तेज/घुमावदार सर्व, विपक्षी को भ्रमित करना।
रक्षात्मक:
ब्लॉक: नेट के पास गेंद को रोकना।
पोजीशनिंग: फीडर और टेक्कर का समन्वय।
टीमवर्क: सर्वर और फीडर गेंद को टेक्कर तक सटीक पहुंचाते हैं।, पावरप्ले: तेज स्पाइक और ब्लॉक का संयोजन।
तकनीकी पहलू और तकनीक का उपयोग :
वीडियो रिव्यू: नेट टच, स्कोरिंग, और फाउल की समीक्षा (विश्व कप, एशियाई खेल)।
डेटा एनालिटिक्स: गति (20-25 किमी/घंटा सर्व), स्पाइक सटीकता, जंप ऊंचाई (1.5-2 मीटर)।
सेंसर: गेंद और जूतों में गति ट्रैकिंग।
प्रकाश: रात के मैचों के लिए LED लाइट्स।
सतह: सिंथेटिक कोर्ट, चोट कम, गति अधिक।
शब्दावली
सेपक: किक करना (मलय)।
टकरा: बुनी हुई गेंद (थाई)।
रेगु: 3 खिलाड़ियों का समूह।
स्पाइक: हवा में तेज किक।
ब्लॉक: नेट पर गेंद रोकना।
सर्व: खेल शुरू करने की किक।
टेक्कर: मुख्य हमलावर, स्पाइक करता है।
फीडर: गेंद को टेक्कर तक पहुंचाता है।
उपकरण :
गेंद: बुनी हुई रतन/सिंथेटिक, 12-14 सेमी व्यास, 170-180 ग्राम (पुरुष), 150-160 ग्राम (महिला)।
जूते: हल्के, गैर-चिह्नित, अच्छी पकड़ (100-150 ग्राम)।
वर्दी: लाइक्रा जर्सी, शॉर्ट्स, रंगीन, 100-200 ग्राम।
सुरक्षा: घुटने/कोहनी पैड, माउथगार्ड (वैकल्पिक)।
नेट: नायलॉन, 6.1 मीटर लंबा, 70 सेमी चौड़ा।
प्रशिक्षण और फिटनेस :-
शारीरिक फिटनेस:
गति: 20-40 मीटर स्प्रिंट, इंटरवल ट्रेनिंग।
चपलता: ज़िग-ज़ैग ड्रिल्स, जंप ड्रिल्स।
सहनशक्ति: 30-45 मिनट कार्डियो।
ताकत: लेग और कोर वर्कआउट, स्क्वाट, लंजेस।
तकनीकी प्रशिक्षण:
स्पाइक: हवा में उछलकर किक, सटीकता।
सर्व: घुमाव और गति।
ब्लॉक: नेट पर समयबद्ध उछाल।
रणनीतिक प्रशिक्षण: रेगु समन्वय, पोजीशनिंग।
मानसिक प्रशिक्षण: त्वरित निर्णय, दबाव प्रबंधन।
पोषण: 60% कार्बोहाइड्रेट, 20% प्रोटीन, 2-3 लीटर हाइड्रेशन।
खिलाड़ियों की भूमिका :
सर्वर: खेल शुरू करता है, सटीक किक।
फीडर: गेंद को टेक्कर तक पहुंचाता है।
टेक्कर: स्पाइक और स्कोरिंग का मुख्य खिलाड़ी।
कप्तान: रणनीति और समन्वय।
क्वाड्रेंट में: अतिरिक्त खिलाड़ी रक्षा और हमले में मदद करता है।
प्रमुख टूर्नामेंट :
अंतरराष्ट्रीय:
एशियाई खेल (1990 से)।
सेपक टकरा विश्व कप (2025, भारत)।
ISTAF विश्व चैंपियनशिप।
राष्ट्रीय:
हरियाणा स्टेट सेपक टकरा चैंपियनशिप।
नेशनल गेम्स, खेलो इंडिया।
स्थानीय: चुरू जिला प्रतियोगिता, भिवानी।
आंकड़े और रिकॉर्ड :
विश्व कप 2025: भारत ने पुरुष और महिला रेगु में स्वर्ण।
