Article 286 of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-05 14:33:27
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 286
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 286
अनुच्छेद 286 भारतीय संविधान के भाग XII(वित्त, संपत्ति, संविदाएँ और वाद) के अध्याय I(वित्त) में आता है। यह राज्यों द्वारा बिक्री या खरीद पर कर लगाने की सीमाएँ(Restrictions as to imposition of tax on the sale or purchase of goods) से संबंधित है। यह प्रावधान राज्यों को वस्तुओं की बिक्री या खरीद पर कर लगाने की शक्ति पर प्रतिबंध लगाता है, विशेष रूप से अंतर-राज्य व्यापार और आयात-निर्यात से संबंधित मामलों में। 101वें संवैधानिक संशोधन(2016) के बाद, यह प्रावधान वस्तु और सेवा कर(GST) के संदर्भ में भी प्रासंगिक है।
"(1) कोई भी राज्य, वस्तुओं की बिक्री या खरीद पर कर नहीं लगा सकता, यदि:
(क) ऐसी बिक्री या खरीद राज्य के बाहर होती है।
(ख) ऐसी बिक्री या खरीद अंतर-राज्य व्यापार या वाणिज्य के दौरान होती है।
(ग) ऐसी बिक्री या खरीद भारत के आयात या निर्यात के दौरान होती है।
(2) संसद, कानून द्वारा, अंतर-राज्य व्यापार या वाणिज्य में बिक्री या खरीद पर कर लगाने के सिद्धांत निर्धारित कर सकती है।
(3) कोई भी राज्य, संसद द्वारा घोषित राष्ट्रीय महत्व की वस्तुओं पर कर नहीं लगा सकता, जब तक कि संसद कानून द्वारा अन्यथा प्रावधान न करे।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 286 का उद्देश्य राज्यों को वस्तुओं की बिक्री या खरीद पर कर लगाने की शक्ति पर प्रतिबंध लगाना है, ताकि अंतर-राज्य व्यापार, आयात-निर्यात, और राष्ट्रीय महत्व की वस्तुओं पर अनुचित कराधान से बचा जा सके। यह प्रावधान अंतर-राज्य व्यापार की स्वतंत्रता(अनुच्छेद 301) को बढ़ावा देता है और केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों में संतुलन सुनिश्चित करता है। इसका लक्ष्य आर्थिक एकीकरण, संघीय ढांचे में समन्वय, और GST ढांचे के तहत एकीकृत कर प्रणाली को समर्थन देना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 286 संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। यह भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित था, जिसमें प्रांतों की बिक्री कर शक्ति पर प्रतिबंध थे। भारतीय संदर्भ: स्वतंत्रता के बाद, राज्यों द्वारा बिक्री कर लगाने से अंतर-राज्य व्यापार में बाधाएँ उत्पन्न हो रही थीं। अनुच्छेद 286 ने इन प्रतिबंधों को लागू किया। प्रासंगिकता: 2025 में, GST के लागू होने के बाद यह प्रावधान पेट्रोलियम उत्पादों, शराब, और अन्य गैर-GST वस्तुओं पर लागू होता है।
अनुच्छेद 286 के प्रमुख तत्व
खंड(1): कर पर प्रतिबंध: कोई भी राज्य निम्नलिखित पर कर नहीं लगा सकता: राज्य के बाहर बिक्री या खरीद: जो राज्य की सीमा से बाहर होती है। अंतर-राज्य व्यापार: जो राज्यों के बीच होती है(अब IGST के तहत)। आयात-निर्यात: भारत के बाहर बिक्री या खरीद। उदाहरण: 2025 में, महाराष्ट्र सरकार गुजरात में होने वाली पेट्रोल बिक्री पर कर नहीं लगा सकती।
खंड(2): संसद की शक्ति: संसद कानून द्वारा अंतर-राज्य व्यापार में बिक्री या खरीद पर कर लगाने के सिद्धांत निर्धारित कर सकती है। यह शक्ति GST अधिनियम, 2017 के तहत IGST के लिए लागू होती है। उदाहरण: 2025 में, IGST की दरें GST परिषद और संसद के कानून के तहत निर्धारित।
खंड(3): राष्ट्रीय महत्व की वस्तुएँ: संसद द्वारा घोषित राष्ट्रीय महत्व की वस्तुओं(जैसे, समाचार पत्र, कपास) पर राज्य कर नहीं लगा सकते, जब तक संसद अन्यथा प्रावधान न करे। उदाहरण: 2025 में, पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य कर सीमित, क्योंकि वे GST से बाहर हैं।
महत्व: अंतर-राज्य व्यापार की स्वतंत्रता: व्यापार में बाधाओं को हटाना। संघीय ढांचा: केंद्र-राज्य कर शक्तियों में संतुलन। GST ढांचा: एकीकृत कर प्रणाली को समर्थन। न्यायिक समीक्षा: करों की वैधता पर कोर्ट की निगरानी।
प्रमुख विशेषताएँ: प्रतिबंध: राज्य के बाहर, अंतर-राज्य, और आयात-निर्यात पर कर। संसद की शक्ति: कर सिद्धांत निर्धारण। राष्ट्रीय महत्व: वस्तुओं पर कर प्रतिबंध। संघीय ढांचा: आर्थिक एकीकरण।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1950-1960 के दशक: राज्यों द्वारा अंतर-राज्य बिक्री पर कर विवाद। 2000 के दशक: केंद्रीय बिक्री कर(CST) के तहत समायोजन। 2025 स्थिति: पेट्रोलियम और शराब पर राज्य कर, GST से बाहर।
चुनौतियाँ और विवाद: केंद्र-राज्य तनाव: GST से बाहर वस्तुओं पर कर अधिकार। GST का प्रभाव: बिक्री कर की प्रासंगिकता कम।
System: न्यायिक समीक्षा: करों की वैधता और अनुच्छेद 286 के उल्लंघन पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 301: व्यापार और वाणिज्य की स्वतंत्रता। अनुच्छेद 269A: GST का संग्रह और वितरण। अनुच्छेद 279A: GST परिषद। अनुच्छेद 280: वित्त आयोग।
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jp Singh
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