भारतीय संविधान का अनुच्छेद 28
jp Singh
2025-05-09 13:38:12
searchkre.com@gmail.com /
8392828781
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 28
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 28: धार्मिक शिक्षा या धार्मिक
धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने की स्वतंत्रता भारत के संविधान का अनुच्छेद 28 धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को और मजबूत करता है, विशेष रूप से शैक्षिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा और उपासना के संबंध में। यह व्यक्तियों को धार्मिक शिक्षा में भाग लेने या न लेने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। इसके प्रावधान निम्नलिखित हैं:
1. पूर्णतः राज्य निधि प्राप्त संस्थानों में धार्मिक शिक्षा पर रोक
किसी भी शैक्षिक संस्थान, जो पूर्ण रूप से राज्य के कोष से संचालित होता है, में धार्मिक शिक्षा प्रदान नहीं की जाएगी।
2. राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त या सहायता प्राप्त संस्थानों में स्वतंत्रता:
- उन शैक्षिक संस्थानों में, जो राज्य से सहायता प्राप्त करते हैं या राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त हैं, किसी व्यक्ति को ऐसी धार्मिक शिक्षा लेने या धार्मिक उपासना में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा, जो उसके धर्म के विपरीत हो, बिना उसकी (या नाबालिग के मामले में उसके अभिभावक की) सहमति के।
3. धार्मिक या परमार्थ न्यास द्वारा संचालित संस्थानों में छूट:
- यदि कोई शैक्षिक संस्थान किसी धार्मिक या परमार्थ न्यास द्वारा स्थापित और संचालित है, तो वह धार्मिक शिक्षा प्रदान कर सकता है, लेकिन इसमें भाग लेना उन लोगों के लिए अनिवार्य नहीं होगा जो उस धर्म का पालन नहीं करते, जब तक कि उनकी सहमति न हो।
महत्वपूर्ण बिंदु
लागू होने का दायरा
यह अनुच्छेद सभी व्यक्तियों (नागरिकों और गैर-नागरिकों) पर लागू होता है और धर्मनिरपेक्ष शिक्षा को बढ़ावा देता है।
उद्देश्य
यह सुनिश्चित करता है कि शैक्षिक संस्थानों में धर्म के आधार पर कोई भेदभाव या जबरदस्ती न हो, विशेष रूप से राज्य द्वारा संचालित या सहायता प्राप्त संस्थानों में।
महत्वपूर्ण मामले
डी.ए.वी. कॉलेज बनाम पंजाब राज्य (1971)
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि धार्मिक शिक्षा की स्वतंत्रता अल्पसंख्यक संस्थानों को दी जा सकती है, लेकिन यह अनुच्छेद 28 के तहत गैर-अनिवार्य होनी चाहिए।
अरुणा रॉय बनाम भारत संघ (2002)
स्कूलों में नैतिक और सांस्कृतिक शिक्षा (जैसे सभी धर्मों के मूल्यों का अध्ययन) को धार्मिक शिक्षा नहीं माना गया और इसे अनुच्छेद 28 का उल्लंघन नहीं माना गया।
विशेषताएँ
यह अनुच्छेद धर्मनिरपेक्षता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को संतुलित करता है, विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में।
यह अनुच्छेद 25 (अंतःकरण की स्वतंत्रता) और 27 (धर्म के लिए करों से छूट) के साथ मिलकर धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को लागू करता है।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh
searchkre.com@gmail.com
8392828781