Article 243 Y of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-04 13:46:02
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243Y
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243Y
अनुच्छेद 243Y भारतीय संविधान के भाग IX-A(नगरपालिकाएँ) में आता है। यह वित्त आयोग(Finance Commission) से संबंधित है। यह प्रावधान नगरपालिकाओं के वित्तीय संसाधनों की समीक्षा और सिफारिशों के लिए राज्य स्तर पर गठित वित्त आयोग की भूमिका को परिभाषित करता है। यह अनुच्छेद 74वें संशोधन(1992) के द्वारा जोड़ा गया, जिसने शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
"(1) अनुच्छेद 243I के अधीन गठित वित्त आयोग को यह भी कर्तव्य सौंपा जाएगा कि वह नगरपालिकाओं के वित्तीय संसाधनों की स्थिति की समीक्षा करे और इस संबंध में सिफारिशें करे।
(2) वित्त आयोग निम्नलिखित के लिए सिफारिशें करेगा:
(क) राज्य और नगरपालिकाओं के बीच करों, शुल्कों, और अन्य प्राप्तियों के शुद्ध आय के वितरण के लिए उपाय;
(ख) नगरपालिकाओं को दिए जाने वाले अनुदानों के लिए सिद्धांत;
(ग) नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए उपाय।
(3) वित्त आयोग की सिफारिशें और उनके संबंध में राज्यपाल द्वारा की गई कार्रवाई विधान-मंडल के समक्ष रखी जाएगी।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 243Y राज्य वित्त आयोग को नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा और सिफारिशें करने का दायित्व सौंपता है। यह सुनिश्चित करता है कि नगरपालिकाओं को उनके कार्यों(जैसे, शहरी नियोजन, स्वच्छता) के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध हों। इसका लक्ष्य शहरी स्वशासन में वित्तीय स्वायत्तता और जवाबदेही को बढ़ावा देना, लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को सशक्त करना, और संघीय ढांचे में समन्वय सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान 74वें संशोधन(1992) द्वारा जोड़ा गया, जो अनुच्छेद 243I(पंचायतों के लिए वित्त आयोग) से प्रेरित है। यह शहरी शासन में वित्तीय संसाधनों के समन्वय के लिए बनाया गया। भारतीय संदर्भ: 1992 से पहले, नगरपालिकाएँ वित्तीय संसाधनों के लिए राज्य सरकारों पर निर्भर थीं। इस संशोधन ने वित्त आयोग के माध्यम से व्यवस्थित वित्तीय समर्थन सुनिश्चित किया। प्रासंगिकता: यह प्रावधान शहरी क्षेत्रों में प्रभावी प्रशासन और विकास के लिए वित्तीय संसाधन सुनिश्चित करता है।
अनुच्छेद 243Y के प्रमुख तत्व
खंड(1): वित्त आयोग की भूमिका: अनुच्छेद 243I के तहत गठित राज्य वित्त आयोग को नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा का दायित्व सौंपा गया है। यह आयोग पंचायतों और नगरपालिकाओं दोनों के लिए सिफारिशें करता है। उदाहरण: 2025 में, महाराष्ट्र वित्त आयोग ने मुंबई नगर निगम के लिए संसाधन सिफारिशें कीं।
खंड(2): सिफारिशों का दायरा: वित्त आयोग निम्नलिखित के लिए सिफारिशें करता है: करों का वितरण: राज्य और नगरपालिकाओं के बीच करों, शुल्कों, और अन्य आय का बंटवारा। अनुदान: नगरपालिकाओं को दिए जाने वाले अनुदानों के सिद्धांत। वित्तीय सुदृढ़ीकरण: नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के उपाय।
पारदर्शिता: विधानमंडल प्रस्तुति।उदाहरण: 1993 के बाद: राज्यों में वित्त आयोगों का गठन शुरू। 2000 के दशक:
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 243I: पंचायतों के लिए वित्त आयोग। अनुच्छेद 243X: नगरपालिकाओं की कर शक्तियाँ। अनुच्छेद 243W: नगरपालिकाओं की शक्तियाँ।
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jp Singh
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