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List of Chief Justices of Madrash
jp Singh 2025-05-30 16:26:06
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Madrash मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची

Madrash मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
Madrash मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की सूची
मद्रास उच्च न्यायालय की स्थापना 26 जून 1862 को ब्रिटिश शासन के तहत क्वीन विक्टोरिया द्वारा जारी लेटर्स पेटेंट के माध्यम से हुई थी। यह भारत के सबसे पुराने उच्च न्यायालयों में से एक है, और इसका क्षेत्राधिकार तमिलनाडु और पुदुचेरी पर है। इसका मुख्यालय चेन्नई में है, और 24 जुलाई 2004 से मदुरै में एक खंडपीठ कार्यरत है। वर्तमान में (मई 2025 तक) स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 75 है, जिसमें 56 स्थायी और 19 अतिरिक्त न्यायाधीश हैं।
1. सर कोल्हम हरमन स्टुअर्ट (Sir Colley Harman Scotland) जन्म स्थान: लंदन, इंग्लैंड (संभावित, सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं) पद ग्रहण तिथि: 15 अगस्त 1862 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1871 विशेष तथ्य: मद्रास उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश थे। उनके कार्यकाल में ब्रिटिश औपनिवेशिक न्यायिक प्रणाली को मद्रास प्रेसीडेंसी में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने भारतीय और यूरोपीय कानूनी परंपराओं के बीच समन्वय स्थापित करने की कोशिश की। उनके समय में उच्च न्यायालय ने मुख्य रूप से औपनिवेशिक कानूनों और संपत्ति विवादों पर ध्यान केंद्रित किया।
2. सर एडम बिटलस्टन (Sir Adam Bittleston) पद ग्रहण तिथि: 1871 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1878 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में भारतीय वकीलों को उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की अनुमति देने के लिए नियमों में सुधार किया गया। उन्होंने स्थानीय कानूनी परंपराओं को औपनिवेशिक न्यायिक प्रणाली के साथ जोड़ने का प्रयास किया। उनके समय में सिविल और आपराधिक मामलों की सुनवाई में प्रक्रियात्मक स्पष्टता लाने पर जोर दिया गया।
3. टी. मुथुस्वामी अय्यर (T. Muthuswamy Iyer) जन्म स्थान: तिरुनेलवेली, तमिलनाडु जन्म तिथि: 28 जनवरी 1832 पद ग्रहण तिथि: 1878 (न्यायाधीश के रूप में, बाद में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 25 जनवरी 1895 (निधन) विशेष तथ्य: वे मद्रास उच्च न्यायालय के पहले भारतीय न्यायाधीश थे और बाद में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने। उन्होंने भारतीय वकीलों के लिए मूल पक्ष (Original Side) में प्रैक्टिस के अवसर बढ़ाए। उनके कार्यकाल में हिंदू कानून और स्थानीय परंपराओं को औपनिवेशिक न्यायिक प्रणाली के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया। वे सामाजिक सुधारों के समर्थक थे और भारतीय वकीलों को प्रोत्साहित करने में अग्रणी रहे।
4. सर आर्थर जे.एच. कोलिन्स (Sir Arthur J.H. Collins) जन्म स्थान: लंदन, इंग्लैंड (संभावित) पद ग्रहण तिथि: 1892 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1897 विशेष तथ्य: 12 जुलाई 1892 को मद्रास उच्च न्यायालय के वर्तमान भवन का उद्घाटन उनके कार्यकाल में हुआ, जब मद्रास के तत्कालीन गवर्नर बेलबी, बैरन वेनलॉक ने उन्हें चाबी सौंपी। उनके कार्यकाल में न्यायिक प्रक्रियाओं को और अधिक व्यवस्थित किया गया। उन्होंने भारतीय वकीलों की भागीदारी को बढ़ाने में योगदान दिया।
5. सर चार्ल्स अर्नोल्ड व्हाइट (Sir Charles Arnold White) पद ग्रहण तिथि: 1895 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1899 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में मद्रास उच्च न्यायालय ने कई महत्वपूर्ण संपत्ति और आपराधिक मामलों में फैसले दिए। उन्होंने औपनिवेशिक कानूनों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
6. सर जॉन वालिस (Sir John Wallis) पद ग्रहण तिथि: 1907 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1914 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में न्यायिक प्रशासन को और अधिक पेशेवर बनाने पर जोर दिया गया। उन्होंने भारतीय वकीलों के प्रशिक्षण और नियुक्ति में सुधार की वकालत की।
