भारतीय संविधान का अनुच्छेद (42)
jp Singh
2025-05-09 14:28:51
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद (42)
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 42 राज्य के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत आता है और यह राज्य को श्रमिकों के लिए उचित और मानवीय कार्य परिस्थितियों तथा मातृत्व राहत प्रदान करने का निर्देश देता है।
मुख्य बिंदु
कार्य परिस्थितियाँ
राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि श्रमिकों को ऐसी कार्य परिस्थितियाँ मिलें जो उनकी गरिमा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा के अनुकूल हों।
मातृत्व राहत
राज्य को गर्भवती महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश और अन्य सहायता प्रदान करने के लिए प्रावधान करने चाहिए।
उद्देश्य
यह अनुच्छेद श्रमिकों, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, और महिलाओं के कल्याण पर केंद्रित है।
इसका लक्ष्य कार्यस्थलों पर शोषण को कम करना और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है।
कार्यान्वयन
श्रम कानून
भारत में कई कानून, जैसे कारखाना अधिनियम, 1948, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948, और काम के घंटे से संबंधित नियम, उचित कार्य परिस्थितियों को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं।
मातृत्व लाभ
मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 (और इसके बाद के संशोधन) के तहत गर्भवती महिलाओं को वेतन के साथ मातृत्व अवकाश, चिकित्सा सुविधाएँ, और अन्य लाभ प्रदान किए जाते हैं।
योजनाएँ
असंगठित क्षेत्र की महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी योजनाएँ मातृत्व सहायता प्रदान करती हैं।
महत्व
यह अनुच्छेद श्रमिकों के अधिकारों और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है।
यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक कल्याण पर भी ध्यान दिया जाए।
कानूनी स्थिति
नीति निदेशक तत्व होने के नाते, यह अनुच्छेद न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है, लेकिन यह सरकार के लिए नीति निर्माण में मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करता है।
Conclusion
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jp Singh
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