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List of Chief Justices of Telangana
jp Singh 2025-05-30 16:31:48
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Telangana तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची

Telangana तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
Telangana तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
तेलंगाना उच्च न्यायालय की स्थापना 1 जनवरी 2019 को हुई, जब हैदराबाद में संयुक्त उच्च न्यायालय (जो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों के लिए था) को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत दो अलग-अलग उच्च न्यायालयों में विभाजित किया गया। तेलंगाना उच्च न्यायालय का मुख्यालय हैदराबाद में है, और इसकी स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 42 है, जिनमें से 32 स्थायी और 10 अतिरिक्त हैं। यह उच्च न्यायालय मूल रूप से 1919 में निज़ाम-युग के हैदराबाद उच्च न्यायालय के रूप में स्थापित हुआ था, जिसे 1956 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के रूप में पुनर्नामित किया गया था। 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद, यह 2014 से 2018 तक दोनों राज्यों के लिए संयुक्त उच्च न्यायालय के रूप में कार्य करता रहा।
1. टी.बी. राधाकृष्णन (T.B. Radhakrishnan) जन्म स्थान: केरल जन्म तिथि: 29 अप्रैल 1959 पद ग्रहण तिथि: 1 जनवरी 2019 (तेलंगाना उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 30 अप्रैल 2019 (सेवानिवृत्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे तेलंगाना उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश थे, जब 1 जनवरी 2019 को हैदराबाद के संयुक्त उच्च न्यायालय का विभाजन हुआ। इससे पहले, वे केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे (2017-2018)। उनके कार्यकाल में तेलंगाना उच्च न्यायालय की स्थापना और प्रारंभिक प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान दिया गया। उन्होंने सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले दिए।
2. राघवेंद्र सिंह चौहान (Raghvendra Singh Chauhan) जन्म स्थान: उत्तर प्रदेश जन्म तिथि: 2 जून 1959 पद ग्रहण तिथि: 1 मई 2019 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 23 दिसंबर 2020 (उत्तराखंड उच्च न्यायालय में स्थानांतरण) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे उत्तराखंड उच्च न्यायालय से स्थानांतरित होकर तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। उनके कार्यकाल में कोविड-19 महामारी के दौरान वर्चुअल सुनवाई प्रणाली को लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने तेलंगाना में शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई की।
3. हिमा कोहली (Hima Kohli) जन्म स्थान: दिल्ली जन्म तिथि: 2 सितंबर 1959 पद ग्रहण तिथि: 7 जनवरी 2021 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 31 अगस्त 2021 (सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे दिल्ली उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुई थीं और तेलंगाना उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश थीं। उनके कार्यकाल में लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। वे बाद में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं, जो तेलंगाना उच्च न्यायालय से सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचने वाली पहली महिला थीं। उनके नेतृत्व में डिजिटल कोर्ट प्रणाली को और मजबूत किया गया।
4. सत्येन वैद्य (Satyen Vaidya) – कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जन्म स्थान: हिमाचल प्रदेश पद ग्रहण तिथि (कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश): 1 सितंबर 2021 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 2 जुलाई 2022 समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उन्होंने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कोविड-19 से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा से संबंधित। उनके कार्यकाल में तेलंगाना में वर्चुअल कोर्ट प्रणाली को और बढ़ावा दिया गया।
5. उज्जल भुयान (Ujjal Bhuyan) जन्म स्थान: गुवाहाटी, असम जन्म तिथि: 2 अगस्त 1964 पद ग्रहण तिथि: 28 जून 2022 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 16 जुलाई 2023 (सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे बॉम्बे उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनके कार्यकाल में पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय से संबंधित कई जनहित याचिकाओं पर फैसले लिए गए। वे बाद में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने। उन्होंने मध्यस्थता और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
6. अलोक अराधे (Alok Aradhe) जन्म स्थान: रायपुर, छत्तीसगढ़ जन्म तिथि: 13 अप्रैल 1964 पद ग्रहण तिथि: 19 जुलाई 2023 (शपथ: 23 जुलाई 2023) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 21 जनवरी 2025 (बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्थानांतरण) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे कर्नाटक उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे, जहाँ वे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे (3 जुलाई 2022 से 14 अक्टूबर 2022)। उन्होंने 1988 में मध्य प्रदेश बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकरण कराया और 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता नामित हुए। उन्होंने प्रशासनिक कानून और वैधानिक व्याख्या पर पुस्तकों (प्रिंसिपल्स ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ और प्रिंसिपल्स ऑफ स्टैट्यूटरी इंटरप्रिटेशन) के संस्करणों को संशोधित किया। उनके कार्यकाल में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनमें फोन टैपिंग मामले और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित याचिकाएँ शामिल थीं। वे जम्मू और कश्मीर स्टेट ज्यूडिशियल अकादमी के अध्यक्ष और कर्नाटक ज्यूडिशियल अकादमी के अध्यक्ष रह