7. सर मरे काउट्स-ट्रॉट (Sir Murray Coutts-Trotter) पद ग्रहण तिथि: 1924 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1929 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में सिविल और आपराधिक मामलों में प्रक्रियात्मक सुधार किए गए। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई राजनीतिक मामलों की सुनवाई की।
8. सी.पी. रामस्वामी अय्यर (C.P. Ramaswami Iyer) पिता का नाम: सी.आर. पट्टाभिरामन अय्यर जन्म स्थान: मद्रास (चेन्नई), तमिलनाडु जन्म तिथि: 13 नवंबर 1879 पद ग्रहण तिथि: 1920 के दशक में (सटीक तिथि उपलब्ध नहीं) इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: उपलब्ध नहीं विशेष तथ्य: वे एक प्रसिद्ध वकील, प्रशासक और त्रावणकोर के दीवान (1936-1947) रहे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सामाजिक सुधारों से संबंधित मामलों पर ध्यान दिया। उनके कार्यकाल में हिंदू कानून और संपत्ति विवादों पर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
9. पी.वी. राजमन्नार (P.V. Rajamannar) जन्म स्थान: तंजावुर, तमिलनाडु जन्म तिथि: 1901 पद ग्रहण तिथि: 1948 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1961 विशेष तथ्य: वे स्वतंत्र भारत में मद्रास उच्च न्यायालय के पहले भारतीय मुख्य न्यायाधीश थे। उनके कार्यकाल में संवैधानिक कानून और मौलिक अधिकारों से संबंधित कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए। उन्होंने भारतीय संविधान के लागू होने के बाद न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
10. सुब्बा राव (K. Subba Rao) जन्म स्थान: राजमुंदरी, आंध्र प्रदेश जन्म तिथि: 15 जुलाई 1902 पद ग्रहण तिथि: 1958 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1964 (सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरण) विशेष तथ्य: वे बाद में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने (1966-1967)। उनके कार्यकाल में संवैधानिक और प्रशासनिक मामलों पर कई ऐतिहासिक फैसले दिए गए, विशेष रूप से मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता के मामलों में।
11. पी. चंद्रा रेड्डी (P. Chandra Reddy) जन्म स्थान: आंध्र प्रदेश जन्म तिथि: 1 जुलाई 1904 पद ग्रहण तिथि: 1964 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1966 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में भूमि सुधार और सामाजिक न्याय से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। उन्होंने श्रम कानूनों और संपत्ति विवादों पर विशेष ध्यान दिया।
12. एम. अंजनेयुलु (M. Anjaneyulu) जन्म स्थान: आंध्र प्रदेश पद ग्रहण तिथि: 1966 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1969 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में सिविल और आपराधिक मामलों में प्रक्रियात्मक सुधारों पर ध्यान दिया गया। उन्होंने स्थानीय कानूनों को राष्ट्रीय कानूनी ढांचे के साथ जोड़ने में योगदान दिया।
13. एस. रामचंद्रन अय्यर (S. Ramachandra Iyer) जन्म स्थान: तमिलनाडु पद ग्रहण तिथि: 1969 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1973 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। उन्होंने श्रम और संपत्ति विवादों पर विशेष ध्यान दिया।
14. पी.एस. कैलासम (P.S. Kailasam) जन्म स्थान: तमिलनाडु पद ग्रहण तिथि: 1973 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1976 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में तमिलनाडु में भूमि सुधार और श्रम कानूनों से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता पर जोर दिया।
15. के. वीरास्वामी (K. Veeraswami) जन्म स्थान: तमिलनाडु पद ग्रहण तिथि: 1976 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1979 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में आपराधिक और सिविल मामलों में त्वरित सुनवाई पर जोर दिया गया। वे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख के लिए जाने गए।
16. एम.एम. इस्माइल (M.M. Ismail) जन्म स्थान: तमिलनाडु पद ग्रहण तिथि: 1979 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1981 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में सामाजिक और धार्मिक मामलों पर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। उन्होंने न्यायिक पारदर्शिता पर जोर दिया।
