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Article 257 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-05 10:45:27
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 257

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 257
अनुच्छेद 257 भारतीय संविधान के भाग XI(केंद्र और राज्यों के बीच संबंध) के अध्याय II(प्रशासनिक संबंध) में आता है। यह केंद्र की कार्यकारी शक्ति का राज्यों पर नियंत्रण(Control of the Union over States in certain cases) से संबंधित है। यह प्रावधान केंद्र को राज्यों को निर्देश देने की शक्ति देता है ताकि यह सुनिश्चित हो कि राज्यों की कार्यकारी शक्ति का प्रयोग केंद्र की कार्यकारी शक्ति के प्रभावी संचालन में बाधा न डाले। यह केंद्र और राज्यों के बीच प्रशासनिक समन्वय को और सुदृढ़ करता है।
"(1) प्रत्येक राज्य की कार्यकारी शक्ति का प्रयोग इस प्रकार किया जाएगा कि वह केंद्र की कार्यकारी शक्ति के प्रयोग में बाधा न डाले, और केंद्र की कार्यकारी शक्ति राज्यों को ऐसे निर्देश देने तक विस्तृत होगी, जो इस उद्देश्य के लिए आवश्यक हों।
(2) केंद्र, राज्य को रेलवे, डाक, तार, और अन्य संचार साधनों के संचालन के लिए निर्देश दे सकता है।
(3) केंद्र, राष्ट्रीय राजमार्गों और जलमार्गों के निर्माण और रखरखाव के लिए राज्य को निर्देश दे सकता है।
(4) इस अनुच्छेद के तहत केंद्र द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करने में होने वाला अतिरिक्त व्यय केंद्र द्वारा वहन किया जाएगा।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 257 यह सुनिश्चित करता है कि राज्यों की कार्यकारी शक्ति का प्रयोग केंद्र की कार्यकारी शक्ति के प्रभावी संचालन में बाधा न डाले। यह केंद्र को राज्यों को निर्देश देने का अधिकार देता है, विशेष रूप से राष्ट्रीय महत्व के क्षेत्रों(जैसे, रेलवे, संचार, राष्ट्रीय राजमार्ग) में। इसका लक्ष्य संघीय ढांचे में प्रशासनिक समन्वय, राष्ट्रीय एकता, और केंद्र की प्रभुता को बनाए रखना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 257 संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है, जो 1950 में लागू हुआ। यह भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित है, जिसमें केंद्र को प्रांतों पर प्रशासनिक नियंत्रण की शक्ति थी। भारतीय संदर्भ: भारत के संघीय ढांचे में केंद्र को राष्ट्रीय महत्व के क्षेत्रों में राज्यों पर नियंत्रण की आवश्यकता थी ताकि एकरूपता और दक्षता बनी रहे। प्रासंगिकता: यह प्रावधान केंद्र को राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे और नीतियों के कार्यान्वयन में राज्यों के साथ समन्वय करने की शक्ति देता है।
अनुच्छेद 257 के प्रमुख तत्व
खंड(1): केंद्र का सामान्य नियंत्रण: राज्यों की कार्यकारी शक्ति का प्रयोग इस तरह होना चाहिए कि वह केंद्र की कार्यकारी शक्ति के संचालन में बाधा न डाले। केंद्र राज्यों को निर्देश दे सकता है ताकि यह सुनिश्चित हो कि केंद्र की नीतियाँ प्रभावी ढंग से लागू हों। उदाहरण: 2025 में, केंद्र ने राज्यों को डिजिटल गोपनीयता नीति लागू करने के लिए निर्देश दिए। खंड(2): संचार और रेलवे पर निर्देश: केंद्र राज्यों को रेलवे, डाक, तार, और अन्य संचार साधनों के संचालन के लिए निर्देश दे सकता है। यह राष्ट्रीय महत्व के बुनियादी ढांचे पर केंद्र का नियंत्रण सुनिश्चित करता है। उदाहरण: 2025 में, केंद्र ने राज्यों को डिजिटल संचार नेटवर्क के रखरखाव के लिए निर्देश जारी किए।
खंड(3): राष्ट्रीय राजमार्ग और जलमार्ग: केंद्र राज्यों को राष्ट्रीय राजमार्गों और जलमार्गों के निर्माण और रखरखाव के लिए निर्देश दे सकता है। यह राष्ट्रीय परिवहन नेटवर्क की एकरूपता सुनिश्चित करता है। उदाहरण: 2025 में, केंद्र ने राज्यों को राष्ट्रीय राजमार्गों के डिजिटल टोल प्रणाली के लिए निर्देश दिए।
खंड(4): अतिरिक्त व्यय का वहन: केंद्र के निर्देशों के अनुपालन में राज्यों द्वारा किए गए अतिरिक्त व्यय को केंद्र द्वारा वहन किया जाएगा। यह राज्यों पर वित्तीय बोझ को कम करता है। उदाहरण: 2025 में, डिजिटल संचार नेटवर्क के लिए अतिरिक्त लागत केंद्र द्वारा वहन की गई।
महत्व: राष्ट्रीय एकता: राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे और नीतियों में एकरूपता। केंद्र की प्रभुता: राज्यों पर प्रशासनिक नियंत्रण। संघीय समन्वय: केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग। वित्तीय समर्थन: अतिरिक्त व्यय का केंद्र द्वारा वहन।
प्रमुख विशेषताएँ: केंद्र के निर्देश: राष्ट्रीय महत्व के क्षेत्र। राज्यों का दायित्व: केंद्र की नीतियों का अनुपालन। वित्तीय समर्थन: अतिरिक्त लागत का वहन। संघीय ढांचा: केंद्र-राज्य समन्वय।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1960 के दशक: रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए केंद्र के निर्देश। 2010 के दशक: डिजिटल संचार और पर्यावरण नीतियों के लिए निर्देश। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में डिजिटल संचार और राष्ट्रीय राजमार्गों पर केंद्र के निर्देश।
चुनौतियाँ और विवाद: केंद्र-राज्य तनाव: राज्यों द्वारा केंद्र के निर्देशों पर आपत्ति। स्वायत्तता का सवाल: राज्यों की कार्यकारी स्वतंत्रता पर प्रभाव। न्यायिक समीक्षा: केंद्र के निर्देशों की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 256: राज्यों का दायित्व। अनुच्छेद 258: केंद्र की शक्ति का राज्यों को हस्तांतरण। अनुच्छेद 356: राष्ट्रपति शासन। सातवीं अनुसूची: तीन सूचियाँ।
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