भारतीय संविधान का अनुच्छेद 38
jp Singh
2025-05-09 14:09:23
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 38
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 38 राज्य के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत आता है और यह राज्य को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करने का निर्देश देता है।
मुख्य बिंदु
1. कल्याणकारी राज्य का लक्ष्य
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 38(1) कहता है कि राज्य को ऐसी सामाजिक व्यवस्था स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय हो, और यह सभी नागरिकों के लिए समान अवसर प्रदान करे।
2. असमानताओं को कम करना
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 38(2) में यह निर्देश है कि राज्य को आय, स्थिति और अवसरों में असमानताओं को कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि सामाजिक और आर्थिक असमानताएँ न्यूनतम हों।
3. उद्देश्य
यह अनुच्छेद सरकार को नीतियाँ और कानून बनाने के लिए प्रेरित करता है जो समाज में समानता और कल्याण को बढ़ावा दें, जैसे गरीबी उन्मूलन, शिक्षा का प्रसार, और रोजगार के अवसर।
उदाहरण: इस अनुच्छेद के तहत सरकार द्वारा लागू की गई योजनाएँ, जैसे मनरेगा (MGNREGA), मुफ्त शिक्षा, या खाद्य सुरक्षा योजनाएँ, सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने के प्रयास हैं।
यह अनुच्छेद सरकार को समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए विशेष प्रावधान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
कानूनी स्थिति
नीति निदेशक तत्व होने के नाते, यह अनुच्छेद न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है, लेकिन यह सरकार के लिए नीति निर्माण में एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक सिद्धांत है।
Conclusion
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jp Singh
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