Rugby game
jp Singh
2025-06-02 12:36:44
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रग्बी/Rugby
रग्बी खेल/Rugby game
इतिहास
रग्बी, जिसे रग्बी फुटबॉल भी कहा जाता है, की उत्पत्ति 19वीं शताब्दी की शुरुआत में इंग्लैंड के रग्बी स्कूल में हुई। किंवदंती के अनुसार, 1823 में विलियम वेब एलिस ने फुटबॉल के खेल के दौरान गेंद को हाथ में उठाकर दौड़ने का फैसला किया, जिससे रग्बी फुटबॉल का जन्म हुआ। हालांकि इस घटना का कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है, यह कहानी रग्बी की उत्पत्ति का प्रतीक है। 1845 में रग्बी स्कूल के छात्रों ने पहली बार नियम लिखे। 1871 में रग्बी फुटबॉल यूनियन (RFU) की स्थापना हुई, और उसी वर्ष स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला गया। 1895 में, खिलाड़ियों को भुगतान के मुद्दे पर उत्तरी इंग्लैंड के क्लबों ने RFU से अलग होकर रग्बी लीग बनाई, जिससे रग्बी यूनियन और रग्बी लीग दो अलग-अलग खेल बन गए। रग्बी यूनियन 1995 में पेशेवर बन गया। भारत में, रग्बी 19वीं सदी में ब्रिटिश सेना के माध्यम से आया, और 1927 में पहला क्लब, कलकत्ता रग्बी क्लब, स्थापित हुआ। भारतीय रग्बी फुटबॉल यूनियन (IRFU) 1998 में बनी।
स्वरूप
रग्बी एक पूर्ण-संपर्क, तेज गति वाला टैकलिंग खेल है, जो दो मुख्य रूपों में खेला जाता है: रग्बी यूनियन: 15 खिलाड़ी प्रति टीम (रग्बी फिफ्टीन) या 7 खिलाड़ी (रग्बी सेवन्स), जिसमें गेंद को ले जाना, पास करना, और किक करना शामिल है। रग्बी लीग: 13 खिलाड़ी प्रति टीम, सरल नियमों के साथ, जैसे कोई लाइन-आउट नहीं और "प्ले-द-बॉल"। अन्य रूप: टच रग्बी (गैर-संपर्क), टैग रग्बी, व्हीलचेयर रग्बी, और बीच रग्बी। भारत में रग्बी सेवन्स और टैग रग्बी लोकप्रिय हैं, खासकर स्कूलों और युवा स्तर पर।
प्रारूप
रग्बी यूनियन (फिफ्टीन): 15 खिलाड़ी, 80 मिनट (2x40 मिनट), निरंतर खेल, स्क्रम, रक, मॉल, और लाइन-आउट। रग्बी सेवन्स: 7 खिलाड़ी, 14 मिनट (2x7 मिनट), टूर्नामेंट में 3 मैच प्रति दिन, तेज और उच्च स्कोरिंग। 2016 रियो ओलंपिक से ओलंपिक खेल। रग्बी लीग: 13 खिलाड़ी, 80 मिनट, 6 टैकल प्रति कब्जा, कोई लाइन-आउट। टच/टैग रग्बी: गैर-संपर्क, 6-7 खिलाड़ी, टच या टैग द्वारा टैकल, स्कूलों में लोकप्रिय। व्हीलचेयर रग्बी: 4 खिलाड़ी, इनडोर, व्हीलचेयर संपर्क, पैरालंपिक खेल।
नियम
