List of Chief Justices of Tripura
jp Singh
2025-05-30 16:37:28
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Tripura त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
Tripura त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
Tripura त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
त्रिपुरा उच्च न्यायालय की स्थापना 23 मार्च 2013 को हुई, जब उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 और भारतीय संविधान में संशोधन के बाद इसे गौहाटी उच्च न्यायालय से अलग किया गया। इसका मुख्यालय अगरतला, त्रिपुरा की राजधानी में है। इससे पहले, त्रिपुरा गौहाटी उच्च न्यायालय के अधीन था, और 1992 में अगरतला में गौहाटी उच्च न्यायालय की एक स्थायी खंडपीठ स्थापित की गई थी। त्रिपुरा उच्च न्यायालय की स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 5 है, जिसमें 4 स्थायी और 1 अतिरिक्त शामिल हैं। वर्तमान में (मई 2025 तक) मुख्य न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह हैं।
1. दीपक गुप्ता (Deepak Gupta) पिता का नाम: स्वर्गीय एम.आर. गुप्ता जन्म स्थान: नूरपुर, कांगड़ा जिला, हिमाचल प्रदेश जन्म तिथि: 7 मई 1955 पद ग्रहण तिथि: 23 मार्च 2013 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 16 मई 2016 (सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित)
विशेष तथ्य: वे त्रिपुरा उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय से स्थानांतरित होकर त्रिपुरा उच्च न्यायालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके पिता एक प्रमुख वकील थे, और वे वकीलों के परिवार से आते हैं। उन्होंने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और 1978 से 2004 तक हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की, जिसमें संवैधानिक, सिविल, कॉर्पोरेट और बीमा मामलों पर विशेषज्ञता थी। वे हिमाचल प्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन, हिमाचल प्रदेश हाउसिंग बोर्ड, और न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी के स्थायी वकील रहे। वे हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सचिव (1982-83), उपाध्यक्ष (1993-94), और अध्यक्ष (2002-03) रहे। बाद में वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने (2017-2020)। उनके कार्यकाल में त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने प्रशासनिक ढांचे को मजबूत किया और कई महत्वपूर्ण संवैधानिक और सिविल मामलों की सुनवाई की।
2. टी. वैफेई (T. Vaiphei) जन्म स्थान: मणिपुर (सटीक स्थान उपलब्ध नहीं) जन्म तिथि: 1 मार्च 1956 पद ग्रहण तिथि: 21 मई 2016 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 28 फरवरी 2018 (सेवानिवृत्ति)
विशेष तथ्य: वे गौहाटी उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उन्होंने 1976 में पूना विश्वविद्यालय के नोरोस्जी वाडिया कॉलेज से बी.ए. और 1979 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से एलएल.बी. की डिग्री प्राप्त की। 22 अगस्त 1980 को असम बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकृत हुए और मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, मुनसिफ, और उपायुक्त/जिला मजिस्ट्रेट की अदालतों में प्रैक्टिस शुरू की। 1983 से मणिपुर के जिला और सत्र न्यायाधीश की अदालतों में सिविल और आपराधिक मामलों में प्रैक्टिस की, और राजस्व tribunal और मोटर दुर्घटना दावा tribunal में भी पेश हुए। संवैधानिक कानून, सार्वजनिक कानून, और सेवा मामलों में विशेषज्ञता प्राप्त की। 1990 से गौहाटी उच्च न्यायालय के इंफाल खंडपीठ में प्रैक्टिस की और राज्य और जिला स्तर के लोक अदालतों में मध्यस्थ के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल में त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने सामाजिक न्याय और सेवा मामलों पर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।
3. अजय रस्तोगी (Ajay Rastogi) जन्म स्थान: जयपुर, राजस्थान जन्म तिथि: 18 जून 1958 पद ग्रहण तिथि: 2 मार्च 2018 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 13 नवंबर 2018 (सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति)
विशेष तथ्य: वे राजस्थान उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे, जहाँ वे 2004 से न्यायाधीश थे। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और 1982 में वकील के रूप में पंजीकृत हुए। बाद में वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने (2018-2023)। उनके कार्यकाल में त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने संवैधानिक और सेवा मामलों पर ध्यान केंद्रित किया।
4. संजय करोल (Sanjay Karol) जन्म स्थान: शिमला, हिमाचल प्रदेश जन्म तिथि: 23 अगस्त 1961 पद ग्रहण तिथि: 14 नवंबर 2018 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 15 नवंबर 2019 (पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरण)
विशेष तथ्य: उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और 1986 में वकील के रूप में पंजीकृत हुए। वे हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे, जहाँ वे 2007 से न्यायाधीश थे। बाद में वे पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और फिर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने (2023-वर्तमान)। उनके कार्यकाल में त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने डिजिटल कोर्ट प्रणाली और ई-सेवा केंद्र की शुरुआत की, जिसका उद्घाटन 23 दिसंबर 2020 को हुआ।
5. अकिल कुरैशी (Akil Kureshi) जन्म स्थान: अहमदाबाद, गुजरात जन्म तिथि: 7 मार्च 1960 पद ग्रहण तिथि: 16 नवंबर 2019 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 6 मार्च 2022 (सेवानिवृत्ति)
