भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12
jp Singh
2025-05-09 11:55:00
searchkre.com@gmail.com /
8392828781
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12: राज्य की परिभाषा से संबंधित है। यह भारत के संविधान के मौलिक अधिकारों (भाग III, अनुच्छेद 12-35) की शुरुआत करता है और मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के संदर्भ में
प्रावधान
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12 के अनुसार, मौलिक अधिकारों के प्रयोजनों के लिए
1. भारत सरकार और संसद,
2. राज्य सरकारें और राज्य विधानसभाएँ,
3. स्थानीय प्राधिकरण (जैसे, नगरपालिकाएँ, पंचायतें, जिला परिषदें),
4. अन्य प्राधिकरण जो भारत सरकार या राज्य सरकार के नियंत्रण में हों या भारत के क्षेत्र में कार्यरत हों।
महत्व
अनुच्छेद मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई के लिए
यह अनुच्छेद यह सुनिश्चित करता है कि मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायिक पुनरावलोकन लागू हो सके।
उदाहरण
यदि कोई सरकारी स्कूल किसी छात्र के अनुच्छेद 14 (समानता) या अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता) का उल्लंघन करता है, तो वह अनुच्छेद 12 के तहत
भारतीय रेलवे या बीएसएनएल जैसे सार्वजनिक उपक्रम भी अनुच्छेद 12 के तहत
हालांकि, एक निजी कंपनी (जैसे, रिलायंस या टाटा) सामान्यतः
मुख्य बिंदु
निजी संस्थाएँ तब तक अनुच्छेद 12 के दायरे में नहीं आतीं, जब तक कि वे सार्वजनिक कार्य (public function) न कर रही हों या सरकार के प्रत्यक्ष नियंत्रण में न हों।
यह अनुच्छेद अनुच्छेद 13 (मौलिक अधिकारों के साथ असंगत कानूनों की शून्यता) के साथ मिलकर मौलिक अधिकारों को लागू करने का आधार प्रदान करता है।
संबंधित जानकारी
आर.डी. शेट्टी बनाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (1979): सुप्रीम कोर्ट ने माना कि सरकारी नियंत्रण वाली संस्थाएँ
प्रदीप कुमार बिस्वास बनाम भारतीय विज्ञान संस्थान (2002):
प्रासंगिकता: अनुच्छेद 12 मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह यह निर्धारित करता है कि किन संस्थाओं के खिलाफ अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय में याचिका) या अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय में याचिका) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
सीमाएँ: निजी संस्थाएँ जो सरकारी नियंत्रण में नहीं हैं, अनुच्छेद 12 के दायरे से बाहर रहती हैं, जिसके लिए अन्य कानूनी उपाय (जैसे, सिविल कोर्ट) उपलब्ध हैं।
आधुनिक संदर्भ
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12 की व्याख्या का विस्तार उन संस्थाओं तक हो गया है जो सार्वजनिक कार्य करती हैं, जैसे निजी-सार्वजनिक भागीदारी (PPP) मॉडल वाली संस्थाएँ, यदि वे सरकारी नियंत्रण में हैं।
यह अनुच्छेद नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सरकारी और अर्ध-सरकारी निकायों के दुरुपयोग से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh
searchkre.com@gmail.com
8392828781