List of Chief Justices of Uttarakhand
jp Singh
2025-05-30 16:45:24
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Uttarakhand उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
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Uttarakhand उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
उत्तराखंड उच्च न्यायालय की स्थापना 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के तहत उत्तराखंड राज्य के गठन के साथ हुई थी, जब उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग किया गया। यह भारत का 18वाँ उच्च न्यायालय है, और इसका मुख्यालय नैनीताल में है। शुरूआत में स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 7 थी, जिसे 2003 में बढ़ाकर 9 कर दिया गया। वर्तमान में (मई 2025 तक), इसकी स्वीकृत संख्या 11 है, जिसमें 9 स्थायी और 2 अतिरिक्त न्यायाधीश शामिल हैं। उच्च न्यायालय का भवन 1900 में सैंटोनी मैकडोनाल्ड द्वारा निर्मित एक ऐतिहासिक इमारत में स्थित है, जिसे पहले पुराना सचिवालय कहा जाता था।
1. अशोक ए. देसाई (Ashok A. Desai) जन्म स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र पद ग्रहण तिथि: 9 नवंबर 2000 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 2004 (सटीक तिथि उपलब्ध नहीं) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय में 1986 से 2000 तक न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल में उच्च न्यायालय की स्थापना और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान दिया गया। वे संवैधानिक और सिविल मामलों में विशेषज्ञ थे।
2. सरोश होमी कपाड़िया (Sarosh Homi Kapadia) जन्म स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र जन्म तिथि: 29 सितंबर 1947 पद ग्रहण तिथि: 2004 (लगभग) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 2006 (बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्थानांतरण) समाधि स्थल: लागू नहीं (2012 में निधन) विशेष तथ्य: वे बाद में भारत के मुख्य न्यायाधीश बने (2010-2012)। उनके कार्यकाल में संवैधानिक और वित्तीय कानूनों पर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। वे चार्टर्ड अकाउंटेंट थे और बॉम्बे उच्च न्यायालय में 1991 से 2003 तक न्यायाधीश रहे।
3. वी.एस. सिरपुरकर (V.S. Sirpurkar) जन्म स्थान: नागपुर, महाराष्ट्र जन्म तिथि: 22 अगस्त 1946 पद ग्रहण तिथि: 2006 (लगभग) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 2007 (मद्रास उच्च न्यायालय में स्थानांतरण) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे बॉम्बे उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। बाद में वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने (2008-2011)। उनके कार्यकाल में सामाजिक न्याय और आपराधिक मामलों पर कई फैसले लिए गए।
4. बी.सी. पटेल (B.C. Patel) जन्म स्थान: गुजरात पद ग्रहण तिथि: 2007 (लगभग) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 2009 विशेष तथ्य: वे दिल्ली उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनके कार्यकाल में पर्यावरण और भूमि अधिग्रहण से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
5. विनोद कुमार शर्मा (Vinod Kumar Sharma) जन्म स्थान: उत्तर प्रदेश पद ग्रहण तिथि: 2009 (लगभग) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 2011 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में उत्तराखंड के विकास और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कई जनहित याचिकाएँ सुनी गईं। उन्होंने प्रशासनिक सुधारों पर जोर दिया।
6. बी.के. नाथ (B.K. Nath) जन्म स्थान: पश्चिम बंगाल पद ग्रहण तिथि: 2011 (लगभग) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 2014 विशेष तथ्य: वे कलकत्ता उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनके कार्यकाल में उत्तराखंड में बाढ़ राहत और पुनर्वास से संबंधित कई महत्वपूर्ण आदेश जारी किए गए।
