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Article 269 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-05 11:24:16
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 269

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 269
अनुच्छेद 269 भारतीय संविधान के भाग XII (वित्त, संपत्ति, संvidाएँ और वाद) के अध्याय I (वित्त) में आता है। यह केंद्र द्वारा लगाए और संग्रहित करों का राज्यों को आवंटन (Taxes levied and collected by the Union but assigned to the States) से संबंधित है। यह प्रावधान केंद्र द्वारा लगाए और संग्रहित कुछ करों (जैसे, अंतर-राज्यीय व्यापार पर कर) को राज्यों को वितरित करने की व्यवस्था करता है। 101वें संवैधानिक संशोधन (2016) के बाद, इस अनुच्छेद को वस्तु और सेवा कर (GST) के संदर्भ में संशोधित किया गया था, लेकिन इसका मूल ढांचा अब भी प्रासंगिक है।
"(1) संसद के कानून द्वारा केंद्र सरकार द्वारा लगाए और संग्रहित कर, जो सातवीं अनुसूची की संघ सूची में प्रविष्टि 92 और 92A में उल्लिखित हैं, राज्यों को आवंटित किए जाएँगे।
(2) इन करों से प्राप्त शुद्ध आय, जैसा कि संसद के कानून द्वारा निर्धारित हो, उन राज्यों को वितरित की जाएगी, जिनके क्षेत्र में वह कर लगाया गया है।
(3) संसद, कानून द्वारा, ऐसे करों के आवंटन और वितरण के सिद्धांतों और तरीके को निर्धारित कर सकती है।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 269 यह व्यवस्था करता है कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए और संग्रहित कुछ कर (जैसे, सातवीं अनुसूची की संघ सूची की प्रविष्टि 92 और 92A से संबंधित कर) राज्यों को आवंटित किए जाएँ। इन करों की शुद्ध आय भारत की संगठित निधि में जमा होती है, लेकिन संसद के कानून द्वारा निर्धारित तरीके से राज्यों को वितरित की जाती है। इसका लक्ष्य संघीय ढांचे में केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय समन्वय, राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता, और कर राजस्व का निष्पक्ष वितरण सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 269 संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है, जो 1950 में लागू हुआ। यह भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित है, जिसमें केंद्र और प्रांतों के बीच कर राजस्व के बंटवारे की व्यवस्था थी। संशोधन: 101वां संशोधन (2016): GST की शुरुआत के बाद, प्रविष्टि 92 (विक्रय कर) और 92A (अंतर-राज्यीय विक्रय पर कर) को हटा दिया गया, और इनका कार्य अनुच्छेद 269A के तहत GST ढांचे में समाहित हुआ। भारतीय संदर्भ: GST लागू होने से पहले, अंतर-राज्यीय व्यापार पर कर (जैसे, केंद्रीय विक्रय कर) केंद्र द्वारा संग्रहित और राज्यों को वितरित किए जाते थे। प्रासंगिकता: अनुच्छेद 269 अब भी उन करों के लिए प्रासंगिक है जो GST के दायरे से बाहर हैं, यदि कोई हो।
अनुच्छेद 269 के प्रमुख तत्व
खंड (1): केंद्र द्वारा लगाए और संग्रहित कर: संसद द्वारा बनाए गए कानून के तहत केंद्र सरकार कुछ विशिष्ट कर (संघ सूची की प्रविष्टि 92 और 92A) लगाती और संग्रह करती है। ये कर राज्यों को आवंटित किए जाते हैं। उदाहरण (ऐतिहासिक): 2016 से पहले, केंद्रीय विक्रय कर (CST) केंद्र द्वारा संग्रहित और राज्यों को वितरित किया जाता था।
खंड (2): राज्यों को वितरण: इन करों की शुद्ध आय उस राज्य को दी जाती है, जिसके क्षेत्र में वह कर लगाया गया। यह राशि भारत की संगठित निधि में जमा होती है, लेकिन राज्यों को वितरित की जाती है। उदाहरण: 2015 में, अंतर-राज्यीय व्यापार पर CST की राशि राज्यों को दी गई।
खंड (3): संसद की शक्ति: संसद कानून द्वारा करों के आवंटन और वितरण के सिद्धांत और तरीके निर्धारित कर सकती है। यह वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर होता है। उदाहरण: 2025 में, यदि कोई गैर-GST कर लागू होता है, तो उसका वितरण वित्त आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार होगा।
GST के बाद प्रभाव: 101वें संशोधन (2016) के बाद, प्रविष्टि 92 और 92A को हटा दिया गया, और अंतर-राज्यीय व्यापार पर कर अब GST के तहत अनुच्छेद 269A द्वारा नियंत्रित होते हैं। अनुच्छेद 269 अब सीमित दायरे में प्रासंगिक है, केवल उन करों के लिए जो GST के बाहर हो सकते हैं (यदि कोई हो)। उदाहरण (2025): यदि कोई नया कर (जैसे, विशिष्ट डिजिटल कर) GST के बाहर लागू होता है, तो अनुच्छेद 269 लागू हो सकता है।
महत्व: संघीय ढांचा: केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व साझेदारी। वित्तीय स्वायत्तता: राज्यों को कर राजस्व में हिस्सेदारी। प्रशासनिक दक्षता: कर संग्रह और वितरण में समन्वय। न्यायिक समीक्षा: कर वितरण की वैधता पर कोर्ट की निगरानी।
प्रमुख विशेषताएँ: केंद्र द्वारा कर: संग्रह और आवंटन। राज्यों को वितरण: शुद्ध आय। संसद की शक्ति: वितरण का तरीका। संघीय ढांचा: वित्तीय समन्वय।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1950-2016: केंद्रीय विक्रय कर (CST) केंद्र द्वारा संग्रहित और राज्यों को वितरित। 2016 के बाद: GST ने CST को समाहित किया। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में गैर-GST कर (यदि कोई हो) अनुच्छेद 269 के तहत वितरित।
8. चुनौतियाँ और विवाद: केंद्र-राज्य तनाव: कर वितरण पर असहमति (GST लागू होने से पहले)। प्रशासनिक जटिलताएँ: वितरण प्रक्रिया में देरी। न्यायिक समीक्षा: कर वितरण की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
1संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 265: कानून के बिना कराधान पर निषेध। अनुच्छेद 266: संगठित निधि और लोक लेखा। अनुच्छेद 269A: GST का संग्रह और वितरण। सातवीं अनुसूची: संघ सूची (प्रविष्टि 92, 92A, अब निरसन)।
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