भारतीय संविधान का अनुच्छेद 18
jp Singh
2025-05-09 12:36:19
searchkre.com@gmail.com /
8392828781
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 18
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 18: उपाधियों का उन्मूलन भारत के संविधान का अनुच्छेद 18 सामंती और औपनिवेशिक प्रथाओं को समाप्त करने के लिए उपाधियों (titles) के उपयोग और प्रदान करने पर प्रतिबंध लगाता है। इसके मुख्य प्रावधान निम्नलिखित हैं
1. सैन्य/शैक्षणिक उपाधियों को छोड़कर प्रतिबंध:
भारत का कोई नागरिक किसी विदेशी राज्य से कोई उपाधि (जैसे सर, लॉर्ड, राजा) स्वीकार नहीं करेगा।
राज्य द्वारा सैन्य या शैक्षणिक योग्यता से संबंधित उपाधियों को छोड़कर कोई अन्य उपाधि प्रदान नहीं की जाएगी।
2. विदेशी उपाधियों पर सहमति:
कोई भी व्यक्ति, जो भारत का नागरिक नहीं है लेकिन भारत में कोई लाभकारी पद (office of profit) धारण करता है, बिना राष्ट्रपति की सहमति के किसी विदेशी राज्य से उपाधि स्वीकार नहीं करेगा।
3. समानता का सिद्धांत
यह अनुच्छेद सामाजिक समानता को बढ़ावा देता है और औपनिवेशिक या सामंती उपाधियों (जैसे राय बहादुर, खान बहादुर) के उपयोग को रोकता है।
महत्वपूर्ण बिंदु
भारत रत्न, पद्म भूषण आदि: ये उपाधियाँ नहीं, बल्कि सम्मान (awards) माने जाते हैं, क्योंकि ये सैन्य या शैक्षणिक योग्यता से संबंधित नहीं हैं और संविधान के तहत स्वीकार्य हैं।
महत्वपूर्ण मामला: बलाजी राघवन बनाम भारत संघ (1996) में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भारत रत्न, पद्म पुरस्कार आदि उपाधियाँ नहीं हैं, बल्कि विशिष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मान हैं और अनुच्छेद 18 का उल्लंघन नहीं करते।
इस अनुच्छेद का उद्देश्य सामाजिक और वर्ग आधारित भेदभाव को समाप्त करना है।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh
searchkre.com@gmail.com
8392828781