भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39
jp Singh
2025-05-09 14:18:51
searchkre.com@gmail.com /
8392828781
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39 राज्य के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत आता है और यह राज्य को कुछ विशिष्ट सिद्धांतों का पालन करने का निर्देश देता है ताकि सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित हो। यह अनुच्छेद विशेष रूप से संसाधनों के वितरण और अवसरों की समानता पर केंद्रित है।
मुख्य बिंदु
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39 में निम्नलिखित सिद्धांत शामिल हैं
1. जीविका का अधिकार
(39(a)) राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से पर्याप्त जीविका के साधन उपलब्ध हों।
2. संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण
(39(b)) सामुदायिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस तरह वितरित किया जाए कि वह सामान्य हित में हो।
3. धन और उत्पादन के साधनों का संकेंद्रण रोकना
(39(c)) आर्थिक व्यवस्था इस तरह संचालित हो कि धन और उत्पादन के साधनों का हानिकारक संकेंद्रण न हो।
4. समान वेतन
39(d)) पुरुषों और महिलाओं को समान कार्य के लिए समान वेतन मिले।
5. श्रमिकों का स्वास्थ्य और शक्ति:
(39(e)) श्रमिकों, पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की शक्ति और स्वास्थ्य का दुरुपयोग न हो, और आर्थिक आवश्यकता के कारण उन्हें अनुपयुक्त कार्य करने के लिए मजबूर न किया जाए।
बाल विकास
(39(f)) बच्चों को स्वस्थ और स्वतंत्र वातावरण में विकास के अवसर मिलें, और उनका शोषण न हो।
उद्देश्य :- यह अनुच्छेद सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों, जैसे श्रमिकों, महिलाओं और बच्चों के लिए।
ह सरकार को ऐसी नीतियाँ बनाने के लिए प्रेरित करता है जो संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण और आर्थिक असमानता को कम करने में मदद करें।
उदाहरण :- मनरेगा, समान वेतन नीतियाँ, और बाल श्रम निषेध कानून इस अनुच्छेद के सिद्धांतों को लागू करने के प्रयास हैं।
भूमि सुधार और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) जैसे कदम संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं।
कानूनी स्थिति
नीति निदेशक तत्व होने के नाते, यह अनुच्छेद न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है, लेकिन यह सरकार के लिए नीति निर्माण में एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक सिद्धांत है।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39 राज्य के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत आता है और यह राज्य को कुछ विशिष्ट सिद्धांतों का पालन करने का निर्देश देता है ताकि सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित हो। यह अनुच्छेद विशेष रूप से संसाधनों के वितरण और अवसरों की समानता पर केंद्रित है।
मुख्य बिंदु
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39 में निम्नलिखित सिद्धांत शामिल हैं:
1. जीविका का अधिकार
(39(a)) राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से पर्याप्त जीविका के साधन उपलब्ध हों।
2. संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण:
(39(b)) सामुदायिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस तरह वितरित किया जाए कि वह सामान्य हित में हो।
3. धन और उत्पादन के साधनों का संकेंद्रण रोकना
(39(c)) आर्थिक व्यवस्था इस तरह संचालित हो कि धन और उत्पादन के साधनों का हानिकारक संकेंद्रण न हो।
4. समान वेतन
(39(d)) पुरुषों और महिलाओं को समान कार्य के लिए समान वेतन मिले।
5. श्रमिकों का स्वास्थ्य और शक्ति:
(39(e)) श्रमिकों, पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की शक्ति और स्वास्थ्य का दुरुपयोग न हो, और आर्थिक आवश्यकता के कारण उन्हें अनुपयुक्त कार्य करने के लिए मजबूर न किया जाए।
. बाल विकास
(39(f)) बच्चों को स्वस्थ और स्वतंत्र वातावरण में विकास के अवसर मिलें, और उनका शोषण न हो।
उद्देश्य
यह अनुच्छेद सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों, जैसे श्रमिकों, महिलाओं और बच्चों के लिए।
यह सरकार को ऐसी नीतियाँ बनाने के लिए प्रेरित करता है जो संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण और आर्थिक असमानता को कम करने में मदद करें।
उदाहरण:- मनरेगा, समान वेतन नीतियाँ, और बाल श्रम निषेध कानून इस अनुच्छेद के सिद्धांतों को लागू करने के प्रयास हैं।
भूमि सुधार और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) जैसे कदम संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं।
कानूनी स्थिति
नीति निदेशक तत्व होने के नाते, यह अनुच्छेद न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है, लेकिन यह सरकार के लिए नीति निर्माण में मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करता है।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh
searchkre.com@gmail.com
8392828781