Article 394 of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-07 16:07:32
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 394
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 394
अनुच्छेद 394 भारतीय संविधान के भाग XXII (संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिंदी में प्रामाणिक पाठ और निरसन) में आता है। यह संविधान के प्रारंभ (Commencement) से संबंधित है। यह प्रावधान संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों के लागू होने की तारीखों को निर्धारित करता है।
अनुच्छेद 394 का पाठ संविधान के पाठ (हिंदी) के अनुसार (संक्षेप में):
उद्देश्य: अनुच्छेद 394 का उद्देश्य संविधान के प्रारंभ की तारीखों को स्पष्ट करना है, ताकि संविधान का कार्यान्वयन व्यवस्थित और चरणबद्ध तरीके से हो। यह सुनिश्चित करता है कि कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हों, जबकि अन्य प्रावधान गणतंत्र दिवस (26 जनवरी, 1950) से लागू हों। इसका लक्ष्य संवैधानिक कार्यान्वयन, प्रशासनिक सुगमता, और संस्थागत स्थिरता सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 394 संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है। संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अंगीकृत किया और कुछ प्रावधानों को तुरंत लागू करने का निर्णय लिया। शेष संविधान को 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय संदर्भ: स्वतंत्रता के बाद, भारत को एक संप्रभु गणतंत्र के रूप में स्थापित करने के लिए संविधान का चरणबद्ध कार्यान्वयन आवश्यक था। उदाहरण: नागरिकता (अनुच्छेद 5-9) और राष्ट्रपति की शपथ (अनुच्छेद 60) जैसे प्रावधान तुरंत लागू हुए।
प्रासंगिकता (2025): यह प्रावधान अब ऐतिहासिक महत्व का है, क्योंकि संविधान पूरी तरह लागू हो चुका है।
अनुच्छेद 394 के प्रमुख तत्व
चरणबद्ध प्रारंभ: 26 नवंबर, 1949: निम्नलिखित अनुच्छेद तुरंत लागू हुए:
अनुच्छेद 5-9: नागरिकता।
अनुच्छेद 60: राष्ट्रपति की शपथ।
अनुच्छेद 324: निर्वाचन आयोग।
अनुच्छेद 366: परिभाषाएँ।
अनुच्छेद 367: व्याख्या।
अनुच्छेद 379, 380, 388, 391: अस्थायी संसद, राष्ट्रपति, और अन्य प्रावधान (नोट: ये बाद में निरसन किए गए)।
अनुच्छेद 392: कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति।
अनुच्छेद 393: संक्षिप्त नाम। 26 जनवरी, 1950: शेष संविधान लागू हुआ।
संवैधानिक कार्यान्वयन: यह चरणबद्ध दृष्टिकोण प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्था को सुचारु करने के लिए था। उदाहरण: अस्थायी संसद का गठन (अनुच्छेद 379, अब निरसन)।
न्यायिक समीक्षा: इस प्रावधान से संबंधित कोई प्रत्यक्ष विवाद नहीं, क्योंकि यह केवल प्रारंभ तारीखों से संबंधित है।
महत्व: संवैधानिक कार्यान्वयन: चरणबद्ध लागू होने से स्थिरता। प्रशासनिक सुगमता: महत्वपूर्ण प्रावधानों का त्वरित कार्यान्वयन। राष्ट्रीय एकीकरण: गणतंत्र की स्थापना। ऐतिहासिक प्रतीक: 26 जनवरी, 1950 को गणतंत्र दिवस।
प्रमुख विशेषताएँ: प्रारंभ: चरणबद्ध तारीखें। अनुच्छेद: 26 नवंबर, 1949 और 26 जनवरी, 1950। उद्देश्य: व्यवस्थित कार्यान्वयन।
ऐतिहासिक उदाहरण: 26 नवंबर, 1949: संविधान का अंगीकरण और कुछ प्रावधान लागू। 26 जनवरी, 1950: गणतंत्र दिवस और संपूर्ण संविधान लागू। 2025 स्थिति: ऐतिहासिक महत्व।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 393: संक्षिप्त नाम। अनुच्छेद 395: निरसन। प्रस्तावना: गणतंत्र की स्थापना।
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jp Singh
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