उद्देश्य: गेंद को प्रतिद्वंद्वी के इन-गोल क्षेत्र (ट्राई लाइन) पर ग्राउंड करके ट्राई (5 अंक) स्कोर करना, या गोलपोस्ट के बीच किक करके अंक (कन्वर्जन: 2, पेनल्टी/ड्रॉप गोल: 3)। पासिंग: गेंद को केवल पीछे या बगल में पास किया जा सकता है, आगे पास करना फाउल। टैकल: गेंद ले जाने वाले खिलाड़ी को जमीन पर लाना, टैकल के बाद गेंद छोड़नी होती है। स्क्रम: मामूली उल्लंघन (जैसे फॉरवर्ड पास) के बाद खेल शुरू करने के लिए 8 खिलाड़ी (फिफ्टीन) या 3 (सेवन्स)। लाइन-आउट: गेंद के बाहर जाने पर, थ्रो-इन के लिए खिलाड़ी उठाए जाते हैं। रक/मॉल: टैकल के बाद गेंद के लिए संघर्ष (रक: जमीन पर, मॉल: खड़े रहकर)। पेनल्टी: ऑफसाइड, खतरनाक खेल (उच्च टैकल), या गलत टैकल के लिए। पीले कार्ड (10 मिनट निलंबन, फिफ्टीन; 2 मिनट, सेवन्स), लाल कार्ड (खेल से बाहर)। ऑफसाइड: गेंद के आगे रहने वाला खिलाड़ी खेल में शामिल नहीं हो सकता।
ग्राउंड
पिच: आयताकार, 100 मीटर लंबा (70 मीटर खेल क्षेत्र, 10-22 मीटर इन-गोल क्षेत्र), 70 मीटर चौड़ा, दोनों सिरों पर H-आकार के गोलपोस्ट। सतह: घास (प्राकृतिक या कृत्रिम), बीच रग्बी में रेत। रग्बी सेवन्स: छोटा पिच (70x40 मीटर), समान गोलपोस्ट। भारत में: दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, मुंबई का बॉम्बे जिमखाना, और भुवनेश्वर के मैदान।
खिलाड़ियों की संख्या
रग्बी यूनियन (फिफ्टीन): 15 खिलाड़ी (8 फॉरवर्ड, 7 बैक), 8 सब्स्टीट्यूट। रग्बी सेवन्स: 7 खिलाड़ी (3 फॉरवर्ड, 4 बैक), 5 सब्स्टीट्यूट। रग्बी लीग: 13 खिलाड़ी, 4 सब्स्टीट्यूट। टच/टैग रग्बी: 6-7 खिलाड़ी, असीमित परिवर्तन। व्हीलचेयर रग्बी: 4 खिलाड़ी, मिश्रित लिंग।
रणनीतियां
आक्रामक: ट्राई: गेंद को तेजी से इन-गोल क्षेत्र में ले जाना। किकिंग: ड्रॉप गोल या पेनल्टी के लिए गोलपोस्ट पर निशाना। ब्रेकडाउन: रक/मॉल में गेंद को बनाए रखना।
रक्षात्मक
टैकल: गेंद वाहक को रोकना, कब्जा वापस लेना। स्क्रम/लाइन-आउट: कब्जे के लिए प्रतिस्पर्धा। जोन डिफेंस: पिच के क्षेत्रों को कवर करना। सेट पीस: स्क्रम और लाइन-आउट में रणनीतिक गठन। सेवन्स: तेज पासिंग, खुले स्थान का उपयोग।
तकनीकी पहलू और तकनीक का उपयोग
वीडियो रिव्यू: TMO (टेलीविजन मैच ऑफिशियल) ट्राई, फाउल, और ऑफसाइड की समीक्षा। डेटा एनालिटिक्स: टैकल की ताकत, गति (30 किमी/घंटा तक), और पास सटीकता। GPS ट्रैकिंग: खिलाड़ी की गति और स्थिति। उपकरण: हल्के जूते, माउथगार्ड, न्यूनतम पैडिंग। प्रकाश: रात के मैचों के लिए LED फ्लडलाइट्स। सतह: कृत्रिम घास चोट कम करती है, गति बढ़ाती है।
शब्दावली
ट्राई: गेंद को इन-गोल क्षेत्र में ग्राउंड करना (5 अंक)। कन्वर्जन: ट्राई के बाद गोलपोस्ट के बीच किक (2 अंक)। पेनल्टी/ड्रॉप गोल: गोलपोस्ट के बीच किक (3 अंक)। स्क्रम: कब्जे के लिए धक्का-मुक्की। रक: टैकल के बाद गेंद के लिए संघर्ष। मॉल: खड़े रहकर गेंद को बनाए रखना। लाइन-आउट: गेंद के बाहर जाने पर थ्रो-इन। ऑफसाइड: गलत स्थिति में खेल में शामिल होना।
