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Article 280 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-05 14:20:39
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 280

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 280
अनुच्छेद 280 भारतीय संविधान के भाग XII(वित्त, संपत्ति, संविदाएँ और वाद) के अध्याय I(वित्त) में आता है। यह वित्त आयोग(Finance Commission) के गठन और उसकी जिम्मेदारियों से संबंधित है। यह प्रावधान केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संसाधनों के निष्पक्ष और व्यवस्थित वितरण को सुनिश्चित करने के लिए एक संवैधानिक निकाय की स्थापना करता है।
"(1) राष्ट्रपति, संविधान के प्रारंभ होने के दो वर्ष के भीतर और उसके बाद प्रत्येक पाँच वर्ष के अंत में, एक वित्त आयोग का गठन करेंगे, जिसमें एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य होंगे।
(2) संसद वित्त आयोग की योग्यताएँ और नियुक्ति की प्रक्रिया निर्धारित करेगी।
(3) वित्त आयोग की जिम्मेदारियाँ:
(क) केंद्र और राज्यों के बीच करों की शुद्ध आय का वितरण।
(ख) राज्यों को अनुदान-सहायता के सिद्धांत।
(ग) राज्यों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के उपाय।
(घ) संसद द्वारा सौंपे गए अन्य वित्तीय मामले।
(4) वित्त आयोग अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति को प्रस्तुत करेगा, जो उन्हें संसद के समक्ष रखेंगे।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 280 का उद्देश्य वित्त आयोग की स्थापना करना है, जो केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संसाधनों(करों और अनुदानों) के निष्पक्ष वितरण के लिए सिफारिशें देता है। यह प्रावधान सहकारी संघवाद को बढ़ावा देता है और राज्यों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है। इसका लक्ष्य आर्थिक असमानता को कम करना, वित्तीय पारदर्शिता, और संघीय ढांचे में संतुलन सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 280 संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। यह भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित था, जिसमें केंद्र और प्रांतों के बीच वित्तीय व्यवस्था थी। भारतीय संदर्भ: स्वतंत्रता के बाद, भारत के विभिन्न राज्यों में आर्थिक असमानता थी। वित्त आयोग ने केंद्र और राज्यों के बीच निष्पक्ष राजस्व वितरण सुनिश्चित किया।
प्रासंगिकता: 2025 में, वित्त आयोग(वर्तमान में 15वां वित्त आयोग, जिसका कार्यकाल 2020-2026 तक विस्तारित) डिजिटल अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन परियोजनाओं के लिए अनुदान और कर वितरण की सिफारिशें देता है।
अनुच्छेद 280 के प्रमुख तत्व
खंड(1): वित्त आयोग का गठन: राष्ट्रपति हर पाँच वर्ष में(या आवश्यकता अनुसार पहले) एक वित्त आयोग का गठन करते हैं। इसमें एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य होते हैं, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। उदाहरण: 2025 में, 15वां वित्त आयोग(अध्यक्ष: एन.के. सिंह) कार्यरत है।
खंड(2): संसद की शक्ति: संसद वित्त आयोग के सदस्यों की योग्यताएँ और नियुक्ति प्रक्रिया को कानून द्वारा निर्धारित करती है। यह सुनिश्चित करता है कि आयोग में वित्तीय और आर्थिक विशेषज्ञ शामिल हों। उदाहरण: वित्त आयोग अधिनियम, 1951 नियुक्ति प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
खंड(3): वित्त आयोग की जिम्मेदारियाँ: कर वितरण: केंद्र और राज्यों के बीच शुद्ध आय(जैसे, CGST, आयकर) का बंटवारा। अनुदान-सहायता: अनुच्छेद 275 के तहत राज्यों को अनुदान के सिद्धांत। वित्तीय सुधार: राज्यों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के उपाय। अन्य मामले: संसद द्वारा सौंपे गए अन्य वित्तीय मामले। उदाहरण: 2025 में, 15वां वित्त आयोग ने डिजिटल बुनियादी ढांचे और जलवायु परिवर्तन के लिए अनुदान की सिफारिश की।
खंड(4): सिफारिशों की प्रस्तुति: वित्त आयोग अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जो उन्हें संसद के समक्ष रखते हैं। यह सिफारिशें आमतौर पर सरकार द्वारा स्वीकार की जाती हैं, लेकिन बाध्यकारी नहीं हैं। उदाहरण: 2025 में, 15वें वित्त आयोग की सिफारिशें GST वितरण और अनुदान के लिए लागू।
महत्व: सहकारी संघवाद: केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय समन्वय। आर्थिक असमानता में कमी: आर्थिक रूप से कमजोर राज्यों को सहायता। पारदर्शिता: निष्पक्ष और विशेषज्ञ-आधारित सिफारिशें। न्यायिक समीक्षा: सिफारिशों की वैधता पर कोर्ट की निगरानी।
प्रमुख विशेषताएँ: वित्त आयोग: संवैधानिक निकाय। कर वितरण: केंद्र-राज्य बंटवारा। अनुदान: राज्यों की आवश्यकताएँ। संघीय ढांचा: सहकारी संघवाद।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1952: प्रथम वित्त आयोग(अध्यक्ष: के.सी. नियोगी) ने कर वितरण की सिफारिशें दीं। 2015-2020: 14वां वित्त आयोग(अध्यक्ष: वाई.वी. रेड्डी) ने राज्यों को 42% कर हिस्सा दिया। 2025 स्थिति: 15वां वित्त आयोग(2020-2026) डिजिटल और पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए अनुदान।
चुनौतियाँ और विवाद: केंद्र-राज्य तनाव: कर हिस्से और अनुदान पर असहमति। आर्थिक असमानता: कुछ राज्यों को अधिक अनुदान पर आपत्ति। न्यायिक समीक्षा: सिफारिशों की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 270: केंद्र-राज्य कर वितरण। अनुच्छेद 275: राज्यों को अनुदान। अनुच्छेद 279A: GST परिषद। अनुच्छेद 269A: GST का संग्रह और वितरण।
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