एशियाई खेल: थाईलैंड (26 स्वर्ण), भारत (2018, कांस्य)।
खिलाड़ी: धीरज, संदीप, ललित, हरीश (2018 कांस्य, भारत)।
सर्वाधिक गति: स्पाइक में 80 किमी/घंटा तक।
रोचक तथ्य :
सेपक टकरा चीनी खेल "कुजू" का विकसित रूप है।
भारत का पहला पदक 2018 एशियाई खेलों में (कांस्य, पुरुष रेगु)।
दिल्ली के मजनू का टीला के खिलाड़ियों ने रबड़ ट्यूब से अभ्यास शुरू किया।
थाईलैंड का वर्चस्व, 26 स्वर्ण पदक।
लोकप्रियता :
सेपक टकरा दक्षिण-पूर्व एशिया (थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया) में अत्यधिक लोकप्रिय है। भारत में यह हरियाणा, बिहार, दिल्ली, और मणिपुर में बढ़ रहा है, विशेष रूप से स्कूलों और ग्रामीण क्षेत्रों में। 2025 विश्व कप ने भारत में इसकी लोकप्रियता बढ़ाई।
सामाजिक प्रभाव :
एकता: स्थानीय टूर्नामेंट समुदायों को जोड़ते हैं, जैसे भिवानी।
प्रेरणा: अनुशासन, सहनशीलता, और समर्पण सिखाता है।
आर्थिक प्रभाव: विश्व कप और प्रायोजन से रोजगार।
सांस्कृतिक प्रभाव :
दक्षिण-पूर्व एशिया: मलेशिया और थाईलैंड में सांस्कृतिक उत्सवों का हिस्सा।
भारत में: हरियाणा और बिहार में स्थानीय उत्सवों में शामिल।
मीडिया: 2018 एशियाई खेल और 2025 विश्व कप की कवरेज।
खेल का भविष्य :
प्रौद्योगिकी: वीडियो रिव्यू, गति सेंसर, और AI विश्लेषण।,महिला सेपक टकरा: बढ़ती भागीदारी, 2025 विश्व कप में भारत की जीत।, ओलंपिक संभावना: एशियाई खेलों में सफलता के बाद चर्चा।, वैश्विक विस्तार: भारत, नेपाल, और यूरोप में प्रचार।
भारत का योगदान :
ऐतिहासिक: 1982 दिल्ली एशियाई खेलों में प्रदर्शन।, आधुनिक: 2018 कांस्य, 2025 विश्व कप में 7 पदक (पुरुष/महिला स्वर्ण)।, खिलाड़ी: धीरज, संदीप, ललित, हरीश (मजनू का टीला, 2018)।, विकास: ISTAF, SAI, और खेलो इंडिया द्वारा अकादमियां।, आयोजन: 2025 विश्व कप, पटना (20-25 मार्च)।
महिलाओं का खेल में योगदान
ऐतिहासिक: 1998 बैंकॉक एशियाई खेलों में पहली बार भागीदारी।
आधुनिक सफलता:
2025 विश्व कप: भारतीय महिला रेगु ने स्वर्ण जीता।, हरियाणा की खिलाड़ी (नेहा, सुनीता) स्टेट चैंपियनशिप में।
प्रभाव:
ग्रामीण क्षेत्रों (हरियाणा, मणिपुर) में लड़कियों की भागीदारी। स्कूलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम।
चुनौतियां: सीमित प्रायोजन और सुविधाएं, लेकिन SAI और ISTAF से सुधार।
विकास: हरियाणा और बिहार में महिला अकादमियां, खेलो इंडिया समर्थन।
Conclusion
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