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Article 246A of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-05 10:11:39
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 246A

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 246A
अनुच्छेद 246A भारतीय संविधान के भाग XI(केंद्र और राज्यों के बीच विधायी संबंध) में आता है। यह वस्तु और सेवा कर(GST) से संबंधित विशेष विधायी शक्तियों(Special provision with respect to Goods and Services Tax) को परिभाषित करता है। यह प्रावधान 101वें संशोधन(2016) के द्वारा जोड़ा गया, जिसने भारत में वस्तु और सेवा कर(GST) प्रणाली को लागू करने के लिए संवैधानिक ढांचा प्रदान किया। यह केंद्र और राज्यों को GST से संबंधित विधियाँ बनाने की साझा शक्ति देता है।
"(1) अनुच्छेद 246 में किसी बात के होते हुए भी, संसद और प्रत्येक राज्य का विधानमंडल वस्तु और सेवा कर(GST) के संबंध में, जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है, विधि बनाने की शक्ति रखेगा, सिवाय इसके कि संसद को अंतर-राज्यीय आपूर्ति या आयात पर वस्तु और सेवा कर लगाने के लिए विशेष रूप से विधि बनाने का अधिकार होगा।
(2) संसद को अनुच्छेद 269A के अधीन एकत्रित वस्तु और सेवा कर से संबंधित विधि बनाने का विशेष अधिकार होगा।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 246A वस्तु और सेवा कर(GST) के लिए केंद्र और राज्यों को साझा विधायी शक्ति प्रदान करता है। यह 101वें संशोधन(2016) के माध्यम से जोड़ा गया, जिसने भारत में एकीकृत कर प्रणाली लागू की। इसका लक्ष्य कर प्रणाली में एकरूपता, आर्थिक एकीकरण, और संघीय ढांचे में केंद्र-राज्य समन्वय को बढ़ावा देना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 246A को 101वें संशोधन(2016) द्वारा जोड़ा गया, जिसने GST को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन किया। यह सातवीं अनुसूची में परिवर्तन के साथ मिलकर कार्य करता है, जिसमें कई कर-संबंधी प्रविष्टियाँ(जैसे, वैट, बिक्री कर) हटाई गईं। भारतीय संदर्भ: 2016 से पहले, भारत में कर प्रणाली जटिल थी, जिसमें केंद्र और राज्यों के अलग-अलग कर(जैसे, उत्पाद शुल्क, वैट, सेवा कर) थे। GST ने इसे एकीकृत किया। प्रासंगिकता: यह प्रावधान GST के माध्यम से कर प्रशासन को सरल और पारदर्शी बनाता है।
अनुच्छेद 246A के प्रमुख तत्व
खंड(1): साझा शक्ति और संसद की विशेष शक्ति: संसद और राज्य विधानमंडल दोनों को वस्तु और सेवा कर(GST) के संबंध में विधि बनाने की शक्ति है, जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लागू होता है। संसद को अंतर-राज्यीय आपूर्ति और आयात पर GST लगाने के लिए विशेष शक्ति दी गई है। उदाहरण: 2025 में, संसद ने अंतर-राज्यीय GST(IGST) पर विधि बनाई, जबकि महाराष्ट्र ने राज्य GST(SGST) पर नियम बनाए।
खंड(2): अनुच्छेद 269A के तहत संसद की शक्ति: संसद को अनुच्छेद 269A के तहत एकत्रित GST(जैसे, IGST) से संबंधित विधि बनाने का विशेष अधिकार है। यह केंद्र को अंतर-राज्यीय व्यापार पर नियंत्रण देता है। उदाहरण: 2025 में, संसद ने IGST के वितरण पर नियम बनाए।
महत्व: कर एकीकरण: जटिल कर प्रणाली को एकल GST में समाहित करना। संघीय समन्वय: केंद्र और राज्यों की साझा शक्ति। आर्थिक विकास: व्यापार और निवेश को बढ़ावा। पारदर्शिता: एकीकृत और डिजिटल कर प्रणाली।
प्रमुख विशेषताएँ: साझा शक्ति: GST पर केंद्र और राज्य। विशेष शक्ति: अंतर-राज्यीय GST पर संसद। GST परिषद: नीति निर्माण(अनुच्छेद 279A)। एकीकरण: कर प्रणाली में एकरूपता।
ऐतिहासिक उदाहरण: 2017: GST को पूरे भारत में लागू किया गया। 2010 के दशक: GST परिषद ने कर दरें और नियम निर्धारित किए। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में GST का डिजिटल प्रबंधन और पारदर्शिता।
चुनौतियाँ और विवाद: केंद्र-राज्य तनाव: GST राजस्व के वितरण पर विवाद। GST परिषद की भूमिका: राज्यों की स्वायत्तता पर सवाल। न्यायिक समीक्षा: GST से संबंधित विधियों की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
न्यायिक व्याख्या: यूनियन ऑफ इंडिया बनाम मोहित मिनरल्स(2022): GST परिषद की सिफारिशें बाध्यकारी नहीं, केवल सलाहकारी।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 245: विधायी शक्तियों की क्षेत्रीय सीमा। अनुच्छेद 246: विधायी शक्तियों का बंटवारा। अनुच्छेद 269A: IGST का संग्रह और वितरण। अनुच्छेद 279A: GST परिषद।
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