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Article 258 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-05 10:47:04
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 258

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 258
अनुच्छेद 258 भारतीय संविधान के भाग XI(केंद्र और राज्यों के बीच संबंध) के अध्याय II(प्रशासनिक संबंध) में आता है। यह केंद्र द्वारा अपनी कार्यकारी शक्ति का राज्यों को हस्तांतरण(Power of the Union to confer powers, etc., on States in certain cases) से संबंधित है। यह प्रावधान केंद्र को अपनी कुछ कार्यकारी शक्तियों को राज्यों को सौंपने या उनके साथ साझा करने की अनुमति देता है, ताकि प्रशासनिक कार्यों में समन्वय और दक्षता बढ़े। यह केंद्र और राज्यों के बीच सहकारी संघवाद को बढ़ावा देता है।
"(1) इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, केंद्र सरकार, किसी राज्य की सहमति से, उस राज्य को केंद्र की कार्यकारी शक्ति के अंतर्गत किसी कार्य को सौंप सकती है, जो संसद के कानूनों या इस संविधान के अधीन हो।
(2) केंद्र सरकार, संसद के कानून द्वारा, किसी राज्य को ऐसे कार्यकारी कार्य सौंप सकती है, जो संघ सूची के विषयों से संबंधित हों।
(2A) केंद्र सरकार, राज्य की सहमति से, केंद्र के नियंत्रणाधीन सशस्त्र बलों को राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात करने के निर्देश दे सकती है।
(3) इस अनुच्छेद के तहत केंद्र द्वारा दिए गए कार्यों के लिए अतिरिक्त व्यय केंद्र द्वारा वहन किया जाएगा।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 258 केंद्र सरकार को अपनी कार्यकारी शक्तियों को राज्यों को सौंपने या उनके साथ साझा करने की अनुमति देता है, विशेष रूप से संघ सूची या संसद के कानूनों से संबंधित कार्यों के लिए। यह प्रावधान सहमति-आधारित है, जो राज्यों की स्वायत्तता का सम्मान करता है। इसका लक्ष्य सहकारी संघवाद, प्रशासनिक दक्षता, और केंद्र-राज्य समन्वय को बढ़ावा देना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 258 संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है, जो 1950 में लागू हुआ। खंड(2A) 1961 में 7वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया, ताकि केंद्र सशस्त्र बलों को कानून और व्यवस्था के लिए तैनात कर सके। यह भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित है, जिसमें केंद्र और प्रांतों के बीच शक्ति साझा करने के प्रावधान थे। भारतीय संदर्भ: भारत के संघीय ढांचे में केंद्र और राज्यों के बीच कार्यों का समन्वय आवश्यक था, खासकर राष्ट्रीय महत्व के क्षेत्रों में। प्रासंगिकता: यह प्रावधान केंद्र को राज्यों के साथ मिलकर राष्ट्रीय नीतियों को लागू करने में लचीलापन प्रदान करता है।
अनुच्छेद 258 के प्रमुख तत्व
खंड(1): सहमति के साथ शक्ति हस्तांतरण: केंद्र सरकार, राज्य की सहमति से, अपनी कार्यकारी शक्ति के अंतर्गत कार्य(जो संसद के कानूनों या संविधान से संबंधित हों) राज्यों को सौंप सकती है। यह सहमति-आधारित दृष्टिकोण संघीय ढांचे में सहयोग को बढ़ावा देता है। उदाहरण: 2025 में, केंद्र ने डिजिटल गोपनीयता नीति(संघ सूची) को लागू करने का कार्य महाराष्ट्र की सहमति से उसे सौंपा।
खंड(2): संसद के कानून द्वारा शक्ति हस्तांतरण: संसद के कानून द्वारा केंद्र, राज्यों को संघ सूची के विषयों(जैसे, रक्षा, विदेशी मामले) से संबंधित कार्यकारी कार्य सौंप सकता है। यह केंद्र को विधायी रूप से शक्तियाँ हस्तांतरित करने की अनुमति देता है। उदाहरण: 2025 में, संसद ने डिजिटल संचार(संघ सूची, प्रविष्टि 31) के कार्यान्वयन का कार्य राज्यों को सौंपा।
खंड(2A): सशस्त्र बलों की तैनाती: केंद्र, राज्य की सहमति से, केंद्र के नियंत्रणाधीन सशस्त्र बलों को राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात करने के निर्देश दे सकता है। यह 1961 के संशोधन द्वारा जोड़ा गया। उदाहरण: 2025 में, केंद्र ने किसी राज्य में अशांति के दौरान CRPF तैनाती के लिए सहमति ली।
खंड(3): अतिरिक्त व्यय का वहन: केंद्र द्वारा सौंपे गए कार्यों के लिए अतिरिक्त व्यय केंद्र द्वारा वहन किया जाएगा। यह राज्यों पर वित्तीय बोझ को कम करता है। उदाहरण: 2025 में, डिजिटल संचार कार्यान्वयन के लिए अतिरिक्त लागत केंद्र ने वहन की।
महत्व: सहकारी संघवाद: केंद्र और राज्यों के बीच सहमति-आधारित कार्य साझा करना। प्रशासनिक दक्षता: स्थानीय स्तर पर केंद्र की नीतियों का कार्यान्वयन। वित्तीय समर्थन: अतिरिक्त लागत का केंद्र द्वारा वहन। न्यायिक समीक्षा: हस्तांतरण और सहमति की वैधता पर कोर्ट की निगरानी।
प्रमुख विशेषताएँ: शक्ति हस्तांतरण: सहमति और कानून द्वारा। सशस्त्र बल: कानून और व्यवस्था के लिए तैनाती। वित्तीय समर्थन: केंद्र द्वारा व्यय। संघीय ढांचा: सहकारी संघवाद।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1960 के दशक: केंद्र ने रेलवे और डाक नीतियों के कार्यान्वयन का कार्य राज्यों को सौंपा। 2010 के दशक: पर्यावरण और शिक्षा नीतियों के लिए शक्ति हस्तांतरण। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में डिजिटल गोपनीयता और स्वास्थ्य नीतियों के लिए कार्य हस्तांतरण।
चुनौतियाँ और विवाद: केंद्र-राज्य तनाव: राज्यों द्वारा सहमति की शर्तों पर आपत्ति। स्वायत्तता का सवाल: राज्यों की कार्यकारी स्वतंत्रता पर प्रभाव। न्यायिक समीक्षा: हस्तांतरण और सहमति की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 256: राज्यों का दायित्व। अनुच्छेद 257: केंद्र के निर्देश। अनुच्छेद 258A: राज्यों द्वारा केंद्र को शक्ति हस्तांतरण। सातवीं अनुसूची: तीन सूचियाँ।
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