Article 243ZE of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-04 15:17:18
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243ZE
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243ZE
अनुच्छेद 243ZE भारतीय संविधान के भाग IX-A(नगरपालिकाएँ) में आता है। यह महानगर योजना समिति(Metropolitan Planning Committee) से संबंधित है। यह प्रावधान महानगरीय क्षेत्रों में समन्वित विकास के लिए एक योजना समिति के गठन को अनिवार्य करता है ताकि शहरी और आसपास के क्षेत्रों के लिए एकीकृत विकास योजनाएँ बनाई जा सकें। यह अनुच्छेद 74वें संशोधन(1992) के द्वारा जोड़ा गया, जिसने शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
"(1) प्रत्येक महानगरीय क्षेत्र में एक महानगर योजना समिति गठित की जाएगी, जो उस क्षेत्र के लिए विकास योजना का मसौदा तैयार करेगी।
(2) महानगर योजना समिति में
(क) कम से कम दो-तिहाई सदस्य नगरपालिकाओं और पंचायतों से निर्वाचित होंगे, जैसा कि राज्य विधानमंडल द्वारा निर्धारित हो;
(ख) समिति की संरचना और कार्य राज्य विधानमंडल द्वारा बनाई गई विधि द्वारा निर्धारित होंगे।
(3) महानगर योजना समिति, योजना बनाते समय, आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के मामलों को ध्यान में रखेगी और जिला योजना समितियों की योजनाओं को समेकित करेगी।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 243ZE महानगर योजना समिति(MPC) के गठन को अनिवार्य करता है ताकि महानगरीय क्षेत्रों(जैसे, दिल्ली, मुंबई) में समन्वित विकास योजनाएँ बनाई जा सकें। यह समिति नगरपालिकाओं और पंचायतों की योजनाओं को समेकित करती है और आर्थिक विकास व सामाजिक न्याय को बढ़ावा देती है। इसका लक्ष्य शहरी स्वशासन में समन्वित और टिकाऊ विकास, लोकतांत्रिक भागीदारी, और संघीय ढांचे में ग्रामीण-शहरी समन्वय सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान 74वें संशोधन(1992) द्वारा जोड़ा गया, जो अनुच्छेद 243ZD(जिला योजना समिति) से प्रेरित है। यह महानगरीय क्षेत्रों में तेजी से बढ़ते शहरीकरण को संबोधित करने के लिए बनाया गया। भारतीय संदर्भ: 1992 से पहले, महानगरीय क्षेत्रों में समन्वित योजना का अभाव था, जिसके कारण अनियोजित विकास हुआ। इस संशोधन ने इसे संवैधानिक आधार दिया। प्रासंगिकता: यह प्रावधान बड़े शहरों में टिकाऊ और समन्वित विकास को बढ़ावा देता है।
अनुच्छेद 243ZE के प्रमुख तत्व
खंड(1): महानगर योजना समिति का गठन: प्रत्येक महानगरीय क्षेत्र(तीन लाख से अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र, अनुच्छेद 243P के तहत परिभाषित) में एक महानगर योजना समिति गठित होगी। यह समिति विकास योजना का मसौदा तैयार करेगी। उदाहरण: 2025 में, दिल्ली में MPC ने शहरी परिवहन और स्वच्छता योजना तैयार की।
खंड(2): संरचना और कार्य: संरचना: समिति में कम से कम दो-तिहाई सदस्य नगरपालिकाओं और पंचायतों से निर्वाचित होंगे। कार्य: समिति की संरचना और कार्य राज्य विधानमंडल द्वारा निर्धारित होंगे। उदाहरण: 2025 में, मुंबई MPC में 70% निर्वाचित सदस्य शामिल।
खंड(3): योजना का दायरा: समिति योजनाएँ बनाते समय आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय को ध्यान में रखेगी। यह जिला योजना समितियों(अनुच्छेद 243ZD) की योजनाओं को समेकित करेगी। उदाहरण: 2025 में, बेंगलुरु MPC ने पर्यावरण संरक्षण और गरीबी उन्मूलन योजनाएँ बनाईं।
महत्व: समन्वित विकास: महानगरीय क्षेत्रों में शहरी-ग्रामीण योजना एकीकरण। लोकतांत्रिक भागीदारी: निर्वाचित सदस्यों की बहुलता। सामाजिक न्याय: हाशिए के समुदायों के लिए योजनाएँ। संघीय ढांचा: केंद्र, राज्य, और स्थानीय निकायों में समन्वय।
प्रमुख विशेषताएँ: महानगर योजना समिति: समन्वित योजना। निर्वाचित सदस्य: दो-तिहाई बहुलता। आर्थिक विकास: सामाजिक न्याय। राज्य विधानमंडल: नियम निर्धारण।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1993 के बाद: महानगरीय क्षेत्रों में MPC का गठन शुरू। 2000 के दशक: दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में समन्वित योजनाएँ। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में MPC की योजनाओं का डिजिटल प्रबंधन और निगरानी।
चुनौतियाँ और विवाद: कार्यान्वयन में कमी: कुछ राज्यों में MPC प्रभावी नहीं। संसाधन की कमी: योजनाओं के लिए अपर्याप्त निधि। न्यायिक समीक्षा: MPC की संरचना और कार्यों की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 243ZD: जिला योजना समिति। अनुच्छेद 243W: नगरपालिकाओं की शक्तियाँ। अनुच्छेद 243P: महानगरीय क्षेत्र की परिभाषा।
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jp Singh
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