7. सुजॉय पॉल (Sujoy Paul) माता का नाम: मंजुश्री पॉल पिता का नाम: नोनी गोपाल पॉल (स्वर्गीय) जन्म स्थान: जबलपुर, मध्य प्रदेश जन्म तिथि: 21 जून 1964 पद ग्रहण तिथि: 21 जनवरी 2025 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: लागू नहीं (वर्तमान में पद पर, मई 2025 तक) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित)
विशेष तथ्य: वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए, जहाँ वे 27 मई 2011 से न्यायाधीश थे और 14 अप्रैल 2014 को स्थायी न्यायाधीश बने। उन्होंने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से स्नातक, स्नातकोत्तर, और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। 1990 में मध्य प्रदेश बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकरण कराया और सिविल, संवैधानिक, औद्योगिक, और सेवा कानून में प्रैक्टिस की। उन्होंने गाँव के बुजुर्गों की मध्यस्थता में भूमिका पर जोर दिया, जिसे उन्होंने अपने स्वागत भाषण में उल्लेख किया। उनके कार्यकाल में मध्यस्थता और वैकल्पिक विवाद समाधान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पूर्ववर्ती हैदराबाद उच्च न्यायालय और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के प्रमुख मुख्य न्यायाधीश (तेलंगाना के संदर्भ में) चूंकि तेलंगाना उच्च न्यायालय का इतिहास हैदराबाद उच्च न्यायालय (1919-1956) और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय (1956-2018) से जुड़ा है
1. मिर्ज़ा यार जंग (Mirza Yar Jung) जन्म स्थान: हैदराबाद, तेलंगाना (तत्कालीन हैदराबाद रियासत) पद ग्रहण तिथि: 1921 (सटीक तिथि उपलब्ध नहीं) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: उपलब्ध नहीं विशेष तथ्य: उन्होंने 1921 में कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के स्पष्ट विभाजन को सुनिश्चित किया, जो स्वतंत्रता के बाद संवैधानिक दर्जा प्राप्त करने से लगभग 30 वर्ष पहले था। उनके कार्यकाल में हैदराबाद रियासत में न्यायिक प्रणाली को और अधिक व्यवस्थित किया गया। वे निज़ाम-युग में हैदराबाद उच्च न्यायालय के प्रमुख मुख्य न्यायाधीशों में से एक थे।
2. कोका सुब्बा राव (Koka Subba Rao) जन्म स्थान: राजमुंदरी, आंध्र प्रदेश जन्म तिथि: 15 जुलाई 1902 पद ग्रहण तिथि: 5 नवंबर 1956 (आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1964 (सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति) विशेष तथ्य: वे आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश थे, जो 1956 में हैदराबाद और आंध्र राज्यों के विलय के बाद स्थापित हुआ। वे बाद में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने (1966-1967)। उनके कार्यकाल में संवैधानिक कानून और मौलिक अधिकारों पर कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों के लिए प्रासंगिक थे।
3. बी. सुधर्शन रेड्डी (B. Sudershan Reddy) पिता का नाम: बी. आगा रेड्डी (स्वर्गीय) जन्म स्थान: हैदराबाद, तेलंगाना पद ग्रहण तिथि: 2004 (सटीक तिथि उपलब्ध नहीं) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 2005 (मद्रास उच्च न्यायालय में स्थानांतरण) विशेष तथ्य: वे आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे और बाद में केरल और मद्रास उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश बने। वे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के पहले लोकायुक्त और आंध्र प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष भी थे। उनके कार्यकाल में सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
अतिरिक्त जानकारी और तथ्य: तेलंगाना उच्च न्यायालय का इतिहास: तेलंगाना उच्च न्यायालय की जड़ें 1919 में स्थापित हैदराबाद उच्च Wrote: उच्च न्यायालय से जुड़ी हुई हैं, जिसे निज़ाम मीर उस्मान अली खान ने स्थापित किया था। 1956 में आंध्र प्रदेश के गठन के बाद इसे आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के रूप में पुनर्नामित किया गया। 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद, 2014 से 2018 तक यह तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए संयुक्त उच्च न्यायालय के रूप में कार्य करता रहा। 1 जनवरी 2019 को तेलंगाना उच्च न्यायालय और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के रूप में विभाजन हुआ।
न्यायालय भवन: तेलंगाना उच्च न्यायालय का भवन हैदराबाद में मुसी नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है, जो भारत-इस्लामी शैली में लाल और सफेद पत्थरों से बना है। इसका निर्माण 15 अप्रैल 1915 को शुरू हुआ और 31 मार्च 1919 को पूरा हुआ, जिसे 20 अप्रैल 1920 को निज़ाम मीर उस्मान अली खान ने उद्घाटित किया। यह भवन INTACH की विरासत संरचनाओं की सूची में शामिल है और 2025 विश्व स्मारक निगरानी में शामिल किया गया है। 2009 में एक आकस्मिक आग ने इसकी लाइब्रेरी को नुकसान पहुँचाया, लेकिन कोर्ट के रिकॉर्ड सुरक्षित रहे।
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ: तेलंगाना उच्च न्यायालय ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं, विशेष रूप से पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक न्याय, और लैंगिक समानता के क्षेत्र में। हाल के वर्षों में, इसने फोन टैपिंग मामले, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित जनहित याचिकाओं पर महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान वर्चुअल कोर्ट प्रणाली को लागू करने में यह अग्रणी रहा।
प्रमुख फैसले: हिमा कोहली के कार्यकाल में: लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों से संबंधित फैसले, जैसे कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और शिक्षा में लैंगिक भेदभाव के मामले। अलोक अराधे के कार्यकाल में: फोन टैपिंग मामले में पूर्व विशेष खुफिया ब्यूरो प्रमुख टी. प्रभाकर राव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की गई। सुजॉय पॉल के कार्यकाल में: मध्यस्थता और वैकल्पिक विवाद समाधान पर जोर, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में गाँव के बुजुर्गों की भूमिका पर।
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