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Article 310 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-05 15:56:42
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 310

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 310
अनुच्छेद 310 भारतीय संविधान के भाग XIV (संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ) में आता है। यह संघ और राज्यों के अधीन व्यक्तियों की सेवा की अवधि (Tenure of office of persons serving the Union or a State) से संबंधित है। यह प्रावधान सिविल सेवकों और अन्य सरकारी कर्मचारियों की सेवा की अवधि को नियंत्रित करता है, जिसमें यह निर्धारित किया गया है कि वे अपनी सेवा के दौरान राष्ट्रपति या राज्यपाल के प्रसादपर्यंत (pleasure) पद पर बने रहते हैं।
"(1) इस संविधान में अन्यथा उपबंधित के सिवाय, संघ या किसी राज्य के अधीन सेवा करने वाला प्रत्येक व्यक्ति तब तक अपने पद पर बना रहेगा, जब तक कि वह राष्ट्रपति या, जैसा कि मामला हो, राज्यपाल के प्रसादपर्यंत हो, और राष्ट्रपति या राज्यपाल उसे बर्खास्त कर सकता है या हटा सकता है।
(2) रक्षा सेवाओं में या किसी सिविल सेवा में नियुक्त कोई व्यक्ति, जिसके साथ संविदा की गई हो, ऐसी संविदा के उपबंधों के अधीन अपने पद पर बना रहेगा।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 310 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संघ और राज्यों के अधीन सिविल सेवक और अन्य कर्मचारी राष्ट्रपति या राज्यपाल के प्रसादपर्यंत (at the pleasure) अपनी सेवा में बने रहें। यह केंद्र और राज्य सरकारों को कर्मचारियों को बर्खास्त करने या हटाने की शक्ति देता है, लेकिन यह शक्ति अनुच्छेद 311 (बर्खास्तगी पर सुरक्षा) और अन्य संवैधानिक प्रावधानों के अधीन है। इसका लक्ष्य प्रशासनिक नियंत्रण, सेवा अनुशासन, और संघीय ढांचे में केंद्र-राज्य संतुलन सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 310 संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
यह भारत सरकार अधिनियम, 1935 (धारा 240) से प्रेरित था, जिसमें सिविल सेवकों की सेवा अवधि को नियंत्रित किया गया था। भारतीय संदर्भ: स्वतंत्रता के बाद, भारत को एक सुव्यवस्थित प्रशासनिक ढांचे की आवश्यकता थी, जिसमें सरकार को कर्मचारियों पर नियंत्रण रखने की शक्ति हो। अनुच्छेद 310 ने इसे संवैधानिक आधार प्रदान किया। प्रासंगिकता: 2025 में, यह प्रावधान सिविल सेवाओं (IAS, IPS, IFS) और अन्य सरकारी कर्मचारियों की सेवा अवधि और बर्खास्तगी प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
अनुच्छेद 310 के प्रमुख तत्व: खंड (1): प्रसादपर्यंत सिद्धांत: संघ के अधीन कर्मचारी राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत और राज्य के अधीन कर्मचारी राज्यपाल के प्रसादपर्यंत अपने पद पर बने रहते हैं। इसका अर्थ है कि राष्ट्रपति या राज्यपाल उन्हें किसी भी समय बर्खास्त या हटा सकते हैं, लेकिन यह शक्ति अनुच्छेद 311 के तहत सीमित है। उदाहरण: 2025 में, एक IAS अधिकारी को राष्ट्रपति द्वारा बर्खास्त किया जा सकता है, यदि अनुच्छेद 311 की प्रक्रिया का पालन हो।
खंड (2): संविदा कर्मचारी: रक्षा सेवाओं या सिविल सेवाओं में संविदा पर नियुक्त कर्मचारी अपनी संविदा के नियमों और शर्तों के अधीन रहते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि संविदा कर्मचारियों की सेवा अवधि उनके अनुबंध पर निर्भर करती है। उदाहरण: डिजिटल इंडिया परियोजना में संविदा पर नियुक्त विशेषज्ञ।
अनुच्छेद 311 के साथ संतुलन: अनुच्छेद 310 की "प्रसादपर्यंत" शक्ति अनुच्छेद 311 के तहत सीमित है, जो सिविल सेवकों को बर्खास्तगी या हटाने से पहले उचित प्रक्रिया (जैसे, सुनवाई का अवसर) प्रदान करता है। उदाहरण: बर्खास्तगी से पहले जांच और सुनवाई।
न्यायिक समीक्षा: बर्खास्तगी या हटाने के निर्णय को न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, विशेष रूप से यदि अनुच्छेद 311 का उल्लंघन हो। कोर्ट यह सुनिश्चित करता है कि प्रक्रिया निष्पक्ष और संवैधानिक हो। उदाहरण: अनुच्छेद 311 के उल्लंघन पर बर्खास्तगी रद्द।
महत्व: प्रशासनिक नियंत्रण: सरकार को कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक शक्ति। सेवा अनुशासन: कर्मचारियों की जवाबदेही। संघीय ढांचा: केंद्र और राज्यों की शक्ति। न्यायिक समीक्षा: बर्खास्तगी की वैधता पर निगरानी।
प्रमुख विशेषताएँ: प्रसादपर्यंत: राष्ट्रपति/राज्यपाल की शक्ति। संविदा कर्मचारी: अनुबंध के नियम। अनुच्छेद 311: प्रक्रियात्मक सुरक्षा। न्यायिक निगरानी: बर्खास्तगी की वैधता।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1950-1960 के दशक: IAS और IPS अधिकारियों की बर्खास्तगी प्रक्रिया। 2000 के दशक: संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति। 2025 स्थिति: डिजिटल प्रशासन में संविदा विशेषज्ञ।
चुनौतियाँ और विवाद: केंद्र-राज्य विवाद: बर्खास्तगी प्रक्रिया पर असहमति। न्यायिक समीक्षा: अनुच्छेद 311 के अनुपालन की जाँच। सुधार की माँग: सिविल सेवा नियमों का आधुनिकीकरण।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 308: "राज्य" की परिभाषा। अनुच्छेद 309: भर्ती और सेवा शर्तें। अनुच्छेद 311: बर्खास्तगी पर सुरक्षा। अनुच्छेद 312: अखिल भारतीय सेवाएँ।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 308: "राज्य" की परिभाषा। अनुच्छेद 309: भर्ती और सेवा शर्तें। अनुच्छेद 311: बर्खास्तगी पर सुरक्षा। अनुच्छेद 312: अखिल भारतीय सेवाएँ।
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