Recent Blogs

Article 318 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-05 16:53:32
searchkre.com@gmail.com / 8392828781

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 318

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 318
अनुच्छेद 318 भारतीय संविधान के भाग XIV (संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ) में आता है। यह लोक सेवा आयोगों के लिए नियम बनाने की शक्ति (Power to make regulations as to conditions of service of members and staff of the Commission) से संबंधित है। यह प्रावधान संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्य लोक सेवा आयोग (SPSC) के अध्यक्ष, सदस्यों, और कर्मचारियों की सेवा शर्तों, साथ ही आयोगों के कार्यों को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाने की शक्ति प्रदान करता है।
"राष्ट्रपति, संघ लोक सेवा आयोग या संयुक्त लोक सेवा आयोग के लिए, और राज्यपाल, राज्य लोक सेवा आयोग के लिए, नियम बना सकते हैं, जो निम्नलिखित को विनियमित करें:
(क) आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की संख्या और उनकी सेवा शर्तें;
(ख) आयोग के कर्मचारियों की संख्या और उनकी सेवा शर्तें;
(ग) आयोग के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक अन्य उपबंध।
ऐसे नियम उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की स्वीकृति के अधीन होंगे।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 318 का उद्देश्य UPSC और SPSC के अध्यक्ष, सदस्यों, और कर्मचारियों की सेवा शर्तों को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाने की शक्ति प्रदान करना है। यह आयोगों के कार्यों को सुचारू और निष्पक्ष रूप से संचालित करने के लिए नियमों का ढांचा देता है। इसका लक्ष्य प्रशासनिक स्वायत्तता, निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया, और संघीय ढांचे में केंद्र-राज्य संतुलन को सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 318 संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। यह भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित था, जिसमें पब्लिक सर्विस कमीशन के लिए नियम बनाने की व्यवस्था थी।
भारतीय संदर्भ: स्वतंत्रता के बाद, लोक सेवा आयोगों को स्वतंत्र और प्रभावी बनाने के लिए उनकी सेवा शर्तों और कार्यप्रणाली को विनियमित करने की आवश्यकता थी। अनुच्छेद 318 ने इसे संवैधानिक आधार दिया।
प्रासंगिकता: 2025 में, यह प्रावधान UPSC और SPSC की स्वायत्तता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से डिजिटल प्रशासन और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भर्ती के लिए।
अनुच्छेद 318 के प्रमुख तत्व: नियम बनाने की शक्ति: राष्ट्रपति: UPSC और संयुक्त लोक सेवा आयोग के लिए नियम बना सकते हैं। राज्यपाल: SPSC के लिए नियम बना सकते हैं। नियम निम्नलिखित को कवर करते हैं: अध्यक्ष और सदस्यों की संख्या और उनकी सेवा शर्तें (वेतन, भत्ते, कार्यकाल आदि)।
कर्मचारियों की संख्या और उनकी सेवा शर्तें। आयोग के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए अन्य उपबंध। उदाहरण: UPSC कर्मचारियों के लिए वेतन नियम।
उच्चतम न्यायालय की स्वीकृति: नियम उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की स्वीकृति के अधीन होते हैं। यह आयोगों की स्वतंत्रता को मजबूत करता है और राजनीतिक हस्तक्षेप को रोकता है। उदाहरण: CJI द्वारा UPSC नियमों की समीक्षा।
न्यायिक समीक्षा: नियमों की वैधता और उनकी स्वीकृति को न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। कोर्ट यह सुनिश्चित करता है कि नियम संवैधानिक और निष्पक्ष हों। उदाहरण: नियमों के उल्लंघन पर कोर्ट का निर्णय।
महत्व: स्वायत्तता: लोक सेवा आयोगों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता। प्रशासनिक दक्षता: सुचारू कार्यप्रणाली के लिए नियम। संघीय ढांचा: केंद्र और राज्यों के बीच संतुलन। न्यायिक समीक्षा: नियमों की वैधता पर निगरानी।
प्रमुख विशेषताएँ: नियम: सेवा शर्तें और कार्यप्रणाली। प्राधिकारी: राष्ट्रपति/राज्यपाल। स्वीकृति: मुख्य न्यायाधीश। न्यायिक निगरानी: वैधता की जाँच।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1950-1960 के दशक: UPSC और SPSC के लिए नियमों की स्थापना। 2000 के दशक: कर्मचारियों की सेवा शर्तों में संशोधन। 2025 स्थिति: डिजिटल भर्ती के लिए नए नियम।
चुनौतियाँ और विवाद: राजनीतिक प्रभाव: नियम बनाने में कथित हस्तक्षेप। न्यायिक समीक्षा: नियमों की वैधता पर कोर्ट की जाँच। सुधार की माँग: आयोगों की स्वतंत्रता को मजबूत करना।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 315: लोक सेवा आयोग की स्थापना। अनुच्छेद 316: सदस्यों की नियुक्ति। अनुच्छेद 317: बर्खास्तगी और निलंबन। अनुच्छेद 319: सदस्यों की अयोग्यता।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh searchkre.com@gmail.com 8392828781

Our Services

Scholarship Information

Add Blogging

Course Category

Add Blogs

Coaching Information

Add Blogging

Add Blogging

Add Blogging

Our Course

Add Blogging

Add Blogging

Hindi Preparation

English Preparation

SearchKre Course

SearchKre Services

SearchKre Course

SearchKre Scholarship

SearchKre Coaching

Loan Offer

JP GROUP

Head Office :- A/21 karol bag New Dellhi India 110011
Branch Office :- 1488, adrash nagar, hapur, Uttar Pradesh, India 245101
Contact With Our Seller & Buyer