Recent Blogs

Surat Salt Revolt
jp Singh 2025-05-28 12:52:01
searchkre.com@gmail.com / 8392828781

सूरत नमक विद्रोह (1844)

सूरत नमक विद्रोह (1844)
सूरत नमक विद्रोह (1844) भारत के गुजरात में, बॉम्बे प्रेसीडेंसी के अंतर्गत सूरत शहर में, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन द्वारा नमक पर लगाए गए कर के खिलाफ हुआ एक महत्वपूर्ण जन-आंदोलन था। यह विद्रोह ब्रिटिश शासन के खिलाफ शुरुआती प्रतिरोधों में से एक था, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से पहले हुआ और नमक जैसे आवश्यक वस्तु पर कर वृद्धि के प्रति स्थानीय लोगों के गुस्से को दर्शाता है।
रमुख बिंदु: पृष्ठभूमि: नमक कर वृद्धि: 1844 में, ब्रिटिश सरकार ने बॉम्बे प्रेसीडेंसी में नमक पर उत्पाद शुल्क और आयात कर को 50 पैसे से बढ़ाकर 1 रुपये प्रति मन (लगभग 20 किलोग्राम) कर दिया। यह अचानक और अनुचित वृद्धि सूरत के लोगों को असहनीय लगी, क्योंकि नमक हर घर की आवश्यक वस्तु थी। आर्थिक शोषण: नमक पर ब्रिटिशों का एकाधिकार पहले से ही था, और 1882 के नमक अधिनियम (Salt Act) ने इसे और सख्त कर दिया था, लेकिन 1844 में यह कर वृद्धि जनता के लिए असहनीय थी। स्थानीय असंतोष: ब्रिटिश प्रशासन की अन्य नीतियाँ, जैसे पुलिस उत्पीड़न, राजस्व अधिकारियों की मनमानी, और जमींदारों का शोषण, पहले से ही जनता में असंतोष पैदा कर रहे थे।
विद्रोह का स्वरूप: आंदोलन की शुरुआत: 29 अगस्त 1844 को, सूरत के नागरिकों ने नमक कर के खिलाफ विरोध शुरू किया। उन्होंने दुकानें बंद कर दीं और एक विशाल जनसभा आयोजित की। लगभग 30,000 लोग अदालत (Adawalat) के सामने एकत्र हुए और ब्रिटिश प्रशासन से कर हटाने की माँग की। हिंसक प्रदर्शन: प्रदर्शनकारियों ने ब्रिटिश अधिकारियों और उनके सहयोगी भारतीय अधिकारियों पर हमले किए। कुछ लोगों ने अदालत की इमारत पर पथराव किया और जजों के घरों की खिड़कियाँ तोड़ दीं। बंद और बहिष्कार: सूरत में सभी दुकानें बंद रहीं, और स्थानीय व्यापारियों ने ब्रिटिश मध्यस्थों के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया। सामुदायिक एकता: विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोग इस विरोध में एकजुट हुए, जिसने इसे एक व्यापक जन-आंदोलन का रूप दिया।
ब्रिटिश प्रतिक्रिया और दमन: ब्रिटिश प्रशासन ने सैन्य बल का उपयोग कर आंदोलन को दबाने की कोशिश की। सूरत के जिला मजिस्ट्रेट ने सैन्य सहायता माँगी, जिसके बाद सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया। शुरू में ब्रिटिशों ने कर को लागू करने की कोशिश की, लेकिन जनता के तीव्र विरोध और बंद के कारण उन्हें नमक कर को 1 रुपये से घटाकर 12 आना करना पड़ा। इस विद्रोह ने ब्रिटिश प्रशासन को यह दिखाया कि स्थानीय लोग अनुचित करों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। महत्व: सूरत नमक विद्रोह 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पहले के प्रमुख जन-आंदोलनों में से एक था। यह ब्रिटिश शासन के खिलाफ गुजरात में पहला बड़ा प्रतिरोध माना जाता है। इसने नमक जैसे आवश्यक वस्तु पर कर के प्रति जनता की संवेदनशीलता को उजागर किया, जो बाद में 1930 के दांडी नमक सत्याग्रह में महात्मा गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दे का आधार बना।
यह विद्रोह सामुदायिक एकता और सामूहिक कार्रवाई की शक्ति का प्रतीक था, जिसने बाद के स्वतंत्रता आंदोलनों को प्रेरित किया। वर्तमान प्रासंगिकता: सूरत नमक विद्रोह को गुजरात के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में याद किया जाता है। यह सूरत की व्यापारिक और सामाजिक शक्ति को दर्शाता है, जो उस समय एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था। यह विद्रोह 1930 के दांडी नमक सत्याग्रह का अग्रदूत माना जाता है, क्योंकि सूरत और दांडी दोनों गुजरात के तटीय क्षेत्रों में हैं। तुलना (पिछले पूछे गए विद्रोहों के साथ): आपने पहले कोल, कच्छ, बघेरा, रामोसी, गड़करी, और वेलुथम्पी के विद्रोहों के बारे में पूछा था। यहाँ सूरत नमक विद्रोह की तुलना
समानताएँ: सभी विद्रोह ब्रिटिश शासन की शोषणकारी नीतियों (कर, भूमि हड़पना, या हस्तक्षेप) के खिलाफ थे। सूरत नमक विद्रोह और वेलुथम्पी का विद्रोह दोनों में सामुदायिक एकता और संगठित प्रतिरोध देखा गया। रामोसी और गड़करी विद्रोहों की तरह, सूरत का विद्रोह भी स्थानीय आर्थिक शिकायतों से प्रेरित था।
अंतर: सूरत नमक विद्रोह एक शहरी, व्यापारिक समुदाय द्वारा संचालित था, जबकि कोल और बघेरा जैसे विद्रोह आदिवासी समुदायों द्वारा लड़े गए। सूरत का विद्रोह गैर-हिंसक बंद और प्रदर्शनों पर केंद्रित था, जबकि रामोसी और गड़करी विद्रोहों में गुरिल्ला रणनीतियाँ थीं। वेलुथम्पी का विद्रोह एक रियासत के दीवान द्वारा नेतृत्व किया गया, जबकि सूरत का विद्रोह जनता और व्यापारियों का सामूहिक प्रयास था।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh searchkre.com@gmail.com 8392828781

Our Services

Scholarship Information

Add Blogging

Course Category

Add Blogs

Coaching Information

Add Blogging

Add Blogging

Add Blogging

Our Course

Add Blogging

Add Blogging

Hindi Preparation

English Preparation

SearchKre Course

SearchKre Services

SearchKre Course

SearchKre Scholarship

SearchKre Coaching

Loan Offer

JP GROUP

Head Office :- A/21 karol bag New Dellhi India 110011
Branch Office :- 1488, adrash nagar, hapur, Uttar Pradesh, India 245101
Contact With Our Seller & Buyer