Article 366 of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-07 15:17:24
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 366
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 366
अनुच्छेद 366 भारतीय संविधान के भाग XIX (विविध) में आता है। यह संविधान में प्रयुक्त विभिन्न शब्दों और अभिव्यक्तियों की परिभाषाएँ (Definitions) प्रदान करता है। यह अनुच्छेद संविधान के विभिन्न प्रावधानों में उपयोग होने वाले शब्दों को स्पष्ट करता है, ताकि उनकी व्याख्या में एकरूपता बनी रहे।
"इस संविधान में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, निम्नलिखित शब्दों और अभिव्यक्तियों का अर्थ होगा: (1) 'कृषि आय' का अर्थ आयकर कानून के तहत परिभाषित कृषि आय।
(2) 'निगम कर' का अर्थ केंद्र द्वारा लगाया गया कर।
(28) 'कराधान' में किसी भी प्रकार का कर शामिल है।
(29A) 'वस्तु और सेवा कर' में आपूर्ति पर कर शामिल है।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 366 का उद्देश्य संविधान में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण शब्दों और अभिव्यक्तियों को परिभाषित करना है, ताकि उनकी व्याख्या में स्पष्टता और एकरूपता सुनिश्चित हो। यह संवैधानिक प्रावधानों की सटीक समझ और उनके कार्यान्वयन को सुगम बनाता है। इसका लक्ष्य संवैधानिक स्पष्टता, कानूनी एकरूपता, और प्रशासनिक सुगमता को बढ़ावा देना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 366 संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। यह संविधान की जटिल संरचना को समझने के लिए आवश्यक परिभाषाएँ प्रदान करता है। संशोधन: 101वां संवैधानिक संशोधन (2016) ने 'वस्तु और सेवा कर' (GST) से संबंधित परिभाषा जोड़ी। अन्य संशोधनों ने समय-समय पर परिभाषाओं को अपडेट किया। भारतीय संदर्भ: यह अनुच्छेद विभिन्न संवैधानिक और कानूनी विवादों में शब्दों की व्याख्या के लिए आधार प्रदान करता है। उदाहरण: 'कृषि आय' की परिभाषा पर कर विवाद।
प्रासंगिकता (2025): डिजिटल युग और आर्थिक सुधारों (जैसे, GST) में यह प्रावधान संवैधानिक शब्दों की व्याख्या में महत्वपूर्ण है।1
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jp Singh
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