भारतीय संविधान का अनुच्छेद 37
jp Singh
2025-05-09 14:07:04
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 37
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 37 राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy) के महत्व और प्रकृति को स्पष्ट करता है। यह अनुच्छेद भाग IV के तहत नीति निदेशक तत्वों के लिए एक आधारभूत प्रावधान है।
मुख्य बिंदु
1. लागू करने की बाध्यता
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 37 कहता है कि नीति निदेशक तत्व न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, अर्थात् इनका उल्लंघन होने पर कोई व्यक्ति अदालत में मुकदमा दायर नहीं कर सकता।
2. महत्व
हालाँकि ये कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं, ये शासन के लिए मूलभूत हैं। राज्य (सरकार) को कानून बनाते और नीतियाँ लागू करते समय इन तत्वों का पालन करना चाहिए।
3. उद्देश्य
इन तत्वों का लक्ष्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को बढ़ावा देना है, ताकि देश में समानता और कल्याण सुनिश्चित हो।
उदाहरण:नीति निदेशक तत्वों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और सामाजिक कल्याण जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की बात कही गई है, जो सरकार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।
यह अनुच्छेद सरकार को यह दिशा देता है कि वह इन सिद्धांतों को लागू करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करे, जैसे मुफ्त शिक्षा या ग्रामीण विकास योजनाएँ।
ह अनुच्छेद नीति निदेशक तत्वों को संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है, जो भारत के शासन को सामाजिक न्याय की ओर ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
Conclusion
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