Recent Blogs

Classification of Living Organisms
jp Singh 2025-05-30 12:48:25
searchkre.com@gmail.com / 8392828781

जीवधारियों का वर्गीकरण (Classification of Living Organisms)

जीवधारियों का वर्गीकरण (Classification of Living Organisms)
जीवधारियों का वर्गीकरण (Classification of Living Organisms)
जीवधारियों का वर्गीकरण (Classification of Living Organisms) जीव विज्ञान की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके द्वारा जीवों को उनकी समानताओं, विशेषताओं और विकासात्मक संबंधों के आधार पर व्यवस्थित समूहों में बांटा जाता है। यह वर्गीकरण जीवों की विविधता को समझने, उनके अध्ययन को सरल बनाने और उनके बीच संबंध स्थापित करने में मदद करता है।
वर्गीकरण का उद्देश्य
जीवों की पहचान: विभिन्न प्रजातियों को नाम और विशेषताओं के आधार पर पहचानना।
संबंधों को समझना: जीवों के बीच विकासात्मक और आनुवंशिक संबंध स्थापित करना।
अध्ययन में सरलता: लाखों प्रजातियों को व्यवस्थित रूप से अध्ययन करने में सहायता।
जैव विविधता संरक्षण: प्रजातियों की विविधता और उनके पर्यावरणीय महत्व को समझना।
वर्गीकरण का आधार जीवों का वर्गीकरण निम्नलिखित विशेषताओं पर आधारित होता है:
कोशिकीय संरचना: प्रोकैरियोटिक (बिना नाभिक) या यूकैरियोटिक (नाभिक युक्त)।
कोशिका संख्या: एककोशिकीय (Unicellular) या बहुकोशिकीय (Multicellular)।
पोषण का प्रकार: स्वपोषी (Autotrophic, जैसे पौधे), परपोषी (Heterotrophic, जैसे जंतु), या मिश्रपोषी (Mixotrophic)।
आनुवंशिक संरचना: डीएनए/आरएनए की संरचना और जीन।
शारीरिक संरचना: जैसे रीढ़ की हड्डी का होना या न होना।
विकासात्मक इतिहास: जीवों का विकास और उनके पूर्वजों से संबंध।
व्यवहार और पर्यावरण: जीवों का पर्यावरण और उनकी जीवन शैली।
वर्गीकरण के स्तर (Taxonomic Hierarchy)
जीवों को वर्गीकरण के लिए एक व्यवस्थित क्रम में बांटा जाता है, जिसे वर्गीकरण की श्रेणियाँ (Taxonomic Hierarchy) कहते हैं। ये स्तर हैं:
जगत (Kingdom): सबसे बड़ा वर्गीकरण स्तर।
संघ (Phylum): समान संरचनात्मक विशेषताओं वाले जीव।
वर्ग (Class): समान गुणों वाले समूह।
गण (Order): और विशिष्ट विशेषताएँ।
कुल (Family): निकट संबंधी जीव।
वंश (Genus): बहुत निकट संबंधी प्रजातियाँ।
प्रजाति (Species): सबसे छोटा स्तर, जिसमें जीव एक-दूसरे के साथ प्रजनन कर सकते हैं और उपजाऊ संतान उत्पन्न कर सकते हैं।
उदाहरण: मानव का वैज्ञानिक नाम Homo sapiens है, जहाँ Homo वंश और sapiens प्रजाति है।
प्रमुख वर्गीकरण प्रणालियाँ
आधुनिक वर्गीकरण में दो प्रमुख प्रणालियाँ प्रचलित हैं:
लिनियस की द्विनाम पद्धति (Binomial Nomenclature): कार्ल लिनियस ने इस पद्धति को विकसित किया, जिसमें प्रत्येक जीव को दो नाम दिए जाते हैं: वंश (Genus) और प्रजाति (Species)। उदाहरण: बाघ (Panthera tigris), आम (Mangifera indica)।
व्हिटेकर की पंच-जगत प्रणाली (Five Kingdom Classification): 1969 में रॉबर्ट व्हिटेकर ने जीवों को पांच जगतों में बांटा: मोनेरा, प्रोटिस्टा, कवक, पादप, और जंतु।
मोनेरा (Monera): विशेषताएँ: एककोशिकीय और प्रोकैरियोटिक (बिना नाभिक)। कोशिका भित्ति हो सकती है (जैसे बैक्टीरिया में पेप्टिडोग्लाइकन)। स्वपोषी (जैसे सायनोबैक्टीरिया) या परपोषी। प्रजनन मुख्यतः अलैंगिक (द्विविभाजन)। उदाहरण: बैक्टीरिया (जैसे Escherichia coli), सायनोबैक्टीरिया (नील-हरित शैवाल)।
महत्व: मिट्टी की उर्वरता, नाइट्रोजन स्थिरीकरण, और कुछ रोगों का कारण।
प्रोटिस्टा (Protista): विशेषताएँ: एककोशिकीय या सरल बहुकोशिकीय, यूकैरियोटिक। स्वपोषी, परपोषी, या मिश्रपोषी। गतिशील (फ्लैजेला या सिलिया द्वारा) या स्थिर। प्रजनन अलैंगिक या लैंगिक। उदाहरण: अमीबा, पैरामीशियम, यूग्लीना, डायटम।
महत्व: समुद्री खाद्य श्रृंखला का आधार, कुछ रोग (जैसे मलेरिया) का कारण।