17. वी. रामस्वामी (V. Ramaswami) जन्म स्थान: तमिलनाडु पद ग्रहण तिथि: 1981 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1983 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण संवैधानिक और प्रशासनिक मामलों की सुनवाई हुई। वे बाद में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।
18. के.बी.एन. सिंह (K.B.N. Singh) पद ग्रहण तिथि: 1983 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1986 विशेष तथ्य: उनके कार्यकाल में पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों पर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
19. एम.एन. चंदूरकर (M.N. Chandurkar) जन्म स्थान: महाराष्ट्र पद ग्रहण तिथि: 1986 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 1988 विशेष तथ्य: वे बॉम्बे उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनके कार्यकाल में सिविल और आपराधिक मामलों में त्वरित सुनवाई पर जोर दिया गया।
20. इंद्रानी बनर्जी (Indrani Banerjee) पद ग्रहण तिथि: 5 अप्रैल 2017 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: अगस्त 2018 (मेघालय उच्च न्यायालय में स्थानांतरण) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे मद्रास उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश थीं। उनके स्थानांतरण को लेकर विवाद हुआ, और उन्होंने मेघालय उच्च न्यायालय में स्थानांतरण के विरोध में इस्तीफा दे दिया। उनके कार्यकाल में लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
21. विजया के. ताहिलरमानी (Vijaya K. Tahilramani) जन्म स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र जन्म तिथि: 3 अक्टूबर 1958 पद ग्रहण तिथि: 12 अगस्त 2018 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 6 सितंबर 2019 (इस्तीफा) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे बॉम्बे उच्च न्यायालय से स्थानांतरित होकर मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनीं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा मेघालय उच्च न्यायालय में स्थानांतरण के विरोध में उन्होंने इस्तीफा दे दिया, जिसे लेकर व्यापक चर्चा हुई। उनके कार्यकाल में पर्यावरण, शिक्षा, और सामाजिक मुद्दों पर कई जनहित याचिकाएँ सुनी गईं।
22. अमरेश्वर प्रताप साही (Amreshwar Pratap Sahi) जन्म स्थान: जौनपुर, उत्तर प्रदेश जन्म तिथि: 1 जनवरी 1959 पद ग्रहण तिथि: 11 नवंबर 2019 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 31 दिसंबर 2020 (सेवानिवृत्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे, जहाँ वे मुख्य न्यायाधीश भी थे। उनके कार्यकाल में कोविड-19 महामारी के दौरान वर्चुअल सुनवाई प्रणाली को बढ़ावा दिया गया। उन्होंने प्रशासनिक सुधारों और त्वरित न्याय वितरण पर जोर दिया।
23. संजय विजयकुमार गंगापुरवाला (Sanjib Vijaykumar Gangapurwala) जन्म स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र जन्म तिथि: 1962 पद ग्रहण तिथि: 31 दिसंबर 2020 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 23 मई 2024 (सेवानिवृत्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे बॉम्बे उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनके कार्यकाल में डिजिटल कोर्ट प्रणाली को और मजबूत किया गया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, और सामाजिक न्याय से संबंधित कई महत्वपूर्ण जनहित याचिकाओं पर फैसले दिए।
24. मुनीश्वर नाथ भंडारी (Munishwar Nath Bhandari) – कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जन्म स्थान: उदयपुर, राजस्थान जन्म तिथि: 13 सितंबर 1960 पद ग्रहण तिथि (कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश): 13 सितंबर 2021 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 12 फरवरी 2022 समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए थे। उनके कार्यकाल में कोविड-19 से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हुई, विशेष रूप से स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित। उन्होंने त्वरित न्याय वितरण और वर्चुअल कोर्ट को बढ़ावा दिया।