7. के.एम. जोसेफ (K.M. Joseph) जन्म स्थान: केरल जन्म तिथि: 17 जून 1958 पद ग्रहण तिथि: 31 जुलाई 2014 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 16 अगस्त 2018 (सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे केरल उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। बाद में वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने (2018-2023)। उनके कार्यकाल में पर्यावरण संरक्षण और मानवाधिकारों पर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
8. रमेश रंगनाथन (Ramesh Ranganathan) जन्म स्थान: आंध्र प्रदेश जन्म तिथि: 10 जुलाई 1958 पद ग्रहण तिथि: 2 नवंबर 2018 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 9 जुलाई 2020 (सेवानिवृत्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनके कार्यकाल में कोविड-19 महामारी के दौरान वर्चुअल सुनवाई प्रणाली को लागू किया गया। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई की।
9. राघवेंद्र सिंह चौहान (Raghvendra Singh Chauhan) जन्म स्थान: उत्तर प्रदेश जन्म तिथि: 2 जून 1959 पद ग्रहण तिथि: 7 जनवरी 2021 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 23 दिसंबर 2021 (तेलंगाना उच्च न्यायालय में स्थानांतरण) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे तेलंगाना उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे, जहाँ वे मुख्य न्यायाधीश थे। उनके कार्यकाल में विकास परियोजनाओं के खिलाफ याचिकाओं पर टिप्पणी की गई कि कई याचिकाकर्ता
10. विपिन सांघी (Vipin Sanghi) जन्म स्थान: दिल्ली जन्म तिथि: 27 अक्टूबर 1961 पद ग्रहण तिथि: 19 जनवरी 2022 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 2022 (लगभग) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे दिल्ली उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर हुई थी। उनके कार्यकाल में उत्तराखंड में जोशीमठ और कर्णप्रयाग में भूधंसान से प्रभावित परिवारों की याचिकाओं पर सुनवाई हुई।
11. रवि विजयकुमार मलिमथ (Ravi Vijaykumar Malimath) जन्म स्थान: कर्नाटक जन्म तिथि: 25 मई 1962 पद ग्रहण तिथि: 2022 (लगभग) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 2023 समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनके कार्यकाल में उद्यान घोटाले की सीबीआई जाँच के आदेश दिए गए, जिसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की।
12. रितु बाहरी (Ritu Bahri) जन्म स्थान: जालंधर, पंजाब जन्म तिथि: 11 अक्टूबर 1962 पद ग्रहण तिथि: 4 फरवरी 2024 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: लागू नहीं (वर्तमान में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, मई 2025 तक) विशेष तथ्य: वे उत्तराखंड उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से स्थानांतरित होकर यह पद संभाला। उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर हुई थी। उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय लोक अदालत और डिजिटल कोर्ट प्रणाली को बढ़ावा दिया गया।
अतिरिक्त जानकारी और तथ्य: उत्तराखंड उच्च न्यायालय का इतिहास: उत्तराखंड उच्च न्यायालय की स्थापना 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के तहत हुई थी। यह नैनीताल में मल्लीताल के एक ऐतिहासिक भवन में स्थित है, जिसे 1900 में सैंटोनी मैकडोनाल्ड ने बनवाया था। शुरूआत में 7 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या थी, जिसे 2003 में बढ़ाकर 9 और बाद में 11 कर दिया गया। यह कुमाऊँ क्षेत्र के एक सुंदर पहाड़ी स्टेशन, नैनीताल में है, जिसे ‘स्कंद पुराण’ में त्रि-ऋषि-सरोवर के रूप में उल्लेखित किया गया है।
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पर्यावरण संरक्षण, भूधंसान, और सामाजिक न्याय से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। 2020 में डिजिटल कोर्ट प्रणाली और ई-सेवा केंद्र का उद्घाटन हुआ। 26 नवंबर 2023 को उद्यान घोटाले की सीबीआई जाँच के आदेश दिए गए। जोशीमठ और कर्णप्रयाग में भूधंसान से प्रभावित परिवारों की याचिकाओं पर सुनवाई हुई, जिसमें मुआवजे और पुनर्वास की माँग की गई।
प्रमुख फैसले: राघवेंद्र सिंह चौहान के कार्यकाल में: विकास परियोजनाओं के खिलाफ याचिकाओं को
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jp Singh
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