Medieval independent provincial states
jp Singh
2025-05-26 13:51:25
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मध्यकालीन स्वतंत्र प्रांतीय राज्य
मध्यकालीन स्वतंत्र प्रांतीय राज्य
मध्यकालीन भारत में स्वतंत्र प्रांतीय राज्यों का उदय मुख्य रूप से दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य के कमजोर पड़ने के साथ हुआ। ये राज्य क्षेत्रीय शासकों, स्थानीय सरदारों या विद्रोही नेताओं द्वारा स्थापित किए गए, जिन्होंने केंद्रीय सत्ता के पतन का लाभ उठाया। नीचे मध्यकालीन भारत के कुछ प्रमुख स्वतंत्र प्रांतीय राज्यों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
1. बंगाल (Bengal)
समय: 14वीं से 16वीं सदी तक स्वतंत्र शासक।
विवरण: दिल्ली सल्तनत से अलग होने के बाद बंगाल में इलियास शाही वंश (1338-1538) ने स्वतंत्र शासन स्थापित किया।
प्रमुख शासक: शम्सुद्दीन इलियास शाह, गियासुद्दीन आजम शाह।
विशेषताएँ: बंगाल ने व्यापार, विशेष रूप से कपड़ा और चावल के निर्यात में समृद्धि हासिल की। स्थानीय संस्कृति और बंगाली भाषा का विकास हुआ।
2. जौनपुर (Jaunpur)
समय: 14वीं सदी के अंत से 15वीं सदी।
विवरण: जौनपुर सल्तनत की स्थापना फिरोजशाह तुगलक के गवर्नर मलिक सरवर ने की, जिसे
प्रमुख शासक: इब्राहिम शाह शर्की।
विशेषताएँ: जौनपुर को
3. गुजरात (Gujarat)
समय: 14वीं सदी के अंत से 16वीं सदी तक।
विवरण: दिल्ली सल्तनत से अलग होने के बाद मुजफ्फर शाही वंश ने गुजरात में स्वतंत्र शासन स्थापित किया।
प्रमुख शासक: अहमद शाह प्रथम, महमूद बेगड़ा।
विशेषताएँ: समुद्री व्यापार में प्रगति, विशेष रूप से अरब और अफ्रीका के साथ। अहमदाबाद जैसे शहरों का विकास।
4. मालवा (Malwa)
समय: 14वीं से 16वीं सदी।
विवरण: मालवा सल्तनत की स्थापना दिल्ली सल्तनत के गवर्नर दिलावर खान ने की।
प्रमुख शासक: होशंग शाह, महमूद खिलजी।
विशेषताएँ: मालवा ने स्थापत्य और साहित्य में योगदान दिया, विशेष रूप से मांडू के किले और मस्जिदें।
5. कश्मीर (Kashmir)
समय: 14वीं सदी से 16वीं सदी।
विवरण: कश्मीर में सुल्तान शम्सुद्दीन शाहमीर ने स्वतंत्र सल्तनत स्थापित की।
प्रमुख शासक: जैन-उल-आब्दीन (बुदशाह)।
विशेषताएँ: जैन-उल-आब्दीन ने कश्मीर को कला, संस्कृति और धार्मिक सहिष्णुता का केंद्र बनाया।
6. मेवाड़ (Mewar)
समय: मध्यकालीन अवधि में स्वतंत्र राजपूत राज्य।
विवरण: मेवाड़ राजपूतों का प्रमुख केंद्र था, जिसने दिल्ली सल्तनत और मुगलों के खिलाफ स्वतंत्रता बनाए रखी।
प्रमुख शासक: राणा कुम्भा, राणा सांगा।
विशेषताएँ: चित्तौड़गढ़ किले का निर्माण और हल्दीघाटी युद्ध में प्रतिरोध।
7. विजयनगर साम्राज्य (Vijaynagar Empire)
समय: 14वीं से 17वीं सदी।
विवरण: दक्षिण भारत का सबसे शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य, जिसकी स्थापना हरिहर और बुक्का ने की।
प्रमुख शासक: कृष्णदेव राय।
विशेषताएँ: हम्पी में भव्य स्थापत्य, तेलुगु और संस्कृत साहित्य का विकास, और दक्कन सल्तनतों के साथ संघर्ष।
8. अहमदनगर, बीजापुर, गोलकुंडा (दक्कन सल्तनतें)
समय: 15वीं से 17वीं सदी।
विवरण: बहमनी साम्राज्य के विघटन के बाद दक्कन में पांच स्वतंत्र सल्तनतें उभरीं—अहमदनगर, बीजापुर, गोलकुंडा, बरार, और बीदर।
विशेषताएँ: इन राज्यों ने दक्कनी संस्कृति, उर्दू साहित्य और स्थापत्य (जैसे गोल गुम्बज) को बढ़ावा दिया।
विशेषताएँ और महत्व:
स्थानीय शासन: इन राज्यों ने क्षेत्रीय भाषाओं, कला, और संस्कृति को बढ़ावा दिया। आर्थिक समृद्धि: व्यापार और कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था ने इन राज्यों को मजबूत किया। सांस्कृतिक योगदान: मंदिर, मस्जिद, किले और साहित्य का विकास हुआ।
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