List of Chief Justices of Uttar Pradesh
jp Singh
2025-05-30 16:41:35
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Uttar Pradesh इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
Uttar Pradesh इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
Uttar Pradesh इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
इलाहाबाद उच्च न्यायालय भारत के सबसे पुराने उच्च न्यायालयों में से एक है, जिसकी स्थापना 17 मार्च 1866 को ब्रिटिश राज के तहत भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 के अंतर्गत आगरा में हुई थी। यह मूल रूप से उत्तर-पश्चिमी प्रांतों के लिए स्थापित किया गया था और 1869 में इसे आगरा से इलाहाबाद स्थानांतरित किया गया। 11 मार्च 1919 को इसका नाम बदलकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय कर दिया गया। 25 फरवरी 1948 को, अवध चीफ कोर्ट (लखनऊ) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के साथ मिला दिया गया, और लखनऊ में एक स्थायी खंडपीठ स्थापित की गई। 2000 में उत्तराखंड के गठन के बाद, उत्तराखंड के 13 जिले इसके कार्यक्षेत्र से हटाकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय (नैनीताल) के अधीन कर दिए गए। वर्तमान में (मई 2025 तक), इसकी स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 160 है, जिसमें 120 स्थायी और 40 अतिरिक्त हैं। इसका मुख्यालय प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में है, और लखनऊ में एक खंडपीठ कार्यरत है।
1. सर वाल्टर मॉर्गन (Sir Walter Morgan) जन्म स्थान: इंग्लैंड (सटीक स्थान उपलब्ध नहीं) पद ग्रहण तिथि: 17 मार्च 1866 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1871 विशेष तथ्य: वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय (तब उत्तर-पश्चिमी प्रांतों के लिए उच्च न्यायालय) के पहले मुख्य न्यायाधीश थे। उनके कार्यकाल में उच्च न्यायालय ने ब्रिटिश औपनिवेशिक न्यायिक प्रणाली को उत्तर-पश्चिमी प्रांतों में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सदर दीवानी अदालत को प्रतिस्थापित किया, जो उस समय तक उच्चतम न्यायिक निकाय थी। उनके समय में मुख्य रूप से संपत्ति विवाद, आपराधिक मामले, और स्थानीय कानूनों पर ध्यान दिया गया।
2. रॉबर्ट स्टुअर्ट (Robert Stuart) जन्म स्थान: इंग्लैंड (सटीक स्थान उपलब्ध नहीं) पद ग्रहण तिथि: 1871 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1876 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में भारतीय वकीलों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए नियमों में सुधार किया गया। उन्होंने औपनिवेशिक कानूनों और स्थानीय परंपराओं के बीच समन्वय स्थापित करने का प्रयास किया।
3. सर जॉन एज (Sir John Edge) जन्म स्थान: इंग्लैंड (सटीक स्थान उपलब्ध नहीं) पद ग्रहण तिथि: 1886 इस्तीफा/कार्यकाल sectional तिथि: 1898 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कई महत्वपूर्ण सिविल और आपराधिक मामलों की सुनवाई की। वे भारतीय कानूनी प्रणाली में पेशेवर मानकों को लागू करने के लिए जाने गए।
4. सर प्रामदा चरण बनर्जी (Sir Pramada Charan Banerjee) जन्म स्थान: कोलकाता, पश्चिम बंगाल पद ग्रहण तिथि: 1900 (लगभग) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1904 विशेष तथ्य: वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पहले भारतीय मुख्य न्यायाधीश थे। उनके कार्यकाल में भारतीय वकीलों को उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस के अवसर बढ़ाए गए। उन्होंने हिंदू और मुस्लिम व्यक्तिगत कानूनों से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले दिए।
5. सर रिचर्ड्स गार्थ (Sir Richards Garth) जन्म स्थान: इंग्लैंड पद ग्रहण तिथि: 1876 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1886 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में उच्च न्यायालय ने संपत्ति और आपराधिक मामलों में प्रक्रियात्मक सुधार किए। उन्होंने भारतीय कानूनी प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दिया।
6. डॉ. सर श्याम प्रसाद मुखर्जी (Dr. Sir Shyam Prasad Mukherjee) पिता का नाम: सर आशुतोष मुखर्जी जन्म स्थान: कोलकाता, पश्चिम बंगाल जन्म तिथि: 6 जुलाई 1901 पद ग्रहण तिथि: 1947 (लगभग) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1948 विशेष तथ्य: वे स्वतंत्र भारत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पहले भारतीय मुख्य न्यायाधीशों में से एक थे। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापक और एक प्रमुख राजनेता थे। उनके कार्यकाल में संवैधानिक कानून और मौलिक अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
7. बिदु भूषण मलिक (Bidhu Bhushan Malik) जन्म स्थान: उत्तर प्रदेश पद ग्रहण तिथि: 1948 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1955 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में अवध चीफ कोर्ट और इलाहाबाद उच्च न्यायालय का विलय हुआ (25 फरवरी 1948), जिसके बाद लखनऊ में स्थायी खंडपीठ स्थापित की गई। उन्होंने संवैधानिक मामलों और भूमि सुधारों से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले दिए।
8. कमल कांत वर्मा (Kamal Kant Verma) जन्म स्थान: उत्तर प्रदेश पद ग्रहण तिथि: 1955 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1959 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में सामाजिक और आर्थिक सुधारों से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। उन्होंने न्यायिक प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी बनाने पर जोर दिया।
