International Code of Nomenclature for Plants
jp Singh
2025-05-30 13:50:23
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वनस्पति नामकरण का अंतरराष्ट्रीय कोड (International Code of Nomenclature for Plants)
वनस्पति नामकरण का अंतरराष्ट्रीय कोड (International Code of Nomenclature for Plants)
वनस्पति नामकरण का अंतरराष्ट्रीय कोड (International Code of Nomenclature for Plants)
वनस्पति नामकरण का अंतरराष्ट्रीय कोड (International Code of Nomenclature for Plants) पौधों के वैज्ञानिक नामकरण को मानकीकृत करने के लिए एक नियमावली है, जिसे International Code of Nomenclature for algae, fungi, and plants (ICN) कहा जाता है। इसे पहले International Code of Botanical Nomenclature (ICBN) के नाम से जाना जाता था, लेकिन 2011 में मेलबर्न में हुए अंतरराष्ट्रीय वनस्पति कांग्रेस (International Botanical Congress) के बाद इसका नाम बदलकर ICN कर दिया गया। यह कोड पौधों, शैवाल, और कवक (जो अब पादप जगत से अलग माने जाते हैं) के वैज्ञानिक नामों को व्यवस्थित करने के लिए नियम और दिशानिर्देश प्रदान करता है।
वनस्पति नामकरण का अंतरराष्ट्रीय कोड (ICN) क्या है?
ICN एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत नियमावली है जो यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक पौधे (शैवाल, कवक, और पादप) का एक अद्वितीय और वैज्ञानिक नाम हो, जो विश्व स्तर पर मान्य हो। यह कोड वैज्ञानिक समुदाय को पौधों की पहचान, वर्गीकरण, और संचार में एकरूपता प्रदान करता है। इसका प्रबंधन International Association for Plant Taxonomy (IAPT) द्वारा किया जाता है, और इसे हर कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय वनस्पति कांग्रेस में अद्यतन किया जाता है।
ICN के प्रमुख सिद्धांत ICN कुछ मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है:
नामकरण की स्वतंत्रता: पादप, शैवाल, और कवक का नामकरण जंतु नामकरण (ICZN) और बैक्टीरिया नामकरण (ICNP) से स्वतंत्र है।
प्रकार सिद्धांत (Type Principle): प्रत्येक टैक्सन (वर्गीकरण स्तर, जैसे प्रजाति, वंश) का एक प्रकार नमूना (Type Specimen) होता है, जो उस टैक्सन का प्रतिनिधित्व करता है। यह नमूना किसी हर्बेरियम में संग्रहीत होता है।
प्राथमिकता का नियम (Priority Rule): सबसे पहले प्रकाशित वैध नाम को प्राथमिकता दी जाती है। यदि दो नाम उपलब्ध हैं, तो पुराना नाम मान्य होता है।
एकमात्रता (Uniqueness): प्रत्येक टैक्सन का केवल एक वैध वैज्ञानिक नाम हो सकता है। लैटिन भाषा: वैज्ञानिक नाम लैटिन या लैटिनीकृत रूप में होते हैं, क्योंकि लैटिन वैज्ञानिक संचार की सार्वभौमिक भाषा है। स्थिरता और सार्वभौमिकता: नामकरण नियम विश्व स्तर पर लागू होते हैं और स्थिरता बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं।
ICN के प्रमुख नियम
ICN में पौधों के नामकरण के लिए कई नियम और दिशानिर्देश हैं। कुछ महत्वपूर्ण नियम निम्नलिखित हैं:
द्विनाम पद्धति (Binomial Nomenclature):
यह कार्ल लिनियस द्वारा विकसित पद्धति है, जिसमें प्रत्येक पौधे को दो भागों वाला नाम दिया जाता है: वंश (Genus): पहला भाग, जो हमेशा संज्ञा होता है और बड़ा अक्षर (Capital Letter) से शुरू होता है। प्रजाति (Species): दूसरा भाग, जो विशेषण होता है और छोटा अक्षर (Lowercase) से शुरू होता है। उदाहरण: Mangifera indica (आम), Rosa indica (गुलाब)। नाम हमेशा इटैलिक में लिखे जाते हैं या रेखांकित किए जाते हैं।
प्रकाशन की आवश्यकता:
कोई नाम तभी वैध माना जाता है जब वह किसी वैज्ञानिक पत्रिका या पुस्तक में औपचारिक रूप से प्रकाशित हो। प्रकाशन में नाम, विवरण, और प्रकार नमूना (Type Specimen) का उल्लेख होना चाहिए। उदाहरण: लिनियस की पुस्तक Species Plantarum (1753) को पौधों के नामकरण का प्रारंभिक बिंदु माना जाता है।
प्रकार नमूना (Type Specimen):
प्रत्येक प्रजाति या टैक्सन का एक प्रकार नमूना होता है, जो हर्बेरियम में संग्रहीत होता है। यह उस प्रजाति की पहचान का आधार होता है। उदाहरण: यदि कोई नई प्रजाति खोजी जाती है, तो उसका एक नमूना (जैसे पत्ती, फूल) हर्बेरियम में जमा किया जाता है।
प्राथमिकता और समानार्थक (Priority and Synonyms):
यदि किसी पौधे के लिए एक से अधिक नाम प्रकाशित होते हैं, तो सबसे पहले प्रकाशित वैध नाम को प्राथमिकता दी जाती है। अन्य नाम समानार्थक (Synonyms) कहलाते हैं और उपयोग नहीं किए जाते। उदाहरण: यदि Rosa indica को बाद में Rosa bengalensis नाम दिया गया, लेकिन Rosa indica पहले प्रकाशित हुआ, तो Rosa indica ही मान्य होगा।
संशोधन और परिवर्तन:
यदि नई आनुवंशिक या विकासात्मक जानकारी से पता चलता है कि कोई पौधा गलत टैक्सन में रखा गया है, तो उसका नाम बदला जा सकता है। उदाहरण: कुछ शैवाल, जो पहले पादप जगत में थे, अब डीएनए विश्लेषण के आधार पर प्रोटिस्टा में रखे गए हैं।
लेखक का उल्लेख (Author Citation):
वैज्ञानिक नाम के साथ उस वैज्ञानिक का नाम भी लिखा जाता है जिसने प्रजाति का नामकरण किया। उदाहरण: Mangifera indica L., जहाँ
हाइब्रिड और खेती वाले पौधे:
हाइब्रिड पौधों के लिए विशेष नियम हैं, जैसे नाम के बीच
ICN के प्रमुख नियमों का अनुप्रयोग
नामों की स्थिरता:
ICN यह सुनिश्चित करता है कि नाम बार-बार न बदलें, जिससे वैज्ञानिक संचार में भ्रम न हो। वैधता: केवल वे नाम मान्य हैं जो ICN के नियमों के अनुसार प्रकाशित और पंजीकृत हों।
संरक्षण (Conservation):
यदि कोई नाम बहुत प्रचलित है, लेकिन तकनीकी रूप से अमान्य है, तो उसे संरक्षित किया जा सकता है।
हर्बेरियम और डेटाबेस:
नामकरण की जानकारी हर्बेरियम, जैसे Kew Gardens, और डेटाबेस, जैसे The Plant List या World Flora Online, में संग्रहीत होती है।
ICN का महत्व
वैश्विक एकरूपता: ICN यह सुनिश्चित करता है कि विश्व भर में प्रत्येक पौधे का एक ही वैज्ञानिक नाम हो, जिससे भ्रम से बचा जा सके। उदाहरण: आम को भारत में
वैज्ञानिक संचार: वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, और कृषकों के बीच पौधों की सटीक पहचान में मदद। जैव विविधता संरक्षण: लुप्तप्राय प्रजातियों की पहचान और संरक्षण में सहायता।
कृषि और औषधीय उपयोग: उपयोगी पौधों (जैसे औषधीय, खाद्य) की सटीक पहचान।
विकास का अध्ययन: नामकरण विकासात्मक संबंधों को समझने में मदद करता है, खासकर डीएनए विश्लेषण के साथ।
ICN के कुछ उदाहरण
आम (Mangifera indica L.):
वंश: Mangifera, प्रजाति: indica, लेखक: लिनियस (L.)।
यह द्विबीजपत्री एंजियोस्पर्म है, कुल: Anacardiaceae।
गेहूँ (Triticum aestivum L.):
वंश: Triticum, प्रजाति: aestivum, लेखक: लिनियस।
यह एकबीजपत्री एंजियोस्पर्म है, कुल: Poaceae।
मॉस (Funaria hygrometrica Hedw.):
वंश: Funaria, प्रजाति: hygrometrica, लेखक: Hedwig। यह ब्रायोफाइटा समूह का पौधा है।
ICN में हाल के परिवर्तन
2011 (मेलबर्न कोड): ICBN का नाम ICN में बदला गया, और कवक व शैवाल को शामिल किया गया।
इलेक्ट्रॉनिक प्रकाशन: 2012 से ऑनलाइन प्रकाशित नाम भी मान्य हैं, बशर्ते वे PDF प्रारूप में हों और ISSN/ISBN के साथ पंजीकृत हों।
डीएनए आधारित नामकरण: आनुवंशिक डेटा का उपयोग अब नामकरण और वर्गीकरण में बढ़ रहा है, विशेष रूप से APG (Angiosperm Phylogeny Group) सिस्टम के लिए।
Conclusion
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