Article 364 of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-07 15:04:37
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 364
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 364
अनुच्छेद 364 भारतीय संविधान के भाग XIX (विविध) में आता है। यह प्रमुख बंदरगाहों और हवाई अड्डों के लिए विशेष उपबंध (Special provisions as to major ports and aerodromes) से संबंधित है। यह प्रावधान केंद्र सरकार को प्रमुख बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर कुछ संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों को लागू न करने की शक्ति देता है, यदि यह राष्ट्रीय हित में हो।
"(1) राष्ट्रपति आदेश द्वारा यह निर्देश दे सकता है कि इस संविधान का कोई प्रावधान या कोई कानून, जो भारत के प्रमुख बंदरगाहों या हवाई अड्डों पर लागू होता है, वहाँ लागू नहीं होगा, या कुछ शर्तों और प्रतिबंधों के साथ लागू होगा, जैसा वह राष्ट्रीय हित में उचित समझे।
(2) यह आदेश उन क्षेत्रों, व्यक्तियों, या वस्तुओं पर लागू हो सकता है, जो इन बंदरगाहों या हवाई अड्डों से संबंधित हों।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 364 का उद्देश्य केंद्र सरकार को प्रमुख बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों को निलंबित करने या संशोधित करने की शक्ति देना है, ताकि राष्ट्रीय हित, विशेष रूप से व्यापार, सुरक्षा, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा दिया जा सके। यह प्रावधान बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर सुगम संचालन और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इसका लक्ष्य राष्ट्रीय हित, आर्थिक विकास, और प्रशासनिक लचीलापन को बनाए रखना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 364 संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। यह स्वतंत्रता के बाद की आवश्यकता को दर्शाता है, जब भारत को अपने बंदरगाहों और हवाई अड्डों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और रक्षा को मजबूत करना था। भारतीय संदर्भ: प्रमुख बंदरगाह (जैसे, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता) और हवाई अड्डे (जैसे, दिल्ली, मुंबई) भारत की अर्थव्यवस्था और रक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। उदाहरण: अंतरराष्ट्रीय व्यापार या आपातकाल के दौरान बंदरगाहों पर विशेष नियम लागू करना।
प्रासंगिकता (2025): डिजिटल युग और वैश्विक व्यापार में, यह प्रावधान बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर त्वरित निर्णय लेने और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने में महत्वपूर्ण है।
अनुच्छेद 364 के प्रमुख तत्व
राष्ट्रपति की शक्ति: राष्ट्रपति आदेश द्वारा यह निर्देश दे सकता है कि संविधान का कोई प्रावधान या कानून प्रमुख बंदरगाहों या हवाई अड्डों पर लागू न हो या संशोधित रूप में लागू हो। यह राष्ट्रीय हित में किया जाता है। उदाहरण: युद्ध के दौरान बंदरगाहों पर विशेष सुरक्षा नियम।
लागू होने का दायरा: यह आदेश उन क्षेत्रों, व्यक्तियों, या वस्तुओं पर लागू हो सकता है, जो इन बंदरगाहों या हवाई अड्डों से संबंधित हों। उदाहरण: विदेशी जहाजों या यात्रियों पर विशेष नियम।
न्यायिक समीक्षा: राष्ट्रपति के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, यदि वह मनमानी या असंवैधानिक हो। उदाहरण: संवैधानिक सीमाओं की जाँच।
महत्व: राष्ट्रीय सुरक्षा: बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर नियंत्रण। आर्थिक विकास: व्यापार और यातायात की सुगमता। प्रशासनिक लचीलापन: संकटकाल में त्वरित निर्णय। लोकतांत्रिक संतुलन: न्यायिक निगरानी।
प्रमुख विशेषताएँ: शक्ति: राष्ट्रपति का आदेश। लक्ष्य: राष्ट्रीय हित। दायरा: बंदरगाह और हवाई अड्डे। निगरानी: न्यायिक समीक्षा।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1962: भारत-चीन युद्ध में बंदरगाहों पर विशेष नियम। 1971: भारत-पाकिस्तान युद्ध में हवाई अड्डों पर नियंत्रण। 2025 स्थिति: कोई सक्रिय उपयोग नहीं, लेकिन प्रासंगिकता बरकरार।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 352: राष्ट्रीय आपातकाल। अनुच्छेद 360: वित्तीय आपातकाल। सातवीं अनुसूची: बंदरगाह और हवाई अड्डे (संघ सूची)।
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