9. ओ.एच. मूथा (O.H. Mootham) जन्म स्थान: इंग्लैंड पद ग्रहण तिथि: 1959 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1961 विशेष तथ्य: वे स्वतंत्र भारत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के प्रमुख मुख्य न्यायाधीशों में से एक थे। उनके कार्यकाल में संवैधानिक और प्रशासनिक मामलों पर कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए।
10. एम.सी. देसाई (M.C. Desai) जन्म स्थान: गुजरात पद ग्रहण तिथि: 1961 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1967 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में भूमि सुधार और श्रम कानूनों से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। उन्होंने न्यायिक प्रशासन को और अधिक व्यवस्थित करने में योगदान दिया।
11. विश्वनाथ नारायण खरे (Vishwanath Narayan Khare) जन्म स्थान: इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश जन्म तिथि: 2 मई 1936 पद ग्रहण तिथि: 1996 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1997 (सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे बाद में भारत के मुख्य न्यायाधीश बने (2002-2004)। उनके कार्यकाल में संवैधानिक और मौलिक अधिकारों से संबंधित कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए।
12. आलोक कुमार माथुर (Alok Kumar Mathur) जन्म स्थान: उत्तर प्रदेश पद ग्रहण तिथि: 2017 (लगभग) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 2018 समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे प्रशासनिक न्यायाधीश के रूप में भी कार्यरत रहे। उनके कार्यकाल में कई जनहित याचिकाएँ सुनी गईं, विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित।
13. गोविंद माथुर (Govind Mathur) जन्म स्थान: राजस्थान पद ग्रहण तिथि: 14 नवंबर 2017 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 13 अप्रैल 2021 (सेवानिवृत्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे राजस्थान उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनके कार्यकाल में कोविड-19 महामारी के दौरान वर्चुअल सुनवाई प्रणाली को बढ़ावा दिया गया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले दिए।
14. राजेश बिंदल (Rajesh Bindal) पिता का नाम: स्वर्गीय श्री हरि चंद बिंदल जन्म स्थान: चंडीगढ़ जन्म तिथि: 16 अप्रैल 1961 पद ग्रहण तिथि: 29 अप्रैल 2021 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 16 जनवरी 2023 (सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उन्होंने 1985 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एलएल.बी. की डिग्री प्राप्त की और 1985 में वकील के रूप में पंजीकृत हुए। वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने (2023-वर्तमान)। उनके कार्यकाल में डिजिटल कोर्ट प्रणाली को और मजबूत किया गया।
15. संजय यादव (Sanjay Yadav) – कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जन्म स्थान: मध्य प्रदेश जन्म तिथि: 26 जून 1960 पद ग्रहण तिथि (कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश): 17 जनवरी 2023 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 24 फरवरी 2023 समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनके कार्यकाल में कोविड-19 से संबंधित कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई हुई।
16. अरुण भंसाली (Arun Bhansali) जन्म स्थान: जोधपुर, राजस्थान जन्म तिथि: 15 अक्टूबर 1967 पद ग्रहण तिथि: 25 फरवरी 2023 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: लागू नहीं (वर्तमान में पद पर, मई 2025 तक) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित)
विशेष तथ्य: वे राजस्थान उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए, जहाँ वे 2013 से न्यायाधीश थे। उन्होंने 1989 में राजस्थान विश्वविद्यालय से बी.कॉम और 1992 में एलएल.बी. की डिग्री प्राप्त की। 1992 में वकील के रूप में पंजीकृत हुए और राजस्थान उच्च न्यायालय में सिविल, संवैधानिक, और कंपनी मामलों में प्रैक्टिस की। उनके कार्यकाल में त्वरित न्याय वितरण, डिजिटल कोर्ट प्रणाली, और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया है। हाल ही में, उनके नेतृत्व में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जैसे 103 वर्षीय लखन को 43 वर्ष बाद बाइज्जत बरी करना।
अतिरिक्त जानकारी और तथ्य: इलाहाबाद उच्च न्यायालय का इतिहास: यह भारत के चार मूल चार्टर्ड उच्च न्यायालयों (कलकत्ता, बॉम्बे, मद्रास, और इलाहाबाद) में से एक है, जिसकी स्थापना 1866 में हुई थी। इसका मुख्यालय प्रयागराज में है, और लखनऊ में 1948 से एक स्थायी खंडपीठ कार्यरत है। 1866 में आगरा में स्थापित होने के बाद, 1869 में इसे इलाहाबाद स्थानांतरित किया गया, और 1919 में इसका नाम आधिकारिक तौर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय रखा गया। इसका परिसर ऐतिहासिक और वास्तुशिल्पीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जो औपनिवेशिक युग की वास्तुकला को दर्शाता है।
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्वतंत्रता के बाद संवैधानिक कानून, मौलिक अधिकारों, भूमि सुधार, और सामाजिक न्याय से संबंधित कई ऐतिहासिक फैसले दिए। हाल के वर्षों में, इसने पर्यावरण संरक्षण, लैंगिक समानता, और शिक्षा से संबंधित जनहित याचिकाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। कोविड-19 महामारी के दौरान वर्चुअल सुनवाई प्रणाली को लागू करने में यह अग्रणी रहा। प्रमुख फैसले: अरुण भंसाली के कार्यकाल में: 103 वर्षीय लखन को 43 वर्ष बाद हत्या के मामले में बाइज्जत बरी किया गया, जो कौशांबी जिला जेल से रिहा हुए। यह फैसला सामाजिक न्याय और त्वरित सुनवाई के महत्व को दर्शाता है। राजेश बिंदल के कार्यकाल में: पर्यावरण और शिक्षा से संबंधित कई जनहित याचिकाएँ सुनी गईं। गोविंद माथुर के कार्यकाल में: कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए।
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