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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19
jp Singh 2025-05-09 12:41:32
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि से संबंधित कुछ अधिकारों का संरक्षण भारत के संविधान का अनुच्छेद 19 नागरिकों को कुछ मौलिक स्वतंत्रताएँ प्रदान करता है, जो लोकतंत्र के लिए आधारभूत हैं। यह अनुच्छेद केवल भारत के नागरिकों पर लागू होता है। इसके प्रावधान निम्नलिखित हैं
1. नागरिकों को निम्नलिखित अधिकार:
(क) बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of speech and expression)।
(ख) शांतिपूर्वक और बिना हथियारों के एकत्र होने की स्वतंत्रता (Freedom to assemble peaceably and without arms)।
(ग) संघ या संगठन बनाने की स्वतंत्रता (Freedom to form associations or unions)।
(घ) भारत के राज्य क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से विचरण करने की स्वतंत्रता (Freedom to move freely throughout the territory of India)।
(ङ) भारत के किसी भी हिस्से में निवास करने और बसने की स्वतंत्रता (Freedom to reside and settle in any part of India)।
(च) कोई भी पेशा, व्यापार या व्यवसाय करने की स्वतंत्रता (Freedom to practice any profession, or to carry on any occupation, trade, or business)।
2. उचित प्रतिबंध
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(2) से 19(6) के तहत राज्य इन स्वतंत्रताओं पर
19(2)
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा, विदेशी संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता, नैतिकता, मानहानि, या अपराध के लिए उकसावे के आधार पर प्रतिबंध।
19(3)
सभा की स्वतंत्रता पर सार्वजनिक व्यवस्था या संप्रभुता के आधार पर प्रतिबंध।
19(4)
संगठन की स्वतंत्रता पर संप्रभुता, अखंडता, सार्वजनिक व्यवस्था, या नैतिकता के आधार पर प्रतिबंध।
19(5)
विचरण और निवास की स्वतंत्रता पर सामान्य जनता या अनुसूचित जनजातियों के हित में प्रतिबंध।
19(6)
व्यापार/पेशे पर जनहित, नैतिकता, या तकनीकी योग्यता के आधार पर प्रतिबंध।
महत्वपूर्ण बिंदु
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
इसमें प्रेस की स्वतंत्रता और सूचना का अधिकार (RTI) भी शामिल है, हालांकि ये स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं हैं।
महत्वपूर्ण मामले
रोमेश थापर बनाम मद्रास राज्य (1950): प्रेस की स्वतंत्रता को अनुच्छेद 19(1)(क) का हिस्सा माना गया।
सकल पेपर्स बनाम भारत संघ (1962): उचित प्रतिबंधों की व्याख्या।
केदार नाथ सिंह बनाम बिहार राज्य (1962): देशद्रोह कानून को अनुच्छेद 19(2) के तहत उचित ठहराया गया।
सीमाएँ: ये अधिकार पूर्ण नहीं हैं और उचित प्रतिबंधों के अधीन हैं। गैर-नागरिकों (जैसे विदेशी या निगम) को ये अधिकार नहीं हैं।
Conclusion
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