कवक (Fungi): विशेषताएँ: यूकैरियोटिक, बहुकोशिकीय (कुछ एककोशिकीय, जैसे यीस्ट)। परपोषी (मृतजीवी या परजीवी), कोशिका भित्ति चिटिन की बनी होती है। प्रजनन बीजाणुओं (Spores) द्वारा, अलैंगिक या लैंगिक। गति नहीं करते। उदाहरण: मशरूम (Agaricus), यीस्ट (Saccharomyces cerevisiae), पेनिसिलियम।
महत्व: अपघटन (Decomposition), खाद्य उत्पादन (जैसे ब्रेड, बीयर), और दवाइयाँ (जैसे पेनिसिलिन)।
पादप (Plantae): विशेषताएँ: बहुकोशिकीय, यूकैरियोटिक। स्वपोषी (प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन निर्माण)। कोशिका भित्ति सेलूलोज की बनी होती है। प्रजनन लैंगिक (बीज, परागण) या अलैंगिक (कायिक प्रवर्धन)। उप-वर्गीकरण:
ब्रायोफाइटा (Bryophytes): बिना संवहनी ऊतक (जैसे मॉस)।
टेरिडोफाइटा (Pteridophytes): संवहनी ऊतक, बिना बीज (जैसे फर्न)।
जिम्नोस्पर्म (Gymnosperms): बीज युक्त, बिना फूल (जैसे पाइन)।
एंजियोस्पर्म (Angiosperms): फूल और बीज युक्त (जैसे गुलाब, चावल)। उदाहरण: गुलाब (Rosa), चावल (Oryza sativa), मॉस (Funaria)।
महत्व: ऑक्सीजन उत्पादन, खाद्य स्रोत, और पर्यावरण संतुलन।
जंतु (Animalia): विशेषताएँ: बहुकोशिकीय, यूकैरियोटिक। परपोषी, कोशिका भित्ति अनुपस्थित। गतिशील (अधिकांश), तंत्रिका तंत्र और अंग प्रणालियाँ। प्रजनन मुख्यतः लैंगिक, कुछ में अलैंगिक। उप-वर्गीकरण:
अकशेरुकी (Invertebrates): बिना रीढ़ की हड्डी (जैसे कीड़े, मोलस्क)।
कशेरुकी (Vertebrates): रीढ़ की हड्डी युक्त, जैसे:मछलियाँ (Pisces) उभयचर (Amphibia) सरीसृप (Reptilia) पक्षी (Aves) स्तनधारी (Mammalia) उदाहरण: मानव (Homo sapiens), बाघ (Panthera tigris), मधुमक्खी (Apis mellifera)।
महत्व: पारिस्थितिकी तंत्र में खाद्य श्रृंखला, परागण, और मानव जीवन में योगदान (जैसे पशुपालन)।
आधुनिक वर्गीकरण: डोमेन सिस्टम
आधुनिक जीव विज्ञान में, व्हिटेकर की पंच-जगत प्रणाली के अलावा तीन डोमेन प्रणाली (Three Domain System) का उपयोग होता है, जिसे कार्ल वोज ने प्रस्तावित किया। यह डीएनए अनुक्रमण पर आधारित है:
बैक्टीरिया (Bacteria): प्रोकैरियोटिक, जैसे E. coli।
आर्किया (Archaea): प्रोकैरियोटिक, लेकिन बैक्टीरिया से भिन्न, जैसे चरम पर्यावरण (गर्म झरने) में रहने वाले जीव।
यूकैरिया (Eukarya): सभी यूकैरियोटिक जीव, जैसे प्रोटिस्टा, कवक, पादप, और जंतु।
वर्गीकरण का उदाहरण: मानव मानव (Homo sapiens) का वर्गीकरण निम्नलिखित है:
डोमेन: यूकैरिया जगत: जंतु संघ: कॉर्डेटा (रीढ़ की हड्डी युक्त) वर्ग: स्तनधारी (Mammalia) गण: प्राइमेट्स (Primates) कुल: होमिनिडे (Hominidae) वंश: होमो (Homo) प्रजाति: होमो सेपियन्स (Homo sapiens)
वर्गीकरण का महत्व वैज्ञानिक अध्ययन: जीवों की प्रजातियों को व्यवस्थित और मानकीकृत नाम देना।
जैव विविधता: प्रजातियों की संख्या और विविधता को समझने में मदद।
चिकित्सा और कृषि: रोग पैदा करने वाले जीवों और उपयोगी प्रजातियों की पहचान।
पर्यावरण संरक्षण: लुप्तप्राय प्रजातियों की पहचान और संरक्षण।
विकास का अध्ययन: जीवों के बीच विकासात्मक संबंधों को समझना।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh searchkre.com@gmail.com 8392828781

Our Services

Scholarship Information

Add Blogging

Course Category

Add Blogs

Coaching Information

Add Blogging

Add Blogging

Add Blogging

Our Course

Add Blogging

Add Blogging

Hindi Preparation

English Preparation

SearchKre Course

SearchKre Services

SearchKre Course

SearchKre Scholarship

SearchKre Coaching

Loan Offer

JP GROUP

Head Office :- A/21 karol bag New Dellhi India 110011
Branch Office :- 1488, adrash nagar, hapur, Uttar Pradesh, India 245101
Contact With Our Seller & Buyer