उपकरण
गेंद: अंडाकार, चमड़े की, 410-460 ग्राम, साइज 5 (वयस्क), साइज 3-4 (युवा)। जूते: क्लीट्स, अच्छी पकड़, 200-300 ग्राम। वर्दी: हल्की जर्सी, शॉर्ट्स, मोजे, माउथगार्ड (अनिवार्य)। सुरक्षा: हेडगार्ड, शोल्डर पैड (वैकल्पिक), व्हीलचेयर रग्बी में विशेष व्हीलचेयर। गोलपोस्ट: H-आकार, 5.6 मीटर ऊंचा, 3 मीटर चौड़ा।
प्रशिक्षण और फिटनेस
शारीरिक फिटनेस: ताकत: वेटलिफ्टिंग, स्क्वाट, बेंच प्रेस। गति: 30-60 मीटर स्प्रिंट, इंटरवल ट्रेनिंग। सहनशक्ति: 5-10 किमी दौड़, उच्च-तीव्रता ड्रिल्स। चपलता: लैडर ड्रिल्स, साइड-टू-साइड मूवमेंट।
तकनीकी प्रशिक्षण: टैकल: कंधे से संपर्क, सुरक्षित तकनीक। पासिंग: सटीक पीछे/बगल पास। किकिंग: ड्रॉप किक, पंट, और ग्रबबर। स्क्रम/लाइन-आउट: बाइंडिंग और लिफ्टिंग। रणनीतिक प्रशिक्षण: सेट पीस (स्क्रम, लाइन-आउट), ब्रेकडाउन रणनीति। मानसिक प्रशिक्षण: दबाव प्रबंधन, टीम संचार। पोषण: उच्च प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, हाइड्रेशन (3-4 लीटर/दिन)।
फॉरवर्ड (1-8): स्क्रम और लाइन-आउट में ताकत, जैसे प्रॉप, हूकर, लॉक। बैक (9-15): गति और पासिंग, जैसे स्क्रम-हाफ, फ्लाई-हाफ, विंग। रग्बी सेवन्स: बहुमुखी खिलाड़ी, सभी आक्रामक और रक्षात्मक भूमिका निभाते हैं। व्हीलचेयर रग्बी: कार्यात्मक क्षमता के आधार पर वर्गीकरण (0.5-3.5)। कप्तान: रणनीति और रेफरी संवाद।
खिलाड़ियों की भूमिका
प्रमुख टूर्नामेंट
रग्बी यूनियन: रग्बी विश्व कप (हर 4 साल, 1987 से)। सिक्स नेशंस (यूरोप: इंग्लैंड, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, स्कॉटलैंड, वेल्स)। रग्बी चैंपियनशिप (दक्षिणी गोलार्ध: ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना)। ओलंपिक (रग्बी सेवन्स, 2016 से)। रग्बी लीग: रग्बी लीग विश्व कप, नेशनल रग्बी लीग (ऑस्ट्रेलिया), सुपर लीग (यूके)। भारत: ऑल इंडिया एंड साउथ एशिया रग्बी टूर्नामेंट, नेशनल रग्बी सेवन्स।
आंकड़े और रिकॉर्ड
रग्बी विश्व कप: न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका (3-3 खिताब)। सर्वाधिक ट्राई: जोनाह लोमू (न्यूजीलैंड, 15 विश्व कप ट्राई)। भारत: बिहार की जूनियर टीम ने 2024 में स्वर्ण जीता; त्रिभुवन आर्मी क्लब ने 2025 में महिला रग्बी सेवन्स जीता। सबसे तेज खिलाड़ी: कार्लिन आइल्स (रग्बी सेवन्स, 10.13 सेकंड 100m)।
रोचक तथ्य
