भारतीय संविधान का अनुच्छेद 2
jp Singh
2025-05-09 10:49:14
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 2
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 2: नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना से संबंधित है।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 2 संसद को यह शक्ति देता है कि वह कानून द्वारा
नए राज्यों या क्षेत्रों को भारत संघ में शामिल कर सकती है
या ऐसे क्षेत्रों को भारत का हिस्सा बनाने के लिए आवश्यक शर्तें और नियम निर्धारित कर सकती है।
मुख्य बिंदु
यह अनुच्छेद भारत के क्षेत्रीय विस्तार को संभव बनाता है, जैसे कि विदेशी क्षेत्रों को भारत में शामिल करना।
संसद को पूर्ण अधिकार है कि वह नए क्षेत्रों के प्रवेश की शर्तें तय करे।
यह प्रक्रिया संघीय ढांचे के तहत भारत की संप्रभुता को मजबूत करती है।
उदाहरण
सिक्किम का भारत में विलय (1975) इसका प्रमुख उदाहरण है। सिक्किम पहले एक स्वतंत्र रियासत था, जिसे अनुच्छेद 2 के तहत कानून बनाकर भारत का पूर्ण राज्य बनाया गया (36वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1975)।
पुर्तगाली और फ्रांसीसी उपनिवेश जैसे गोवा, दमन और दीव (1961) और पुडुचेरी का भारत में अधिग्रहण भी इस अनुच्छेद के दायरे में आता है।
संबंधित जानकारी
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 2 का उपयोग तब होता है जब कोई बाहरी क्षेत्र भारत में शामिल होता है, जबकि अनुच्छेद 3 मौजूदा राज्यों की सीमाओं या नामों में बदलाव से संबंधित है।
यह प्रावधान भारत की क्षेत्रीय अखंडता और लचीलेपन को दर्शाता है।
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