विशेष तथ्य: वे बॉम्बे उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनके स्थानांतरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के साथ विवाद हुआ, क्योंकि उन्हें पहले सुप्रीम कोर्ट के लिए विचार किया गया था, लेकिन बाद में त्रिपुरा उच्च न्यायालय में नियुक्त किया गया। उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और 1983 में वकील के रूप में पंजीकृत हुए। उनके कार्यकाल में त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई की, विशेष रूप से पर्यावरण और सामाजिक न्याय से संबंधित।
6. इंद्रजीत महंती (Indrajit Mahanty) जन्म स्थान: कटक, ओडिशा जन्म तिथि: 11 नवंबर 1960 पद ग्रहण तिथि: 12 अक्टूबर 2021 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 10 नवंबर 2022 (सेवानिवृत्ति)
विशेष तथ्य: वे राजस्थान उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उन्होंने रांची विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) और दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएल.बी. की डिग्री प्राप्त की। 1986 में वकील के रूप में पंजीकृत हुए और ओडिशा उच्च न्यायालय में सिविल, आपराधिक, और संवैधानिक मामलों में प्रैक्टिस की। उनके कार्यकाल में त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने वर्चुअल कोर्ट का उद्घाटन किया (1 जून 2022) और कई प्रशासनिक सुधार किए।
7. जसवंत सिंह (Jaswant Singh) – कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जन्म स्थान: रोहतक, हरियाणा जन्म तिथि: 23 फरवरी 1961 पद ग्रहण तिथि (कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश): 15 फरवरी 2023 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 22 फरवरी 2023
विशेष तथ्य: उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से बी.ए., एलएल.बी., और एमबीए की डिग्री प्राप्त की। 1986 में वकील के रूप में पंजीकृत हुए और सिरसा जिला न्यायालयों में प्रैक्टिस शुरू की। 1988 में चंडीगढ़ चले गए और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की, जहाँ वे हरियाणा के सहायक महाधिवक्ता, उप महाधिवक्ता, वरिष्ठ उप महाधिवक्ता, और अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे। उनके कार्यवाहक कार्यकाल में त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने कई प्रशासनिक और न्यायिक सुधार किए।
8. टी. अमरनाथ गौड़ (T. Amarnath Goud) – कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जन्म स्थान: त्रिपुरा (सटीक स्थान उपलब्ध नहीं) पद ग्रहण तिथि (कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश): 23 फरवरी 2023 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 16 अप्रैल 2023
विशेष तथ्य: वे त्रिपुरा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे और कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। उनके कार्यकाल में त्रिपुरा उच्च न्यायालय नियम, 2023 को त्रिपुरा राजपत्र में प्रकाशित किया गया। उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत और ई-कोर्ट सेवाओं को बढ़ावा देने में योगदान दिया।
9. अपरेश कुमार सिंह (Aparesh Kumar Singh) जन्म स्थान: भोजपुर, बिहार जन्म तिथि: 7 जुलाई 1965 पद ग्रहण तिथि: 17 अप्रैल 2023 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: लागू नहीं (वर्तमान में पद पर, मई 2025 तक)
विशेष तथ्य: वे झारखंड उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए, जहाँ वे 2012 से न्यायाधीश थे और 20 दिसंबर 2022 से 19 फरवरी 2023 तक कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) और एलएल.बी. की डिग्री प्राप्त की। 1990 में वकील के रूप में पंजीकृत हुए और 1990 से 2000 तक पटना उच्च न्यायालय और 2001 से झारखंड उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की। वे झारखंड राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे। उनके कार्यकाल में त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने डिजिटल कोर्ट प्रणाली, राष्ट्रीय लोक अदालत, और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।
अतिरिक्त जानकारी और तथ्य: त्रिपुरा उच्च न्यायालय का इतिहास: त्रिपुरा उच्च न्यायालय की स्थापना 23 मार्च 2013 को उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 के तहत हुई। इससे पहले, त्रिपुरा गौहाटी उच्च न्यायालय के अधीन था, और 1992 में अगरतला में गौहाटी उच्च न्यायालय की एक स्थायी खंडपीठ स्थापित की गई थी। त्रिपुरा का क्षेत्रफल 10,491 वर्ग किलोमीटर है, और यह तीन तरफ से बांग्लादेश के डेल्टा बेसिन से घिरा हुआ है। 1873-74 में महाराजा द्वारा नौ अधिनियम लागू किए गए, जिनमें आपराधिक प्रक्रिया संहिता, सिविल प्रक्रिया संहिता, पुलिस गाइड, परिसीमा अधिनियम, और साक्ष्य अधिनियम शामिल थे। 1949 में त्रिपुरा के भारत में विलय के बाद, त्रिपुरा (न्यायालय) आदेश, 1950 लागू हुआ, जिसने न्यायिक आयुक्त, जिला न्यायाधीश, अधीनस्थ न्यायाधीश, और मुनसिफ की अदालतें स्थापित कीं।
न्यायालय भवन: त्रिपुरा उच्च न्यायालय का भवन अगरतला में है और यह भारत-इस्लामी वास्तुकला का एक उदाहरण है। इसका निर्माण 2013 में नए उच्च न्यायालय के लिए उपयुक्त रूप से शुरू किया गया था। महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ: त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने डिजिटल कोर्ट प्रणाली और ई-सेवा केंद्र की शुरुआत की, जिसका उद्घाटन 23 दिसंबर 2020 को हुआ। 1 जून 2022 को वर्चुअल कोर्ट का उद्घाटन हुआ। राष्ट्रीय लोक अदालत और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक न्याय, और संवैधानिक मामलों पर कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई हुई।
प्रमुख फैसले: दीपक गुप्ता के कार्यकाल में: त्रिपुरा उच्च न्यायालय की स्थापना और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान। अकिल कुरैशी के कार्यकाल में: पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय से संबंधित जनहित याचिकाएँ। अपरेश कुमार सिंह के कार्यकाल में: डिजिटल कोर्ट प्रणाली और राष्ट्रीय लोक अदालत को बढ़ावा, विशेष रूप से 11 मई 2024 को आयोजित लोक अदालत।
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