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Article 371G of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-07 15:39:12
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 371G

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 371G
अनुच्छेद 371G भारतीय संविधान के भाग XXI (अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध) में आता है। यह मिजोरम राज्य के लिए विशेष उपबंध (Special provision with respect to the State of Mizoram) से संबंधित है। यह प्रावधान मिजोरम की जनजातीय संस्कृति, सामाजिक प्रथाओं, और स्वायत्तता की रक्षा के लिए बनाया गया है, जो 1987 में मिजोरम के पूर्ण राज्य बनने के बाद लागू हुआ।
(b) मिजो प्रथागत कानून और प्रक्रिया।
(c) प्रथागत कानून के तहत न्याय प्रशासन।
(d) भूमि और उसके संसाधनों का स्वामित्व और हस्तांतरण।
(2) मिजोरम विधान सभा में कम से कम 40 सीटें होंगी।
उद्देश्य: अनुच्छेद 371G का उद्देश्य मिजोरम की जनजातीय संस्कृति, प्रथागत कानूनों, और भूमि अधिकारों की रक्षा करना है, साथ ही राज्य को विशेष स्वायत्तता प्रदान करना। यह प्रावधान मिजो लोगों की विशिष्ट पहचान और परंपराओं को संरक्षित करता है, जो भारत के साथ उनके एकीकरण की शर्त थी। इसका लक्ष्य सांस्कृतिक संरक्षण, क्षेत्रीय स्वायत्तता, और राष्ट्रीय एकीकरण के बीच संतुलन बनाना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 371G को 53वें संवैधानिक संशोधन (1986) के तहत जोड़ा गया, जब मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। यह मिजो शांति समझौते (1986) का परिणाम था, जिसने मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) और भारत सरकार के बीच दशकों के संघर्ष को समाप्त किया। भारतीय संदर्भ: मिजोरम में जनजातीय समुदाय (मिजो, लाई, मारा) की सांस्कृतिक और सामाजिक विशिष्टता को संरक्षित करने की आवश्यकता थी। उदाहरण: मिजो प्रथागत कानूनों का संरक्षण। प्रासंगिकता (2025): यह प्रावधान मिजोरम की सांस्कृतिक पहचान और स्वायत्तता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से भूमि और संसाधनों के मुद्दों पर।
अनुच्छेद 371G के प्रमुख तत्व
संसद के कानूनों पर प्रतिबंध: संसद द्वारा बनाए गए कानून निम्नलिखित मामलों में मिजोरम में लागू नहीं होंगे, जब तक कि मिजोरम विधान सभा इसका समर्थन न करे: धार्मिक या सामाजिक प्रथाएँ: मिजो समुदाय की परंपराएँ। प्रथागत कानून: मिजो रीति-रिवाज और प्रक्रियाएँ। न्याय प्रशासन: प्रथागत कानूनों के तहत। भूमि और संसाधन: स्वामित्व और हस्तांतरण। उदाहरण: भूमि पर गैर-मिजो स्वामित्व पर प्रतिबंध।
विधान सभा की सीटें: मिजोरम विधान सभा में कम से कम 40 सीटें होंगी। यह छोटे राज्य की जनसंख्या और क्षेत्र को ध्यान में रखता है। उदाहरण: वर्तमान में मिजोरम विधान सभा में 40 सीटें।
न्यायिक समीक्षा: इस प्रावधान के तहत बनाए गए कानूनों या निर्णयों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, यदि वे संवैधानिक सीमाओं से बाहर हों।
महत्व: सांस्कृतिक संरक्षण: मिजो परंपराओं की रक्षा। क्षेत्रीय स्वायत्तता: विधान सभा की सहमति। राष्ट्रीय एकीकरण: भारत के साथ संतुलन। प्रशासनिक सुगमता: स्थानीय स्वायत्तता।
प्रमुख विशेषताएँ: स्वायत्तता: प्रथागत कानून और भूमि। सहमति: विधान सभा की भूमिका। सीटें: 40+ विधान सभा। निगरानी: न्यायिक समीक्षा।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1986: मिजो शांति समझौता और मिजोरम का गठन। 1987: अनुच्छेद 371G लागू। 2025 स्थिति: मिजोरम में प्रथागत कानूनों का संरक्षण।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 371A: नागालैंड। छठी अनुसूची: जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन। 53वां संशोधन: मिजोरम का गठन।
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