Recent Blogs

Article 290A of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-05 14:43:27
searchkre.com@gmail.com / 8392828781

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 290A

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 290A
अनुच्छेद 290A भारतीय संविधान के भाग XII(वित्त, संपत्ति, संविदाएँ और वाद) के अध्याय I(वित्त) में आता है। यह केरल और तमिलनाडु में मंदिरों के लिए योगदान(Contribution in respect of temples in Kerala and Tamil Nadu) से संबंधित है। यह प्रावधान केरल और तमिलनाडु सरकारों को कुछ मंदिरों के प्रबंधन और रखरखाव के लिए अपनी संगठित निधि से योगदान करने का निर्देश देता है। यह अनुच्छेद सातवें संशोधन(1956) द्वारा जोड़ा गया था।
"केरल और तमिलनाडु की सरकारें अपनी संगठित निधि से त्रावणकोर-कोचिन और मद्रास के कुछ मंदिरों के प्रबंधन और रखरखाव के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान करेंगी, जैसा कि संसद कानून द्वारा निर्धारित करे।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 290A का उद्देश्य केरल और तमिलनाडु सरकारों को त्रावणकोर-कोचिन और मद्रास(अब तमिलनाडु) के कुछ मंदिरों के प्रबंधन और रखरखाव के लिए वित्तीय योगदान करने का निर्देश देना है। यह प्रावधान धार्मिक और सांस्कृतिक संस्थानों के संरक्षण को सुनिश्चित करता है, जो ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व रखते हैं। इसका लक्ष्य राज्य सरकारों की जिम्मेदारी, वित्तीय समन्वय, और सांस्कृतिक संरक्षण को बढ़ावा देना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 290A को सातवें संवैधानिक संशोधन(1956) द्वारा जोड़ा गया। यह त्रावणकोर-कोचिन और मद्रास रियासतों के एकीकरण के बाद मंदिरों के प्रबंधन के लिए बनाया गया था। भारतीय संदर्भ: स्वतंत्रता के बाद, त्रावणकोर-कोचिन(अब केरल का हिस्सा) और मद्रास(अब तमिलनाडु) में मंदिरों का प्रबंधन रियासतों से राज्य सरकारों को हस्तांतरित हुआ। अनुच्छेद 290A ने इन मंदिरों के लिए वित्तीय व्यवस्था सुनिश्चित की। प्रासंगिकता: 2025 में, यह प्रावधान केरल और तमिलनाडु के प्रमुख मंदिरों(जैसे, श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरुपति मंदिर) के लिए वित्तीय सहायता सुनिश्चित करता है।
अनुच्छेद 290A के प्रमुख तत्व
मंदिरों के लिए योगदान: केरल और तमिलनाडु सरकारें अपनी संगठित निधि से त्रावणकोर-कोचिन और मद्रास के कुछ मंदिरों के लिए योगदान करेंगी। यह योगदान मंदिरों के प्रबंधन, रखरखाव, और धार्मिक गतिविधियों के लिए है। उदाहरण: 2025 में, केरल सरकार श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के लिए योगदान देती है।
संसद की शक्ति: संसद कानून द्वारा योगदान की राशि और प्रक्रिया निर्धारित करती है। यह सुनिश्चित करता है कि योगदान पारदर्शी और व्यवस्थित हो। उदाहरण: त्रावणकोर-कोचिन मंदिर प्रबंधन अधिनियम के तहत योगदान।
महत्व: सांस्कृतिक संरक्षण: ऐतिहासिक मंदिरों का रखरखाव। वित्तीय जिम्मेदारी: राज्यों की संगठित निधि से योगदान। संघीय ढांचा: केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय। न्यायिक समीक्षा: योगदान और प्रबंधन की वैधता पर कोर्ट की निगरानी।
प्रमुख विशेषताएँ: योगदान: मंदिरों के लिए वित्तीय सहायता। संसद की शक्ति: राशि और प्रक्रिया निर्धारण। सांस्कृतिक महत्व: मंदिरों का संरक्षण। संघीय ढांचा: वित्तीय समन्वय।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1956: सातवें संशोधन द्वारा अनुच्छेद 290A जोड़ा गया। 2000 के दशक: श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के लिए केरल सरकार का योगदान। 2025 स्थिति: तमिलनाडु सरकार का तिरुपति मंदिर के लिए योगदान।
चुनौतियाँ और विवाद: वित्तीय बोझ: राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय जिम्मेदारी। प्रबंधन विवाद: मंदिरों के प्रशासन पर असहमति। न्यायिक समीक्षा: योगदान और प्रबंधन की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 266: संगठित निधि। अनुच्छेद 280: वित्त आयोग। अनुच्छेद 290: व्यय समायोजन। अनुच्छेद 279A: GST परिषद।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh searchkre.com@gmail.com 8392828781

Our Services

Scholarship Information

Add Blogging

Course Category

Add Blogs

Coaching Information

Add Blogging

Add Blogging

Add Blogging

Our Course

Add Blogging

Add Blogging

Hindi Preparation

English Preparation

SearchKre Course

SearchKre Services

SearchKre Course

SearchKre Scholarship

SearchKre Coaching

Loan Offer

JP GROUP

Head Office :- A/21 karol bag New Dellhi India 110011
Branch Office :- 1488, adrash nagar, hapur, Uttar Pradesh, India 245101
Contact With Our Seller & Buyer