25. आर. महादेवन (R. Mahadevan) – कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश पिता का नाम: मा. अरंगनाथन जन्म स्थान: चेन्नई, तमिलनाडु जन्म तिथि: 10 जून 1963 पद ग्रहण तिथि (कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश): 24 मई 2024 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: 18 जुलाई 2024 (सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: उनके पिता मा. अरंगनाथन एक प्रसिद्ध तमिल लेखक और तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी थे, जिन्होंने “मुंद्रिल” पत्रिका चलाई और 7 उपन्यास व 200 लघु कथाएँ लिखीं। आर. महादेवन ने 1989 में मद्रास लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की और 25 वर्षों तक सिविल, आपराधिक, और रिट मामलों में प्रैक्टिस की, विशेष रूप से अप्रत्यक्ष कर, सीमा शुल्क, और केंद्रीय उत्पाद शुल्क में विशेषज्ञता हासिल की। उन्होंने 9,000 से अधिक मामलों में पैरवी की और तमिलनाडु सरकार के लिए अतिरिक्त सरकारी वकील (कर) और केंद्र सरकार के लिए वरिष्ठ पैनल वकील के रूप में कार्य किया। 24 मई 2024 को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने औ
26. के.आर. श्रीराम (K.R. Shriram) जन्म स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र पद ग्रहण तिथि: 27 सितंबर 2024 इस्तीफा/कार्यकाल समाप्ति तिथि: लागू नहीं (वर्तमान में पद पर, मई 2025 तक) समाधि स्थल: लागू नहीं (जीवित) विशेष तथ्य: वे 43 वर्षों बाद तमिल भाषी मुख्य न्यायाधीश बने, जो तमिलनाडु में सांस्कृतिक और भाषाई महत्व रखता है। उनके नाम में ‘के’ कालपति से आता है, जो केरल के पलक्कड़ क्षेत्र का एक शहर है, जो विश्वनाथस्वामी मंदिर और तमिल-मलयालम संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने स्कूल में 500 तिरुक्कुरल दोहे याद किए और अपने स्वागत भाषण में तमिल में बोलकर और दो तिरुक्कुरल दोहों का पाठ करके न्यायिक अखंडता और नैतिकता पर जोर दिया। वे बॉम्बे उच्च न्यायालय से स्थानांतरित हुए और मद्रास उच्च न्यायालय के 53वें मुख्य न्यायाधीश हैं। वे बॉम्बे उच्च न्यायालय से मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले सातवें न्यायाधीश हैं। उनके कार्यकाल में डिजिटल कोर्ट प्रणाली, त्वरित न्याय वितरण, और सामाजिक न्याय पर विशेष ध्यान
अतिरिक्त जानकारी और तथ्य:
मद्रास उच्च न्यायालय का इतिहास: 1862 में स्थापित, यह भारत के चार चार्टर्ड उच्च न्यायालयों (कलकत्ता, बॉम्बे, मद्रास, और इलाहाबाद) में से एक है। इसका परिसर 107 एकड़ में फैला हुआ है और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा न्यायालय परिसर है, केवल यूनाइटेड किंगडम के सुप्रीम कोर्ट के बाद। 1892 में निर्मित इसका वर्तमान भवन भारत-इस्लामी और बीजान्टिन वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मदुरै खंडपीठ 24 जुलाई 2004 को स्थापित हुई, जिसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश आर.सी. लाहोटी ने किया।
मद्रास लॉ जर्नल:
1891 में शुरू हुआ, यह भारत में संगठित कानूनी रिपोर्टिंग का जन्मस्थान है। यह उच्च न्यायालय के फैसलों को प्रकाशित करने वाला पहला कानूनी जर्नल था और आज भी प्रकाशित होता है।
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ: मद्रास उच्च न्यायालय ने स्वतंत्रता के बाद संवैधानिक कानून, मौलिक अधिकारों, भूमि सुधार, और सामाजिक न्याय से संबंधित कई ऐतिहासिक फैसले दिए। हाल के वर्षों में, यह पर्यावरण संरक्षण (जैसे तमिलनाडु में अवैध खनन पर रोक), लैंगिक समानता, और डिजिटल न्याय प्रणाली में अग्रणी रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान वर्चुअल सुनवाई प्रणाली को लागू करने में यह अग्रणी रहा।
प्रमुख फैसले: इंद्रानी बनर्जी के कार्यकाल में: लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों से संबंधित कई फैसले, जैसे मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले। विजया ताहिलरमानी के कार्यकाल में: पर्यावरण संरक्षण से संबंधित फैसले, जैसे तमिलनाडु में प्लास्टिक कचरे पर प्रतिबंध को लागू करने के निर्देश। संजय गंगापुरवाला के कार्यकाल में: शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित जनहित याचिकाएँ, विशेष रूप से कोविड-19 के दौरान सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की उपलब्धता।
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