न्यूजीलैंड की ऑल ब्लैक्स हर मैच से पहले हाका (पारंपरिक माओरी नृत्य) करते हैं। रग्बी सेवन्स 2016 में ओलंपिक खेल बना। भारत में बिहार और ओडिशा रग्बी के उभरते केंद्र हैं। रग्बी में कोई टाइम-आउट नहीं, खेल निरंतर चलता है। व्हीलचेयर रग्बी में व्हीलचेयर टकराव खेल का हिस्सा है।
लोकप्रियता
रग्बी विश्व स्तर पर लोकप्रिय है, विशेष रूप से न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, फ्रांस, और फिजी में। यह न्यूजीलैंड, फिजी, समोआ, टोंगा, जॉर्जिया, और वेल्स का राष्ट्रीय खेल है। भारत में, रग्बी बिहार, ओडिशा, दिल्ली, और महाराष्ट्र में बढ़ रहा है, विशेष रूप से रग्बी सेवन्स और टैग रग्बी के साथ। स्कूल और कॉलेज स्तर पर बढ़ती भागीदारी।
सामाजिक प्रभाव
एकता: रग्बी समुदायों को जोड़ता है, जैसे आयरलैंड में राष्ट्रीय और संप्रदायिक एकता। प्रेरणा: युवाओं को फिटनेस, अनुशासन, और टीमवर्क सिखाता है। आर्थिक प्रभाव: टूर्नामेंट्स और प्रायोजन से रोजगार, जैसे भारत में ऑल इंडिया रग्बी टूर्नामेंट।
सांस्कृतिक प्रभाव
भारत में: बिहार और ओडिशा में स्थानीय उत्सवों में रग्बी शामिल। वैश्विक: न्यूजीलैंड का हाका, दक्षिण अफ्रीका में 1995 विश्व कप (इनविक्टस फिल्म)। मीडिया: "टॉम ब्राउन स्कूल डेज" (1857), "इनविक्टस" (2009)।
खेल का भविष्य
प्रौद्योगिकी: TMO, GPS, और AI विश्लेषण। महिला रग्बी: तेजी से बढ़ता हुआ, जैसे भारत में त्रिभुवन आर्मी क्लब की जीत। वैश्विक विस्तार: भारत, जापान, और अमेरिका में विकास। सुरक्षा: चोटों को कम करने के लिए नियम सुधार, जैसे उच्च टैकल पर प्रतिबंध।
भारत का योगदान
ऐतिहासिक: 1927 में कलकत्ता रग्बी क्लब, 1998 में IRFU। आधुनिक: बिहार की जूनियर टीम (2024 स्वर्ण), त्रिभुवन आर्मी क्लब (2025 महिला सेवन्स)। खिलाड़ी: राहुल बोस (अभिनेता, पूर्व रग्बी खिलाड़ी), अंशु (सुपौल, बिहार)। टूर्नामेंट: ऑल इंडिया एंड साउथ एशिया रग्बी, नेशनल सेवन्स। विकास: IRFU और SAI (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) द्वारा ग्रासरूट प्रोग्राम।
महिलाओं का खेल में योगदान
ऐतिहासिक: भारत में महिला रग्बी 2000 के दशक में शुरू, मुख्य रूप से सेवन्स। आधुनिक सफलता: त्रिभुवन आर्मी क्लब: 2025 में प्रथम शहीद स्मृति महिला रग्बी सेवन्स उपाधि। अंशु (सुपौल): 2024 जूनियर चैंपियनशिप में उत्कृष्ट प्रदर्शन।
प्रभाव
ग्रामीण क्षेत्रों (बिहार, ओडिशा) में लड़कियों के लिए प्रेरणा। स्कूलों में टैग रग्बी के माध्यम से बढ़ती भागीदारी।
चुनौतियां: सीमित प्रायोजन, सुविधाएं, और मीडिया कवरेज, लेकिन IRFU के प्रयासों से सुधार। विकास: बिहार और ओडिशा में रग्बी अकादमियां, SAI और IRFU द्वारा प्रशिक्षण।
Conclusion
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